यूं ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने भीड़तंत्र और गोरक्षकों के आतंक पर केंद्र और राज्य को लगाई है फटकार, ये है अहम वजहें
नई दिल्ली। देशभर में अलग-अलग जगहों पर भीड़तंत्र के हावी होते माहौल पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सख्त रुख अख्तियार करते हुए केंद्र और राज्य सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि भीड़तंत्र को स्थापित नहीं होने दिया जा सकता है, इसके खिलाफ केंद्र और राज्य को सख्त कदम उठाने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चन्द्रचूड़ सिंह की पीठ ने कहा कि भीड़ और कथित गो रक्षकों द्वारा की जाने वाली हिंसा से निपटने के लिए सरकार कदम उठाए और इसके खिलाफ निरोधक, और दंडात्मक प्रावधान करे। भीड़तंत्र की भयावह गतिविधियों को नया चलन नहीं बनने दिया जा सकता है, इससे सख्ती से निपटना जरूरी है। भीड़ द्वारा लोगों को मारे जाने पर कोर्ट ने कहा कि देश में किसी भी नागरिक को इस बात का अधिकार नहीं है कि वह कानून को अपने हाथ में ले, इसके लिए सरकार को सख्त कदम उठाना चाहिए। यह राज्य की जिम्मेदारी है कि वह कानून व्यवस्थाीा को लागू कराए और भीड़तंत्र पर लगाम लगाए।
20 करोड़ यूजर्स
आपको बता दें कि सोशल मीडिया में फैल रही अफवाहों की वजह से पिछले दो महीने में 16 लोगों की भीड़ द्वारा हत्या की जा चुकी है। जबकि पिछले साल मई से अबतक व्हाट्सएप पर फैली अफवाहों के चलते 30 लोग भीड़ के शिकार होकर जान गंवा चुके हैं।पिछले दो-तीन महीनों ने ऐसे मामलों में तेजी आई है। सोशल मीडिया पर बच्चा चोरी के शक में तमिलनाडु से लेकर त्रिपुरा तक दो दर्जन से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इनमें महिला, पुरुष दोनों सभी शामिल हैं और यहां तक कि ट्रांसजेंडर तक को भी भीड़ ने नहीं बख्शा। भारत में 20 करोड़ से ज्यादा लोग व्हाट्सएप का इस्तेमाल करते हैं और इससे भी अधिक लोग देश में फेसबुक का इस्तेमाल करते हैं।
11
राज्यो
में
बच्चा
चोरी
का
मामला
बच्चा
चोरी
के
शक
के
मामले
की
शुरुआत
झारखंड
से
हुई
जब
सात
लोगों
को
भीड़
ने
बच्चा
चोर
समझकर
तब
तक
मारा
जब
तक
वह
मर
नहीं
गए।
यह
हमला
उनपर
तब
हुआ
जब
सोशल
मीडिया
पर
बच्चे
को
अपहरण
करने
वाले
एक
गैंग
के
मोहल्ले
में
आने
की
अफवाह
फैली
हुई
थी।
इसके
बाद
पूरे
देश
में
एक
सिलसिला
सा
चल
पड़ा।
एक
के
बाद
एक
11
राज्यों
से
बच्चा
चोरी
के
मामले
में
निर्दोष
लोगों
के
मारे
जाने
की
घटना
सामने
आई
है।
इसे भी पढ़ें- VIDEO: युवक को बचाने के लिए आरपीएफ कांस्टेबल ने दांव पर लगाई अपनी जान, इंटरनेट ने बताया असली 'हीरो'
पूरे
देश
में
सिलसिला
बच्चा
चोरी
के
शक
के
मामले
की
शुरुआत
झारखंड
से
हुई
जब
सात
लोगों
को
भीड़
ने
बच्चा
चोर
समझकर
तब
तक
मारा
जब
तक
वह
मर
नहीं
गए।
यह
हमला
उनपर
तब
हुआ
जब
सोशल
मीडिया
पर
बच्चे
को
अपहरण
करने
वाले
एक
गैंग
के
मोहल्ले
में
आने
की
अफवाह
फैली
हुई
थी।
इसके
बाद
पूरे
देश
में
एक
सिलसिला
सा
चल
पड़ा।
एक
के
बाद
एक
11
राज्यों
से
बच्चा
चोरी
के
मामले
में
निर्दोष
लोगों
के
मारे
जाने
की
घटना
सामने
आई
है।
दक्षिण
भारत
में
अफवाह
28
मई
को
आंध्र
प्रदेश
के
पुराने
हैदराबाद
में
करीब
500
लोगों
की
भीड़
ने
एक
ट्रांसजेंडर
की
पीट-पीट
कर
हत्या
कर
दी,
सिर्फ
इस
अफवाह
पर
कि
वह
बच्चा
चोर
है।
वहीं
26
जून
को
गुजरात
के
अहमदाबाद
में
लोगों
ने
भी
भिखारी
महिला
को
पीट-पीटकर
मार
डाला।
वहीं
28
जून
को
त्रिपुरा
में
तीन
लोगों
को
बच्चा
चोरी
के
शक
में
लोगों
ने
पीट-पीटकर
मार
डाला।
1
जुलाई
को
महाराष्ट्र
के
धुले
में
भीड़
ने
सिर्फ
इस
अफवाह
पर
पांच
लोगों
की
पीट-पीट
कर
हत्या
कर
दी।
इसी
दिन
असम
के
सोनपुर
जिले
में
एक
मानसिक
रूप
से
कमजोर
महिला
को
एक
खंभे
में
बांध
कर
गांव
वालों
ने
पीटा।
उस
पर
भी
बच्चा
चोर
होने
का
संदेह
जताया
गया
था।
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