क्या सावरक के मुद्दे पर खतरे में महाराष्ट्र विकास अघाड़ी, एनसीपी ने दिया बड़ा बयान
नई दिल्ली। वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जिस तरह से देश को रेप कैपिटल कहा था, उनके इस बयान पर जमकर हंगामा हुआ था। लोग उनसे इस बयान के लिए माफी मांगने की मांग कर रहे थे। लेकिन अपने इस बयान पर माफी मांगना तो दूर राहुल गांधी ने इसके खिलाफ ऐसा बयान दे दिया जिसकी वजह से और बखेड़ खड़ा हो गया। उन्होंने कहा कि मैं राहुल गांधी हूं, राहुल सावरकर नहीं जो अपने बयान पर माफी मागूंगा। उनके इस बयान के बाद महाराष्ट्र सरकार में कांग्रेस की साथी शिवसेना ने राहुल गांधी पर तीखा हमला किया और सावरकर को वीर बताते हुए उन्हें देशभक्त कहा। जिस तरह से शिवसेना सावकर की समर्थक है और कांग्रेस उनके खिलाफ, ऐसे में दोनों के बीच सावरकर को लेकर तकरार शुरू हो गया है।
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राहुल के बयान का बचाव
कांग्रेस और शिवसेना के बीच शुरू हुए तकरार के बाद महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी की सरकार को लेकर भी सवाल खड़ा हो गया है। वरिष्ठ एनसीपी नेता छगन भुजबल ने कहा कि जब बड़े व्यक्तित्व की बात आती है तो हर कोई उनकी हर चीज से राजी नहीं होता है। राहुलजी का सावरकर को लेकर अपना विचार है। सावरकर ने कहा था कि गाय हमारी माता नहीं है, लेकिन भाजपा उन्हें अपनी माता मानती है। सावरकर की विचारधारा ग्यानवादी थी, लेकिन क्या भाजपा इसे स्वीकार करेगी, ये लोग इसे स्वीकार नहीं कर सकते हैं। वहीं अजीत पवार का कहना है कि उद्धव, राहुलजी और पवार साहब गंभीर नेता हैं, वह सही फैसला लेंगे।
उद्धव नाराज
सावरकर पर राहुल गांधी के बयान पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे नाराज हैं। माना जा रहा है कि उद्धव कांग्रेस आलाकमान से इस मसले को लेकर बात करेंगे। उद्धव का कहना है कि ऐसे बयानों से बचा जाए ताकि गठबंधन में मुद्दा ना बने। बता दें कि कांग्रेस पार्टी की दिल्ली स्थित रामलीला मैदान में शनिवार को आयोजित 'भारत-बचाओ रैली' में राहुल गांधी ने हिंदूवादी नेता विनायक दामोदर सावरकर पर निशाना साधा तो महाराष्ट्र में गठबंधन सहयोगी शिवसेना ने उसपर नाराजगी जाहिर की है।
फडणवीस ने भी घेरा
वहीं महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि, राहुल गांधी का बयान शर्मनाक है। उन्हें सावरकरजी के बारे में शायद पता नहीं हैं। उन्होंने 12 साल तक अंडमान जेल में टॉर्चर सहा था। राहुल गांधी 12 घंटे तक भी ये नहीं कर सकते हैं। अपने नाम में गांधी लगा लेने से आप गांधी नहीं बन जाते हैं। शिवसेना को सत्ता में बने रहने के लिए किस तरह के लोगों से निपटना है यह साफ हैं। महाराष्ट्र और देश सावरकरजी का अपमान नहीं सहेगा। पहले शिवसेना काफी तेज प्रतिक्रिया देती थी, अब वह नरम क्यों पड़ गए?