दिल्ली में एक्टिव केसों में भारी गिरावट, पिछले 10 सप्ताह में 94 प्रतिशत कम हुए सक्रिय मामले
नई दिल्ली। 14 नवंबर, 2020 को, जब राजधानी दिल्ली कोरोना वायरस की अपनी तीसरी और सबसे घातक लहर से जूझ रही थी, उस समय कोरोना वायरस के 7,340 नए मामलों के साथ पॉजिटिव केसों की दर 14.8% दर्ज की गई थी। उस दिन सक्रिय मामलों की संख्या 44,456 थी, जो अब तक की सबसे अधिक है। उस शनिवार से नौ सप्ताह बाद, सक्रिय मामलों की संख्या 16 जनवरी को टीकाकरण के पहले चरण के शुरू होने के साथ 93.9% गिरकर 2,691 रह गई है।

दिल्ली में पिछले 24 घंटों में 0.4% की दर के साथ कोविड-19 के 299 नए मामले दर्ज किए गए हैं। 14 नवंबर, 2020 को दिल्ली में 96 मौतें हुई थीं, लेकिन अब यह सिंगल अंक के आंकड़ों के नीचे है। वर्तमान में, अस्पतालों में 1,109 मरीज भर्ती हैं, जो कुल 11,428 कोविड के लिए रिजर्व बेडों के सिर्फ 10% बेडों को ही घेरे हुए हैं। इसके अलावा होम क्वारंटीन के 1,234 मामले हैं, वहीं कोविड के देखभाल केंद्रों में 49 मरीज भर्ती हैं। वेंटिलेटर के साथ 1,408 कोविड -19 आईसीयू बेड में से 1,094 खाली हैं और बिना वेंटिलेटर के 2,737 कोविड -19 आईसीयू बेड में से 2,545 उपलब्ध हैं।
Coronavirus Update: पिछले 24 घंटों में कोरोना के 15144 नए मामले मामले, 181 की मौत
शुक्रवार को इस बाबत दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली वासियों का शुक्रिया अदा करते हुए ट्वीट किया, "वेल डन दिल्ली! दिल्ली में पिछले 8 महीनों में कोविड-19 के सबसे कम मामले दर्ज किए गए हैं। सकारात्मकता दर भी सर्वकालिक 0.44% कम है। दिल्लीवासियों के सामर्थ्य के साथ, हम कोरोना से लड़ने और उसे हरा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
शनिवार को सक्रिय मामलों का प्रतिशत 9 सप्ताह पहले सक्रिय मामलों का सिर्फ 6% था। सक्रिय मामलों में अभूतपूर्व गिरावट का कारण यह है कि जहां कोविड -19 परीक्षणों में पॉजिटिव आने वाले लोगों की संख्या कम रही है, वहीं बीमारी से उबरने वाले रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है।16 जनवरी को किए गए 71,957 परीक्षणों में से मात्र 299 मामले सक्रिय पाए गए थे, जिनमें 40,717 आरटी-पीसीआर परीक्षण शामिल थे, जिन्हें रैपिड एंटीजन परीक्षणों की तुलना में बहुत अधिक विश्वसनीय माना जाता है।
इसके अलावा ठीक हुए मरीजों की संख्या 397 थी। 20 नवंबर, 2020 से, कुछ अपवादों को छोड़कर, हर दिन कोविड -19 से उबरने वाले लोगों की संख्या पॉजिटिव पाए जाने वाले लोगों की तुलना में अधिक रही है। परीक्षणों में तेजी और कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग के अलावा, दिल्ली सरकार द्वारा बनाए गए सूक्ष्म कंटेनमेंनट क्षेत्रों ने भी मामलों में कमी लाने में मदद की है। दिसंबर 2020 से, कंटेनमेंट जोन की संख्या भी कम हो गई है। दिसंबर में रेड जोन की जो संख्या 6,000 से अधिक थी वह अब घटकर 2,416 रह गई है।