जानिए आखिर किस वजह से सोनिया गांधी को बनना पड़ा कांग्रेस अध्यक्ष
नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी के भीतर नए अध्यक्ष की तलाश आखिरकार सोनिया गांधी के नाम पर आकर रुकी। यह पूरी कवायद पार्टी को गांधी परिवार से बाहर के किसी सदस्य को पार्टी का अध्यक्ष बनाने के लिए शुरू की गई थी, लेकिन पार्टी गांधी परिवार से बाहर के किसी सदस्य को पार्टी की कमान सौंपने में पूरी तरह से विफल रही। जिसके बाद आखिरकार सोनिया गांधी को पार्टी की कमान सौंप दी गई और उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया गया।
दिग्गज नेताओं पर नहीं बनी आम सहमति
इससे पहले पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, मुकुल वासनिक, ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम प्रस्तावित किया गया था, लेकिन बहुत ही कम लोगों ने इनका समर्थन किया। इन तमाम नेताओं के आगे आने के बाद पार्टी के भीतर बंटवारे की आशंका होने लगी थी, जिसके बाद सोनिया गांधी को पार्टी ने अध्यक्ष बनाने का फैसला लिया। पार्टी सूत्रों की मानें तो शुरुआत में सोनिया गांधी इस पद के लिए तैयार नहीं थी, लेकिन जब पार्टी के नेताओं ने उन्हें मनाया तो वह इसके लिए तैयार हो गईं। बता दें कि लोकसभा चुनाव के बाद से ही पार्टी नेतृत्व की कमी से गुजर रही है।
फिर से वापसी कराने की अपील
पार्टी के शीर्ष नेताओं ने सोनिया गांधी से गुहार की कि वह पार्टी को मुश्किल समय में संभाले और एक बार फिर से इसकी वापसी कराएं। पार्टी सूत्रों के अनुसार सोनिया गांधी आने वाले दिनों में एक बार फिर से पार्टी की कमेटी और जनरल सेक्रेटरी में फेरबदल करेंगी। कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी और पूर्वी यूपी की कमान प्रियंका गांधी संभाल रही हैं, माना जा रहा है उनकी इस पद से छुट्टी की जा सकती है। सूत्रों के अनुसार सोनिया गांधी का नाम इसलिए आगे लाया गया क्योंकि किसी भी अन्य नेता के नाम पर आम राय नहीं बन सकी। जिसके बाद कांग्रेस की वर्किंग कमेटी ने सोनिया गांधी का नाम प्रस्तावित किया।
राहुल अपने फैसले पर अडिग
शीर्ष सूत्र ने बताया कि वासनिक, सिंधदिया और खड़गे का नाम चर्चा में आया था, लेकिन पार्टी के बहुत कम ही लोग इनके नाम पर सहमत हुए। जिसके बाद इन लोगों ने एक बार फिर से सोनिया गांधी को पार्टी की कमान संभालने के लिए कहा। सूत्रों के अनुसार इस दौरान राहुल गांधी फिर से अध्यक्ष पद पर नहीं बने रहने के अपने फैसले पर अडिग थे। जिसके बाद अहमद पटेल और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी से पार्टी की कमान संभालने के लिए कहा। बता दें कि जब राहुल गांधी ने पार्टी की कमान छोड़ी थी तो सोनिया गांधी ने अध्यक्ष पद स्वीकारने से इनकार कर दिया था।