क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

Attention: यहां बिना मास्क पकड़े गए तो भरना पड़ सकता है 4 लाख से अधिक का जुर्माना!

Google Oneindia News

पोट्सडैम। महामारी के बढ़ते खतरों के बीच यूरोपीय देश जर्मनी में मास्क पहनना गत सोमवार को अनिवार्य कर दिया है। यानी कोई भी शख्स जर्मनी के किसी भी शहर में दिखा तो उसका लंबा जुर्माना भुगतने का सामना करना पड़ सकता है। यही कारण है कि बीते सोमवार की सुबह अधिकांश जर्मनों के लिए सार्वजनिक जिंदगी में काफी बदलाव लेकर आया, क्योंकि सार्वजनिक जगहों पर मास्क लगाकर कर चलना वहां अनिवार्य कर दिया गया है।

germany

राजधानी बर्लिन के ठीक बाहर यानी पॉट्सडैम की मुख्य सड़क पर दिखा नज़ारा यह समझने लिए काफी हैं, जो एक इंटीरियर डिज़ाइन स्टोर में खड़े सभी ग्राहक जर्मनी में लागू नए नियमों का पालन करते हुए मास्कशुदा दिखाई दिए। स्टोर मैनेजर कैरोलिन हके ने कहा कि मास्क ने उन्हें और उनके संरक्षक दोनों को राहत महसूस कराया। बकौल स्टोर मैनेजर, "मैं बता सकती हूं कि लोग अधिक आराम से हैं। कीटाणुनाशक से टोकरी को पोंछते हुए कहा कि वो अपनी दूरी बनाए रखते हैं और परिस्थिति के प्रति अधिक संवेदनशील होते हुए कम तनावग्रस्त होते हैं।

लॉकडाउन में ऑनलाइन गेमिंग के मजे ले रहे हैं अमेरिकी, गेमिंग ट्रैफिक में हुआ 75% का इजाफालॉकडाउन में ऑनलाइन गेमिंग के मजे ले रहे हैं अमेरिकी, गेमिंग ट्रैफिक में हुआ 75% का इजाफा

germany

दरअसल, पिछले हफ्ते से जर्मनी ने सार्वजनिक जीवन पर कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए डिज़ाइन किए गए कई प्रतिबंधों में ढील दे दी थी। 800 वर्ग मीटर (8,600 वर्ग फुट) से छोटी दुकानों को फिर से खोलने की अनुमति दी गई थी, लेकिन मास्क के इस्तेमाल पर जर्मनी भर में नियमों और जुर्मानों को थोप दिया गया है।

Covid19: ट्रंप के मजाक से न्यूयॉर्क में कईयों ने कीटाणुनाशकों का सेवन कर लियाCovid19: ट्रंप के मजाक से न्यूयॉर्क में कईयों ने कीटाणुनाशकों का सेवन कर लिया

germany

फेस कवरिंग को सुनिश्चित नहीं करने के लिए लागू जुर्माना देश के 16 राज्यों में अलग-अलग दरों निर्धारित किया गया है, जो 15 यूरो (1238 रुपए) से 5000 (412893 रुपए) हो सकता हैं। हालांकि कुछ राज्य अनिवार्य होने के बावजूद कोई जुर्माना नहीं वसूल रहे हैं।

 महामारी से बचाव के लिए एक ओर जहां प्रतिबंध थोपे जा रहे हैं, पर यहां आज भी खुले हैं बार व रेस्तरा! महामारी से बचाव के लिए एक ओर जहां प्रतिबंध थोपे जा रहे हैं, पर यहां आज भी खुले हैं बार व रेस्तरा!

germany

गौरतलब है जब जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल की सरकार ने नियमों को शिथिल करने की घोषणा की थी, तो सार्वजनिक स्थानों पर जाने पर केवल फेस कवरिंग पहनने की सिफारिश की गई थी। मर्केल ने गत 15 अप्रैल को कहा था कि यह सिफारिश की जाती है कि मास्क का इस्तेमाल सार्वजनिक परिवहन में या खरीदारी करते समय इसका इस्तेमाल किया जाए।

रिपोर्ट में खुलासा, सितंबर 2020 तक भारत में Covid-19 के हो सकते हैं 111 करोड़ मामलेरिपोर्ट में खुलासा, सितंबर 2020 तक भारत में Covid-19 के हो सकते हैं 111 करोड़ मामले

germany

हालांकि प्रतिबंध हटाने के बाद शहरों और कस्बों में पैदल चलने वालों के झुंडों में आ गए, जो हफ्तों के लॉकडाउन के बाद सामान्य स्थिति के लिए उत्सुक थे। कुछ राज्यों को नियमों में और ढ़ील देते हुए बड़े शॉपिंग सेंटरों को भी खोलने की अनुमति दी गई। हालांकि बड़े स्टोरों को बाकी हिस्सों को बंद कर अनुमन्य अधिकतम 800 वर्ग मीटर क्षेत्र खोलने की अनुमति दी गई थी।

मेरिकाः जहां महामारी ले चुकी है अब तक 50,000 से अधिक की जान, वहां खुलने जा रही हैं दुकानें!मेरिकाः जहां महामारी ले चुकी है अब तक 50,000 से अधिक की जान, वहां खुलने जा रही हैं दुकानें!

लॉकडाउन में ढील पर जर्मन चांसलर एंजला मर्केल को चेतावनी मिली थी

लॉकडाउन में ढील पर जर्मन चांसलर एंजला मर्केल को चेतावनी मिली थी

जर्मनी में लॉकडाउन में दी गई ढील पर जर्मन चांसलर एंजला मर्केल को चेतावनी मिली कि जर्मनी ने Covid-19 को हराने में जो लाभ कमाया है, लॉकडाउन प्रतिबंधों को हटाकर उस दरकिनार कर दिया। मर्केल ने प्रतिबंधों को ढीला करने के उपायों का पूरी तरह से समर्थन किया, "लेकिन उनके कार्यान्वयन ने चिंतित कर दिया है। चूंकि जर्मनी में एक विकेंद्रीकृत प्रणाली है और संघीय सरकार राज्यों को लॉकडाउन में बाध्य नहीं कर सकती है या मास्क को अनिवार्य नहीं कर सकती है, लेकिन सभी राज्यों ने अलग-अलग कानून बनाकर मास्क को एक आवश्यकता बना दिया है, भले ही विवरण अलग-अलग हो।

अब सार्वजनिक परिवहन व दुकान जाते समय मुंह और नाक ढंकना पड़ता है

अब सार्वजनिक परिवहन व दुकान जाते समय मुंह और नाक ढंकना पड़ता है

ज्यादातर राज्यों में लोगों को सार्वजनिक परिवहन और दुकानों में जाते समय अपना मुंह और नाक ढंकना पड़ता है। हालांकि मास्क का प्रकार को लेकर कोई विशिष्टता नहीं है। वे सर्जिकल मास्क से लेकर मुंह और नाक को ढंकने तक के लिए अलग-अलग हो सकते हैं, जिन्हें जर्मन "ऑलटैगमास्केन" या "रोज़ मास्क" कहते हैं।

मास्क पहनने से दूसरों में Covid-19 वायरस संचरण को रोक सकेंगे

मास्क पहनने से दूसरों में Covid-19 वायरस संचरण को रोक सकेंगे

मास्क के उपयोग के पीछे सिद्धांत यह है कि जब वे लोगों को Covid -19 वायरस से बचाने के लिए कुछ करेंगे तो वो लोगों में वायरस को प्रसारित करने से रोक सकेंगे और जितने अधिक लोग मास्क को पहनेंगे वे अधिक प्रभावी होंगे, खासकर उन स्थानों पर जहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हमेशा 100% बनाए नहीं रह सकते हैं।

 पूरे जर्मनी में फेस कवरिंग या मास्क पहनने के अलग-अलग नियम हैं

पूरे जर्मनी में फेस कवरिंग या मास्क पहनने के अलग-अलग नियम हैं

जिस तरह पूरे जर्मनी में फेस कवरिंग पहनने के नियम अलग-अलग हैं, उसी तरह उन्हें लगाने में नाकाम रहने के लिए दंड देना चाहिए। बिना मास्क लगाए चेहरों पर दंड के मामले में जर्मनी का बर्लिन राज्य सबसे उदार है, जहां कोई जुर्माना नहीं है और यहां तक ​​कि वह लोगों को बिना मास्क के बसों और उपमार्गों पर चढ़ने की अनुमति देगा। जबकि जर्मनी का बवेरिया राज्य में सबसे अधिक सख्त हैं, जहां 150 यूरो यानी भारतीय रुपयों में 12,386 रुपए का जुर्माना है। यहां तक ​​कि स्टोर मालिकों के लिए 5,000 यूरो (412893 रुपए) तक का जुर्माना है अगर उनके कर्मचारी मास्क पहने नहीं हुए हैं।

चिकित्सा पेशेवर और सामान्य लोगों के लिए भी है मास्क पहनने का नियम

चिकित्सा पेशेवर और सामान्य लोगों के लिए भी है मास्क पहनने का नियम

लेकिन वैश्विक स्तर पर मास्क की कम आपूर्ति के साथ जर्मन सरकार न केवल चिकित्सा पेशेवरों के लिए बल्कि सामान्य उपयोग के लिए भी मास्क पहनने के मजबूती से लगी हुई है। गत सोमवार को चीन से 10 मिलियन मास्क का शिपमेंट दुनिया का सबसे बड़े कार्गो प्लेन एंटोनोव एएन (225 - जर्मन सेना द्वारा चार्टर्ड) से लीपज़िग हवाई अड्डे पर आया था। आने वाले दिनों में दो और उड़ानों से 15 मिलियन सुरक्षा मास्क की शिपमेंट जर्मनी पहुंचने की उम्मीद है। जर्मनी के रक्षा मंत्री एनेग्रेट क्रैम्प-कर्रनबाउर ने कहा, "पर्याप्त संख्या में सुरक्षात्मक मास्क कोरोनोवायरस प्रतिबंधों को हराने के लिए महत्वपूर्ण हैं," मास्क को अब देश के 16 संघीय राज्यों में वितरित किया जाएगा।

जर्मनी पुलिस संघ ने देश भर में अलग-अलग नियमों की आलोचना की है

जर्मनी पुलिस संघ ने देश भर में अलग-अलग नियमों की आलोचना की है

हालांकि जर्मनी के पुलिस संघ ने देश भर में अलग-अलग नियमों की आलोचना की है। उत्तरी राज्य मेकलेनबर्ग-वोरपोमरन में पुलिस संघ के प्रमुख ने कहा, "राज्यों के नियमों में अंतर को समझाना पुलिस का काम नहीं हो सकता, लेकिन सोमवार को जर्मन मीडिया ने बताया कि लोग आमतौर पर उपायों को स्वीकार करते दिख रहे थे। इंटीरियर डिज़ाइन स्टोर मैनेजर हकी ने भी कहा कि चीजें आसानी से चल रही थीं। "मेरे पास एक ग्राहक था जो मास्क बस भूल गया था और तुरंत महसूस होने पर उसने अपने चेहरे के सामने एक कपड़ा डाल दिया था।

Comments
English summary
Wearing masks has been made mandatory on Monday in the European country Germany amid growing threats of the epidemic. That is, if a person shows up in any city of Germany without a mask, he may face a long fine. That is why Monday was a major change in public life for most Germans, because wearing a mask in public places has been made mandatory.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X