सुप्रीम कोर्ट में हाई वोल्टेज ड्रामा: भरी अदालत में जज के सामने चिल्लाए प्रशांत भूषण, कोर्ट में बैठे लोगों में हुई धक्का-मुक्की
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को जजों के घूस लेने के मामले में सुनवाई के दौरान हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। दरअसल, जस्टिस चेलमेश्वर की दो जजो वाली बेंच ने इस मामले की सुनवाई के लिए संवैधानिक पीठ के गठन आदेश दिया था। शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने इस आदेश को रद्द करते हुए कहा कि दो जजों की बेंच संवैधानिक पीठ बनाने का आदेश नहीं दे सकती। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद वकील प्रशांत भूषण और अन्य जजों के बीच तीखी नोंक झोक देखने को मिली।
प्रशांत भूषण को कोर्ट ने लगाई फटकार
प्रशांत भूषण कोर्ट के इस आदेश से काफी नाराज दिख रह थे। प्रशांत भूषण ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा से कहा कि इस मामले में कथित तौर पर आपका नाम भी शामिल हैं ऐसे में आप इस मामले की सुनवाई कैसे कर सकते हैं। इसके जवाब में मुख्य न्यायाधीश ने कड़ा एतराज जताते हुए उन्हें नियमों को पढ़ने और मानसिक संतुलन न खोने की सलाह दी। जस्टिट अरुण मिश्रा ने भी प्रशांत भूषण को फटकार लगाते हुए कहा कि चीफ जस्टिस 'मास्टर ऑफ रोल' होता है। ऐसे में चीफ जस्टिस को यह कहना कि आप किसी मामले की सुनवाई नहीं कर सकते क तरह से अदालत की अवमानना है।
चीफ जस्टिस ने दी अवमानना की चेतावनी
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने भी प्रशांत भूषण को चेतावनी देते हुए कहा, 'मेरे खिलाफ कोई एफआर नहीं है। आप बकवास कर रहे हैं। आप एक बार उस एफआईआर को फिर से पढ़िए, उसमें कहीं भी मुझे आरोपी बनाने वाला एक भी शब्द नहीं है। आप आदेश को पहले पढ़िए। आपके ऊपर अब अवमानना का केस बन सकता है।' प्रशांत भूषण ने इस पर पीठ को चुनौती देते हुए आप मेरे अवमानना का केस चला दीजिए। फिर चीफ जस्टिस ने कहा कि आपके ऊपर अवमानना का केस चले, आप इस लायक नहीं हैं।
कोर्ट से बाहर निकल गए प्रशांत भूषण
इस हंगामें और शोर शराबे के बाद गुस्साए प्रशांत भूषण कोर्ट रूम से बाहर निकल गए। प्रशांत भूषण ने बाहर निकल कर बेंच पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि कोर्ट रूम से बाहर निकलते समय उनके साथ धक्का-मुक्की भी हुई। इस हंगामें के बाद प्रशांत भूषण ने ट्वीट कर कहा, 'मेडिकल कॉलेज घूस मामले में कथित तौर पर चीफ जस्टिस का भी नाम है। ऐसे में इस मामले में एसआईटी जांच की मांग की याचिका पर चीफ जस्टिस सुनावई करना 'हितों का टकराव' है।
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