बेअदबी मामले में नहीं पेश हुए सुखबीर सिंह बादल और मजीठिया , वारंट जारी
चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने शिरोमणि आकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल और और पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ जमानती वारंट जारी करने का आदेश वापस ले लिया है। हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज रणजीत सिंह ने इन दोनों के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज कराने की याचिका लगाई हुई है। सोमवार को इस मामले की सुनवाई थी पर बादल और मजीठिया की तरफ से कोई हाजिर नहीं हुआ। इस पर हाई कोर्ट ने दोनों नेताओं को 29 अप्रैल को पेश होने का आदेश दिया है।
बता दें कि पंजाब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के 2015 में हुए मामलों के बाद बहबल कलां और बरगाड़ी में प्रदर्शन कर रहे सिख प्रदर्शनकारियों पर पंजाब पुलिस की तरफ से गोलीबारी की गई थी। बेअदबी मामले की जांच के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने रिटायर्ड जज रणजीत सिंह की अध्यक्षता में एक आयोग बनाया था। सुखबीर सिंह बादल और बिक्रम सिंह मजीठिया ने आयोग की रिपोर्ट के खिलाफ अपशब्द बोले थे।
रिटायर्ड जज रणजीत सिंह ने हाई कोर्ट में बादल और मजीठिया के खिलाफ आयोग की अवमानना और आपराधिक केस दर्ज करने की याचिका लगाई थी। इसी मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के जज अमित रावल ने दोनों नेताओं के खिलाफ जमानत वारंट पेश किया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि सुखबीर सिंह बादल के घर निर्माण कार्य चल रहा था और वहां पर समन लेने वाला कोई नहीं मिला। जबकि अमृतसर में मजीठिया के घर भी उसके नौकर मिले। उन्होंने बताया कि साहब घर पर नहीं हैं।
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