सरकार की आलोचना करने वाले मणिपुर के जर्नालिस्ट को हाईकोर्ट ने किया रिहा
इंफाल। मणिपुर उच्च न्यायालय ने सोमवार को पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम की रिहाई के आदेश जारी कर दिया। उन्हें पिछले साल नवंबर में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत हिरासत में लिया गया था। दरअसल वांगखेम को सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और आरएसएस की आलोचना करते हुए वीडियो अपलोड किया था। जिसके बाद नवंबर 2018 में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत गिरफ्तार किया गया था।
उनकी पत्नी, रंजीता एलंगबाम ने बताया कि, हाईकोर्ट ने कुछ देर पहले ही उनकी रिहाई का आदेश दिया है। हम अदालत के आदेश की प्रति का इंतजार कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि वह शाम तक जेल से बाहर आ जाएंगे। उच्च न्यायालय ने 4 मार्च को रंजीता द्वारा उनकी रिहाई के लिए दायर की गई याचिका की सुनवाई पूरी कर ली थी लेकिन अपने फैसला को सुरक्षित रख लिया था। उन्होंने कहा, मैं रिहाई की खबर से बहुत राहत महसूस कर रही हूं क्योंकि वह गंभीर रूप से बीमार हैं और उन्हें उचित इलाज की जरूरत है। मार्च के मध्य से किशोरचंद्र की सेहत ठीक नहीं थी और उनका इम्फाल के सरकारी अस्पताल जवाहरलाल नेहरू इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (जिम्स) में इलाज चल रहा है।
दो नाबालिग बेटियों के पिता और इम्फाल के क्षेत्रीय समाचार चैनल ISTV के डेस्क एडिटर वांगकेम को फेसबुक पर सरकार और मुख्यमंत्री के खिलाफ वीडियो अपलोड करने के आरोप में 21 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने फेसबुक पर एक वीडियो के जरिये मुख्यमंत्री बीरेन सिंह और साथ ही पीएम मोदी की कथित तौर पर आलोचना की थी। दरअसल, पत्रकार वांगखेम ने अपने फेसबुक पर झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की जयंती पर एक वीडियो अपलोड किया था, जिसमें उन्होंने मणिपुर की बीजेपी सरकार की आलोचना की थी।
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इस वीडियो में वांगखेम ने कहा था, 'मैं दुखी और हैरान हूं कि मणिपुर की सरकार लक्ष्मीबाई की जयंती (19 नवंबर को) मना रही है। मुख्यमंत्री यह दावा करते हैं कि भारत को एकता के सूत्र में पिराने में झांसी की रानी का योगदान था। लेकिन, मणिपुर के लिए उन्होंने कुछ नहीं किया। उन्होंने राज्य की बीजेपी सरकार पर यह आरोप लगाया था कि मणिपुर सरकार ऐसा केवल इसलिए कर रही है क्योंकि केंद्र सरकार ने इसके लिए कहा है। उन्होंने इसे मणिपुर के स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान बताया और हिंदुत्व की कठपुतली बताते हुए पीएम नरेंद्र मोदी और मणिपुर के सीएम पर अपमानजनक शब्दों का भी इस्तेमाल किया।
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