क्या पश्चिम बंगाल चुनाव के मद्देनजर भाजपा नेतृत्व ने सौरव गांगुली को BCCI अध्यक्ष बनने में की मदद?
नई दिल्ली। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को बीसीसीआई का अध्यक्ष बना दिया गया है। लेकिन सौरव गांगुली के बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के पीछे की कहानी दिलचस्प है। दरअसल सौरव गांगुली को बीसीसीआई का अध्यक्ष बनाने की अटकले एकदम से मीडिया में सामने आई, लेकिन उनके अध्यक्ष बनने की पुष्टि नहीं हो सकी थी। रविवार रात तकरीबन 9.30 बजे कुछ फोन कॉल्स ने सौरव गांगुली के बीसीसीआई अध्यक्ष बनने का रास्ता साफ कर दिया।
दिग्गज भाजपा नेताओं ने पलटा पासा
सौरव गांगुली के बीसीसआई अध्यक्ष बनने में कद्दावर केंद्रीय मंत्री, असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्व शर्मा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का बड़ा हाथ है। जिस एसोसिएशन ने सौरव गांगुली के बीसीसीआई अध्यक्ष बनने में अहम भूमिका निभाई उसके मुखिया भाजपा नेता हैं। सौरव गांगुली के अलावा पूर्व क्रिकेटर बृजेश पटेल का भी नाम इस रेस में शामिल था। बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के बाद कोलकाता पहुंचे सौरव गांगुली ने बताया कि मैंने रविवार को रात 9.30 बजे बृजेश पटेल को फोन करके बधाई दी थी
अनुराग ठाकुर- श्रीनिवासन गुट
लेकिन देर रात शहर के होटल में चली बैठक में सौरव गांगुली के लिए रास्ता साफ हो गया। दरअसल एन श्रीनिवासन जोकि पहले बृजेश पटेल का समर्थन कर रहे थे, जबकि अनुराग ठाकुर चाहते थे कि सौरव गांगुली बीसीसीआई अध्यक्ष बने। भाजपा के शीर्ष नेताओं के हस्तक्षेप के बाद एन श्रीनिवासन ने सौरव गांगुली के लिए हामी भर दी। इस दौरान हिमंत शर्मा की उपस्थिति काफी अहम थी। हिमंत शर्मा पहले असम क्रिकेट असोसिएशन के अध्यक्ष थे, लेकिन अब वह बैडमिंटन असोसिएशन के अध्यक्ष हैं। बीसीसीआई के चेयरपर्सन के लिए पूर्वोत्तर के आठ अहम वोटों की भूमिका अहम है। इन वोटों को गांगुली के पक्ष में करने में शर्मा की अहम भूमिका रही है।
2021 के चुनाव पर नजर
सौरव गांगुली ने खुद इस बात को स्वीकार किया है कि उन्होंने भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा था कि गृहमंत्री अमित शाह से उन्होंने अपने चयन से पहले मुलाकात की थी। हालांकि उन्होंने किसी भी तरह के राजनीतिक बातचीत से इनकार किया था। भाजपा के शीर्ष सूत्रों का कहना है कि गांगुली के लिए भविष्य की योजना के बगैर उन्हें इतना बड़ा समर्थन नहीं दिया जा सकता है। बता दें कि पश्चिम बंगाल में 2021 में लोकसभा चुनाव होना है, ऐसे में पार्टी को ममता बनर्जी के सामने मुख्यमंत्री पद की दरकार है। अभी तक गांगुली की बात करें तो उन्होंने स्वच्छ भारत अभियान का समर्थन किया था। लेकिन जिस तरह से रविवार को सौरव गांगुली के लिए भाजपा के शीर्ष नेताओं ने लामबंदी की उससे इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है कि भविष्य में वह भाजपा के लिए भी अहम भूमिका निभा सकते हैं। हालांकि सौरव गांगुली ने राजनीति में आने से साफ इनकार किया है।