नए ट्रैफिक नियम पर पहली बार बोले गडकरी, कानून का पालन करवाने के लिए बढ़ाया जुर्माना, खजाना भरने के लिए नहीं
नई दिल्ली। संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद जुर्माने को लेकर देश भर से अलग अलग खबरें सामने आ रही हैं। सोशल मीडिया पर सरकार के इस फैसले को लेकर खूब चर्चाएं हो रही हैं। इसी बीच गुरुवार को परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का बड़ा बयान सामने आया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि हमें कानून का सम्मान करना चाहिए और कानून का डर भी बना रहना चाहिए। नितिन गडकरी ने स्पष्ट किया है कि यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने में भारी वृद्धि का फैसला कानून का पालन अनिवार्य बनाने के लिए किया गया है, न कि सरकारी खजाने को भरने के मकसद से।
गडकरी ने देश में सड़क हादसों में हो रही मौतों का जिक्र करते हुए कहा कि बहुत से ऐसे लोग हैं जिनके लिए कड़े जुर्माने के बिना ट्रैफिक रूल कोई मायने नहीं रखता है। उन्होंने कहा कि जुर्माना बढ़ाने का फैसला काफी समझ-बूझकर और विभिन्न पक्षों से सलाह लेकर लागू किया गया है। गडकरी ने कहा, 'यातायात नियमों के उल्लंघन के कारण सड़क पर हो रही मौतों की संख्या बहुत ज्यादा है। जुर्माने में कई गुना वृद्धि का फैसला विभिन्न पक्षों से सलाह के बाद सामूहिक तौर पर लिया गया।
सरकार इन जुर्मानों से कमाई करना नहीं चाहती है। यह सिर्फ उल्लंघन की घटनाएं रोकने के लिए है। अब तक यातायात नियमों का बहुत कम पालन होता रहा है।' उन्होंने आगे कहा, 'सरकार जुर्माने की सीमा बढ़ाने की इच्छुक नहीं है। हम चाहते हैं कि ऐसा वक्त आए जब एक भी व्यक्ति को जुर्माना नहीं देना पड़े और हर व्यक्ति कानून का पालन करें।'
आपको बता दें कि नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत जुर्माने की राशि में भारी वृद्धि की गई है। सीट बेल्ट के बिना वाहन चलाने पर जुर्माने की राशि 1000 रुपए है, पहले यह 100 रुपए थी। गाड़ी चलाते हुए मोबाइल पर बात करने पर जुर्माने की राशि 1000 से 5000 के बीच हो सकती है, पहले यह जुर्माना 1000 रुपया था।
जुर्माने में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी शराब पीकर गाड़ी चलाने पर हुई है। नशे में गाड़ी चलाने पर जुर्माना 2000 से बढ़ाकर 10,000 रुपए किया गया है जबकि तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने पर जुर्माने की राशि 1000 से 2000 से बीच हो सकती है। किशोर के हाथों सड़क दुर्घटना होने पर गाड़ी के मालिक अथवा अभिभावक को दोषी ठहराया जाएगा। इस स्थिति में जुर्माने की राशि 25,000 रुपए के साथ तीन साल की सजा का प्रावधान है। साथ ही वाहन का पंजीकरण भी रद्द होगा।