सावधान आपको अभी राहत नहीं, इस वजह से लगी है पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आग
नई दिल्ली। देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आग लगने का दौर जारी है। मंगलवार को दिल्ली में पेट्रोल की कीमतों में 16 पैसे का इजाफा हुआ है वहीं डीजल की कीमत भी 19 पैसे बढ़ गई हैं। आज दिल्ली में पेट्रोल की नई कीमत 79 रुपये 31 पैसे है तो डीजल की कीमत 71 रुपये 34 पैसे हो गई है। दूसरे शहरों में भी हालात यही हैं। मामला यहीं थमता नजर नहीं आ रहा है। जानकारों का कहना है कि अभी कीमतों से रहात मिलने की कोई उम्मीद नहीं है, बशर्ते केंद्र सरकार अपनी ओर से कीमतों में कटौती का फैसला ले। लेकिन उस स्तर पर भी अभी कोई पहल होती नज़र नहीं आ रही है। कहा जा रहा है कि हालात यही रहे तो हो सकता है कि नवंबर के बाद तेल सैंकड़ा मार दे।
सरकार का कहना है कि ये वृद्धि कुछ समय के लिए है और जल्द ही इसमें गिरावट आएगी। लेकिन ये कब होगा इसका जवाब उसके पास नहीं है। पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि से आम आदमी की जेब ढीली हो रही है और मंहगाई कमर तोड़ रही है।
क्यों
लगी
है
तेल
में
आग
?
सरकार
लोगों
को
भले
ही
दिलासा
दे
कि
कीमतें
कम
होंगी
लेकिन
ताजा
हालात
को
देखते
हुए
इसकी
उम्मीद
कम
ही
है।
सरकार
ने
खुद
तेल
को
बाजार
के
हवाले
कर
रखा
है
और
ऐसे
में
कई
ऐसे
कारण
हैं
जो
इसकी
कीमत
पर
असर
डालते
हैं।
1. डॉलर के मुकाबले इस वक्त रुपया सबसे कमज़ोर चल रहा है, रुपया डॉलर के मुकाबले 71.37 के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। भारत ज्यादातर कच्चा तेल आयात करता है और इसके लिए भुगतान डॉलर में किया जाता है । ऐसे में हिसाब सीधा है, गिरते रुपये के चलते भारत को कच्चा तेल खरीदने के लिए ज्याद डॉलर खर्च करने पड़ रहे हैं।
2. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में पिछले एक पखवाड़े में 7 डॉलर प्रति बैरल का उछाल आया है।
3. अमेरिका,चीन और यूरोपियन यूनियन के बीच व्यापार को लेकर चल रहा तनाव भी तेल की कीमतों पर और असर डालेगा।
4. सबसे बड़ा झटका लगने की आशंका तब जताई जा रहा है जब नवंबर से अमेरिका, ईरान पर कई प्रतिबंध लगाएगा। इसके बाद ईरान से अगर बाहर के देश तेल नहीं खरीदते हैं तो इसकी कीमत में और उछाल आएगा।
क्या
है
रास्ता
?
विपक्षी
दल
केंद्र
सरकार
पर
तेल
की
बढ़ती
कीमतों
पर
लगाम
न
लगा
पाने
को
लेकर
लगातार
हमले
कर
रहे
हैं।
आम
लोगों
में
भी
बढ़ती
कीमतों
को
लेकर
आक्रोश
है।
ऐसे
में
अगर
अंतरराष्ट्रीय
बाजार
में
कच्चे
तेल
की
कीमतों
में
गिरावट
नहीं
आती
है
तो
सरकार
के
लिए
मुश्किलें
बढ़
सकती
हैं।
आने
वाले
कुछ
महीनों
में
देश
के
तीन
बड़े
राज्यों
में
विधानसभा
चुनाव
भी
हैं
और
तेल
की
कीमत
बड़ा
मुद्दा
होगा।
ऐसे
में
सरकार
के
पास
सिर्फ
एक
ही
उपाये
बचता
है
कि
वो
पेट्रोल-डीजल
पर
उसकी
ओर
से
लगने
वाली
एक्साइज
ड्यूटी
में
कटौती
करे
और
आम
लोगों
को
राहत
पहुंचाए।
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