जानिए कैसी होगी नए CDS जनरल रावत की यूनिफॉर्म, कैसा होगा वर्दी का रंग
नई दिल्ली। नए सीडीएस यानी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के तौर पर जनरल बिपिन रावत नए साल पर नए रोल में नजर आने वाले हैं। 31 दिसंबर को जनरल रावत सेना प्रमुख के पद से रिटायर हो गए और अब वह सीडीएस की जिम्मेदारी संभालेंगे। उनकी जिम्मेदारी के साथ ही उनकी यूनिफॉर्म भी पूरी तरह से नई होगी। जनरल रावत अब बतौर सीडीएस एक फोर स्टार जनरल होंगे और उनकी यूनिफॉर्म में भी कई तरह के बड़े बदलाव हुए हैं।
|
यूनिफॉर्म के रंग में कोई बदलाव नहीं
जनरल रावत, सीडीएस के तौर पर तीनों सेनाओं का प्रतिनिधित्व करते हुए नजर आएंगे। ऐसे में उनकी यूनिफॉर्म भी कुछ इसी तरह की होगी। जनरल रावत के कंधे पर एक मरून पट्टी होगी जिस सुनहरे रंग की रैंक्स होंगी जो तीनों सेनाओं का प्रतिनिधित्व करेंगी।इंग्लिश मैगजीन इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से बताया है, 'सीडीएस की यूनिफॉर्म का कलर नहीं बदला जाएगा और वह उनकी मुख्य सर्विस के आधार पर होगा मगर रैंक्स और बैज अलग होंगे।' सीडीएस की कैप भी बैज और अलंकरण के साथ होगी। कैप भी तीनों सेनाओं का प्रतिबंब होगी।
पिछली यूनिफार्म से अलग
इस बार किसी भी तरह की कोई तलवार और बैटन के अलावा कंधे पर रैंक्स को बताने वाले स्टार्स भी नहीं होंगे। सीडीएस की यूनिफॉर्म पर कमर पर बांधी जाने वाली किसी भी तरह की कोई पट्टी भी नहीं होगी। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि सीडीएस का तटस्थ प्रतिनिधित्व नजर आए। सेना प्रमुखों के कॉलर पर जो स्टार्स नजर आते थे, सीडीएस की यूनिफॉर्म से अब वह नदारद रहेंगे।
कामराज मार्ग पर रहेंगे जनरल रावत
सीडीएस की चेस्ट पर तीनों सेनाओं के रिबन बिल्कुल वैसे ही रहेंगे जैसे रहते थे। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं है कि सीडीएस का फ्लैग कैसा रहेगा। तीनों सेना प्रमुखों के कार्यालय में उनकी सेनाओं से संबधित फ्लैग्स रहेते हैं। जनरल बिपिन रावत 3, कमराज मार्ग पर रहेंगे। रक्षा मंत्रालय में सीडीएस पांचवें सेक्रेटरी के तौर पर होंगे। सीडीएस, तीनों सेना प्रमुखों से भी ऊपर की रैंक है।
क्या होगा जनरल रावत का रोल
सीडीएस के बाबत जो नोटिफिकेशन सरकार की तरफ से आया है उसके तहत वह डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स (डीएमए) के मुखिया होंगे। बतौर सीडीएस जनरल रावत की जिम्मेदारी होगी कि वह तीनों सेनाओं के बीच एकीकरण और आपसी सामंजस्य को कायम करने की दिशा में काम करेंगे। इसके अलावा रक्षा खरीद प्रक्रिया की जिम्मेदारी भी अब जनरल रावत पर होगी। उनका जिम्मा होगा कि वह खरीद प्रक्रिया को जितना छोटा कर सकते हैं, कर दें।