Lok Sabha exit polls 2019: इसलिए भरोसे के लायक नहीं है एग्जिट पोल
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के सातवें चरण के मतदान खत्म होने के साथ ही तमाम टीवी चैनल्स पर एग्जिट पोल की बाढ़ आ गई। अलग-अलग चैनल अपने एग्जिट पोल दिखा रहे थे और इसकी विश्वसनीयता को लेकर भरोसा जता रहे थे। लेकिन यह पहली बार नहीं है जब चुनाव के बात एग्जिट पोल की बाढ़ आई है। इससे पहले भी चुनाव के बाद एग्जिट पोल सामने आते रहे हैं और कई बार ये एग्जिट पोल गलत साबित हुए हैं जबकि कुछ लोगों के एग्जिट पोल काफी हद तक सही साबित हुए हैं। ऐसे में एग्जिट पोल के नतीजे सामने आने के बाद वास्तविक नतीजों को लेकर पुख्ता तरह से कुछ भी कह पाना किसी के लिए संभव नहीं है। लेकिन एक बात इन तमाम एग्जिट पोल में साफ है कि सभी एग्जिट पोल में भारतीय जनता की अगुवाई वाली एनडीए को पूर्ण बहुमत मिलता दिख रहा है और इस बात के साफ संकेत मिल रहे हैं कि एक बार फिर से नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बन सकते हैं।
2004 में गलत साबित हुए एग्जिट पोल
पिछले चुनाव के बाद एग्जिट पोल की बात करें तो यह विश्वसनीयता पर खरे नहीं उतरे हैं। वर्ष 2004 और 2009 में एग्जिट पोल में भारतीय जनता पार्टी को काफी सीटें मिलने का दावा कर रहे थे, जबकि वास्तविक नतीजों में हकीकत कुछ और थी। वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो एग्जिट पोल भाजपा की सही स्थिति का आंकलन करने में पूरी तरह से विफल रहे थे और भाजपा को उन्होंने कमतर आंका था। नतीजे घोषित होने के बाद स्थिति बिल्कुल अलग थी। 2004 में हर एग्जिट पोल यह दावा कर रहा था कि इंडिया शाइनिंग के दम पर एनडीए तकरीबन 250 सीटों पर जीत दर्ज करेगी, लेकिन नतीजे आने के बाद भाजपा सिर्फ 187 सीटों पर सिमट गई।
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2009 में हुआ ये हाल
वर्ष 2009 के चुनाव की बात करें तो उस वक्त भी एग्जिट पोल में एनडीए को 187 सीटों पर जीत मिल रही थी, जबकि यूपीए को 196 सीटों पर जीत मिल रही थी। इसकी बड़ी वजह यह थी कि 2009 में कोई मजबूत लहर नहीं थी, लेकिन जब चुनाव के नतीजे घोषित हुए तो एनडीए को 159 सीटें मिली जबकि यूपीए को 263 सीटों पर जीत मिली। 2014 की भी स्थिति कुछ इसी तरह की थी, तमाम एग्जिट पोल वास्तविक नतीजों के आस-पास भी नहीं पहुंच पाए और भाजपा व एनडीए को काफी कम सीटें दे रहे थे।
2014 में भी गलत साबित हुए एग्जिट पोल
2014 में एग्जिट पोल एनडीए को 274 सीटें दे रहे थे, जबकि वास्तविक नतीजों में एनडीए को 336 सीटों पर जीत मिली और भाजपा को पूर्ण बहुमत से कहीं अधिक 282 सीटों पर जीत मिली। इस बार चुनाव के दौरान तमाम चुनावी पंडितों का मानना था कि एनडीए सरकार का फिर से गठन होगा, लेकिन इस बार पिछली बार की तुलना में कम सीटें होंगी। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि 23 मई को जब चुनाव के वास्तविक नतीजे घोषित किए जाएंगे तो स्थिति क्या रहती है।
दुनिया के दूसरे हिस्सों में एग्जिट पोल गलत साबित हुए
ऐसा नहीं है कि एग्जिट पोल सिर्फ भारत में ही गलत साबित होते हैं, हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में चुनाव संपन्न हुए थे, जहां एग्जिट पोल पूरी तरह से गलत साबित हुए थे। ऑस्ट्रेलिया के अलावा ब्रेग्जिट, अमेरिका में राष्ट्रपति के चुनाव के दौरान एग्जिट पोल भी पूरी तरह से गलत साबित हुए। हर किसी ने हिलेरी क्लिंटन के जीतने की आशंका जताई थी, लेकिन नतीजे घोषित होने के बाद डोनाल्ड ट्रंप देश के राष्ट्रपति बने। लिहाजा एग्जिट पोल के आंकड़ों के आधार पर किसी भी निष्कर्ष तक पहुंच पाना संभव नहीं है।
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