मथुरा सांसद हेमामालिनी बोलीं, समोसा-फ्रूटी बंदरों की सेहत के लिए ठीक नहीं, उन्हें जंगल भेजा जाना चाहिए
नई दिल्ली। बीजेपी सांसद हेमामालिनी ने गुरुवार को मथुरा और वृंदावन में 'बंदरों के आतंक' का मुद्दा लोकसभा में उठाया। हेमामालिनी ने सरकार से मांग की है कि जनता को बंदरों की समस्या से मुक्ति दिलाई जाए। हेमामालिनी ने संसद में मांग उठाई कि बंदरों के लिए बंदर सफारी बनाया जाए। साथ ही बीजेपी सांसद ने कहा कि बंदरों में मनुष्यों की खाने की आदत विकसित हो गई है जो कि अच्छी बात नहीं है।
श के कई हिस्सों में बंदरों से लोगों को परेशान होने की बात कही
मथुरा और दिल्ली में बंदरों के उत्पात को लेकर लोकसभा में बीजेपी सांसद हेमा मालिनी ने दावा किया कि उनके चुनाव क्षेत्र में विभिन्न लोगों की मौतें हुई हैं। उन्होंने सरकार से इस मामले पर ध्यान देने का आग्रह किया। कई सदस्यों ने उनकी बात का समर्थन किया और देश के कई हिस्सों में बंदरों से लोगों को परेशान होने की बात कही। हेमा मालिनी ने कहा कि, 'तीर्थस्थलों पर बंदरों के आतंक से लोगों को बहुत परेशानी हो रही है। बंदर का नाम लेने से बहुत सारे लोगों को मजाक लगेगा लेकिन यह बहुत गंभीर मुद्दा है।'
हेमा मालिनी ने कहा कि, जंगलों में बबूल के पेड़ होते हैं तो वहां बंदर कैसे रह पाएंगे
उन्होंने कहा कि, 'मैंने मांग की है कि एक मंकी सफारी बनाओ लेकिन अभी तक इसपर कुछ हुआ नहीं है। इसके अलावा जितने भी जंगल हैं हमारे उनमें फलदार वृक्ष होने चाहिए। हेमा मालिनी ने कहा कि, जंगलों में बबूल के पेड़ होते हैं तो वहां बंदर कैसे रह पाएंगे। जंगल के बाहर समोसा-फ्रूटी खाकर बंदरों की आदत वही हो गई है, अब उनको आप फल देंगे तो वह नहीं खाएंगे। यह उनके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है।
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कई पार्टियां ने हेमामालिनी का किया समर्थन
उन्होंने कहा कि, 'सरकार को इस समस्या का समाधान करना चाहिए। कोई मंकी सफारी बनानी चाहिए ताकि लोग भी सुरक्षित रहें और बंदर भी सुरक्षित रहें।' उनकी बात का समर्थन करते हुए लोक जनशक्ति पार्टी के चिराग पासवान ने कहा कि लुटियन जोन में भी बंदरों का आतंक है और सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। वहीं टीएमसी नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने हेमा मालिनी की बात का समर्थन करते हुए कहा कि वृंदावन में एक बंदर द्वारा अपना चश्मा ले जाने की घटना का उल्लेख किया और कहा कि सरकार को इस समस्या का समाधान करना चाहिए।
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