कैसे हरियाणा में भाजपा ने दर्ज की 100 फीसदी जीत, ये है बड़ी वजह
नई दिल्ली। इस बार के लोकसभा चुनाव के नतीजों पर नजर डालें तो भारतीय जनता पार्टी ने कई प्रदेशों में उम्मीद से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया है। वहीं कुछ राज्यों में भाजपा ने क्षेत्रीयों दलों के वोटबैंक में बड़ी सेंधमारी करते हुए उलटफेर किया। हरियाणा के लोकसभा चुनाव पर नजर डालें तो यहां भारतीय जनता पार्टी को 10 की 10 सीट पर जीत मिली है। प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पार्टी को सभी सीटों पर विजय दिलाने में सफल हुए, जिसके चलते प्रदेश में सत्ता विरोधी लहर के तमाम दावे धरे रह गए।
100 फीसदी स्ट्राइक रेट
बता दें कि हरियाणा में पिछले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 7 सीटों पर जीत मिली थे, लेकिन इस बार पार्टी ने प्रदेश में विपक्षी दलों का सूपड़ा साफ करते हुए सभी सीटों पर जीत दर्ज की है। जिन 10 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है उसमे से करनाल की सीट पर भाजपा उम्मीदवार संजय भाटिया ने रिकॉर्ड 656142 मतों के अंतर से जीत दर्ज की है। प्रदेश में सिर्फ एक ही सीट रोहतक पर कांग्रेस के उम्मीदवार दीपेंद्र सिंह हुडा की भाजपा के अरविंद कुमार शर्मा से कड़ी टक्कर हुई। रोहतक में अरविंद कुमार 7503 वोटों के अंतर से जीते।
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मोदी लहर सबसे बड़ी वजह
हरियाणा में भाजपा की जबरदस्त जीत की वजह की बात करें तो इसके पीछे सबसे बड़ी वजह मोदी लहर रही। भाजपा को यहां शहरी और अर्द्ध शहरी इलाकों में भी मोदी लहर का जबरदस्त लाफ मिला। जिस तरह से पीएम मोदी ने राष्ट्रवाद के मुद्दे को बढ़ चढ़कर लोगों के बीच रखा, देश को आगे बढ़ाने की बात कही, वैश्विक स्तर पर देश के स्वाभिमान की बात कही, पुलवामा हमले के बाद बालाकोट एयर स्ट्राइक का जिक्र किया उसका पार्टी को जबरदस्त लाभ मिला।
गैर जाट वोटों को एकजुट करना
हरियाणा में पार्टी की जीत की एक बड़ी वजह गैर जाट वोटों का मजबूत होना भी थी। प्रदेश में जाट और गैर जाट वोटों के ध्रुवीकरण का भाजपा को काफी लाभ मिला। जिस तरह से 2016 में जाट आरक्षण को लेकर हिंसा हुई थी उसके बाद पार्टी ने गैर जाट वोटों को और मजबूत करने की कवायद शुरू कर दी थी। पार्टी ने आईएनएलडी के गढ़ में सेंधमारी की। दरअसल प्रदेश में आईएनएलडी और चौटाला परिवार के बीच तनाव की वजह से जननायक जनता दल का गठन हुआ और जाट वोटों का बिखराव हुआ, जिसका फायदा भाजपा का मिला।
खट्टर की छवि और बेहतर प्रशासन
इसके अलावा हरियाणा में पिछले चार सालों में खट्टर सरकार ने जिस तरह से कामकाज किया है उसका भी पार्टी को लाभ मिला है। पार्टी ने केंद्र की सभी योजनाओं को प्रदेश में लागू किया, जिसकी वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लोगों से संपर्क मजबूत हुआ। भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता ने पार्टी के पक्ष में काम किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री की खुद की बेहतर छवि ने भी प्रदेश में भाजपा की स्थिति को बेहतर किया। इसके अलावा प्रदेश में भाजपा ने काफी अनुशासन के साथ चुनाव लड़ा। एक तरफ जहां कांग्रेस के भीतर फूट देखने को मिल रही थी तो दूसरी तरफ भाजपा का खेमा एकजुट था, पार्टी के भीतर विरोध को सफलता पूर्वक संभालने में भाजपा के नेतृत्व को सफलता मिली। बता दें कि 2014 में जो सात सांसद जीते थे उनमे से इस बार 5 सांसदो को टिकट दिया गया था और उन सभी ने इस चुनाव में जीत दर्ज की।
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