सुषमा स्वराज ने इसलिए रखा था इकलौती बेटी का नाम बांसुरी, जिंदगी में खास स्थान था उसका
नई दिल्ली। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अब हमारे बीच नहीं हैं। 6 अगस्त की रात 67 साल की उम्र में सुषमा स्वराज सबको रुलाकर दुनिया से चली गईं। उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। जिसके बाद एम्स में भर्ती कराया गया था। लेकिन कई कोशिशों के बाद भी वो नहीं बच सकीं और एम्स में ही आखिरी सांस ली। 7 अगस्त को उनका अंतिम संस्कार किया गया। बेटी बांसुरी ने सारी रस्में पूरी कीं। आपने अबतक सुषमा स्वराज से जुड़ी कई बातें, कई खबरें आपने जानी लेकिन क्या आपको ये पता है कि सुषमा स्वराज ने अपनी बेटी का नाम बांसुरी क्यों रखा था। तो जानिए नाम रखने के पीछे की रोचक कहानी
भगवान कृष्ण को उनकी बांसुरी बहुत प्रिय थी सुषमा स्वराज को उनकी बेटी
सुषमा स्वराज की भगवान श्रीकृष्ण में खासा श्रद्धा थी। वो चाहती थी कि भगवान की तरह ही वो कई रूपों में अपनी भूमिका निभाएं। इसे ऐसे कहें कि उन्होंने एक मां, एक बेटी, एक पत्नी, एक राजनीतिज्ञ के रूप में जिंदगी को भरपूर जिया। बेटी बांसुरी उनकी जिंदगी में खास स्थान रखती थीं इसलिए उन्होंने उनका नामकरण काफी सोच-समझकर किया। जिस तरह भगवान कृष्ण को उनकी बांसुरी बहुत प्रिय थी सुषमा को बेटी भी बहुत प्रिय थी। यही वजह है कि उन्होंने बेटी का नाम 'बांसुरी' रख दिया।
क्या करती हैं बांसुरी
बांसुरी स्वराज सुषमा स्वराज की इकलौती बेटी हैं। उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है। इनर टेम्पल से कानून में बैरिस्टर की डिग्री लेने के बाद अपने पिता की तरह क्रिमिनल लॉयर हैं। बांसुरी कौशल दिल्ली हाईकोर्ट और भारत के सुप्रीम कोर्ट में क्रिमिनल लॉयर हैं। बांसुरी ने मीडिया का ध्यान उस समय आकर्षित किया था, जब यह खुलासा हुआ था कि सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज IPL के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी की लीगल टीम में शामिल थीं।
सैल्यूट देकर बांसुरी ने मां सुषमा स्वराज को अंतिम विदाई दी
बीजेपी की वरिष्ठ नेता का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान सुषमा स्वराज के पति स्वराज कौशल और बेटी बांसुरी की आंखें नम थीं। उन्होंने सैल्यूट देकर सुषमा स्वराज को अंतिम विदाई दी। सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी ने अंतिम संस्कार के सारे रीति रिवाज पूरे किए। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी, लाल कृष्ण आडवाणी, गृह मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, जेपी नड्डा सहित बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता लोधी रोड शवदाह गृह में मौजूद रहे। इसके अलावा सोनिया गांधी, गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, रामदास अठावले, मनोहर लाल खट्टर, शरद यादव सहित कई नेता मौजूद थे।
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