एक फोन कॉल और शिवसेना भारत बंद से दूर हो गई, ये है बड़ी वजह
नई दिल्ली। तेल की कीमतों में हो रही लगातार बढ़ोतरी की वजह से कांग्रेस ने देशभर में भारत बंद का ऐलान किया है, जिसकी वजह से तमाम राज्यो स्कूल और कॉलेज बंद हैं और विपक्ष ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोल कर दिया है। महाराष्ट्र में शिवसेना ने तेल की कीमतों को लेकर कांग्रेस के भारत बंद का समर्थन किया था और अच्छे दिन को लेकर तंज कसा था। लेकिन माना जा रहा है कि महज एक फोन के बाद शिवसेना ने भारत बंद में शामिल होने के फैसले को वापस ले लिया है।
पोस्टर लगाए गए थे
गौर करने वाली बात यह है कि शिवसेना ने भारत बंद के एक दिन पहले तमाम जगहों पर तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ पोस्टर लगाए थे, लेकिन महज एक कॉल के बाद शिवसेना ने अपना फैसला वापस ले लिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से पार्टी के तमाम नेताओं ने भारत बंद में शामिल नहीं होने की अपील की थी, जिसके बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने भी ठाकरे को फोन किया था, जिसके बाद उन्होंने अपना फैसला बदल दिया। गौर करने वाली बात यह है कि कांग्रेस और एनसीपी ने राष्ट्रव्यापी भारत बंद में शामिल होने की अपील की थी।
बढ़ सकती थी भाजपा की मुश्किल
वहीं जिस तरह से शिवसेना ने अपने रुख में बदलाव किया है उसके बाद माना जा रहा है कि शिवसेना के इस कदम के बाद भाजपा-शिवसेना में पैचअप की शुरुआत हो गई है। अहम बात यह है कि अगर शिवसेना इस बंद में शामिल होती तो यह भाजपा के लिए शर्मिंदगी का सबब बन सकता था, क्योंकि खुद शिवसेना केंद्र और राज्य दोनों जगह भाजपा के साथ गठबंधन में हैं। लिहाजा घबंधन में शामिल दल ही अगर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करें तो यह भाजपा की मुश्किल को बढ़ा सकता था।
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भाजपा के खिलाफ इसलिए बदला शिवसेना का रुख
शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि अमित शाह की ओर से ठाकरे को फोन आया था, यही नहीं देवेंद्र फड़नवीस का भी फोन आया था। जिसके बाद हमने खुले रूप से इस बंद में शामिल नहीं होने का फैसला लिया है। हम खुद से ही पेट्रोल की कीमतों और मोदी सरकार की नीतियों के मुखर विरोधी रहे हैं। गौर करने वाली बात यह है कि शिवसेना को निगम और एजेंसियों में बड़ी संख्या में अहम पद मिले हैं, जिसकी वजह से शिवसेना भाजपा के खिलाफ नरम रुख अपना रही है।
हम बंद के असल सम्राट
वहीं शिवसेना के प्रवक्ता और वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि वह देखना चाहते हैं कि कांग्रेस के नेतृत्व का भारत बंद कितनी दूर तक जाता है और विपक्ष में कितनी एकजुटता है। उन्होंने कहा कि पिछले चार सालों में हमने असल विपक्ष की भूमिका निभाई है, कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्ष तो अब जागा है, उन्हें हड़ताल करने दीजिए। उन्होंने कहा कि जब आम आदमी के लिए सड़कों पर उतरने का समय आएगा तो हम दिखाएंगे कि बंद कैसे किया जाता है, हम महाराष्ट्र में बंद के असल सम्राट हैं।
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