महाराष्ट्र में विभागों के बंटवारे से कांग्रेस नेताओं में भारी असंतोष, मलाईदार पदों से किसने रखा दूर?
नई दिल्ली- महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार में विभागों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस के भीतर भारी असंतोष देखा जा रहा है। पार्टी के नेताओं को लग रहा है कि सारे 'मलाईदार' विभागों पर एनसीपी-शिवसेना ने कब्जा कर लिया है और इसके लिए कांग्रेस के नेता प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री बालासाहेब थोराट को जिम्मेदार मान रहे हैं। कांग्रेस के पक्ष में सही डील नहीं हो पाने के लिए कांग्रेस के नेता एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार से भी चिढ़े हुए हैं और उन्हें लगता है कि पवार के टक्कर लायक प्रदेश में किसी कांग्रेस नेता की तत्काल जरूरत है।
ठगे से महसूस कर रहे हैं कांग्रेसी!
महाराष्ट्र के कुछ कांग्रेस नेताओं का कहना है कि उन्होंने कृषि, ग्रामीण विकास, उद्योग, आवास, ट्रांसपोर्ट और को-ऑपपरेशन में से कम से कम दो मंत्रालयों की मांग की थी। लेकिन, शिवसेना और एनसीपी ने उनकी मांगों को पूरी तरह से अनसुना कर दिया। बल्कि, इसके उलट कल्चर, साल्ट पैन और पोर्ट डेवलपमेंट जैसे विभाग कांग्रेस को थमाकर हाथ खड़े कर दिए जो पहले शिवसेना के पास थे। एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा- "तीनों सहयोगियों के बीच सत्ता की साझेदारी में कांग्रेस को सबसे हल्का सौदा मिला है। सत्ता की साझेदारी तय करते वक्त कांग्रेस का हित मजबूती से रखने में थोराट नाकाम रहे।"
'पार्टी में पहली बार देखी गई ऐसी नाराजगी'
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नेता नितिन राउत इसलिए नाखुश हैं क्योंकि पीडब्ल्यूडी उनके वरिष्ठ सहयोगी और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को मिल गया है और थोराट को राजस्व विभाग दिया गया है। गौरतलब है कि राउत ऊर्जा मंत्री बनाए गए हैं। पार्टी के भीतर किस तरह की नाराजगी और कड़वाहट है इसका जिक्र करते हुए एक नेता ने कहा है कि पार्टी ऑफिस में तोड़फोड़ और एक महासचिव का पुतला जलाने जैसी घटनाएं पहले कभी नहीं देखी गई हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस विधायक संग्राम थोप्टे के कथित समर्थकों ने पुणे स्थित कांग्रेस दफ्तर में उत्पात मचाया था और सोलापुर में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे की बेटी और विधायक प्रनिती शिंदे के समर्थकों ने पार्टी महासचिव और प्रदेश के पार्टी इंचार्ज मल्लिकार्जुन खड़के का पुतला जलाया था। पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे ने भी माना कि इस तरह की नाराजगी पार्टी में पहले कभी नहीं देखी गई थी।
'पवार के सामने खड़े होने लायक चाहिए नेता'
इस बीच पार्टी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल को एक खत लिखकर पार्टी में अनुशासनहीनता की शिकायत की है। उन्होंने लिखा है,"कई कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता नाखुश हैं, क्योंकि पार्टी के ज्यादातर फैसले एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार से ही चर्चा करके लिए जा रहे हैं। यह बहुत ही खतरनाक है।" इसके लिए अहमदनगर जिला परिषद के चुनाव का हवाला दिया गया है, जहां थोराट की वजह से 23 सदस्यों वाली कांग्रेस उपाध्यक्ष पद के लिए तैयार हो गई और 18 सीटों वाली एनसीपी को अध्यक्ष का पद सौंप दिया। प्रदेश में पार्टी की मौजूदा परिस्थितियों पर एक नेता ने कहा है, "महाराष्ट्र कांग्रेस को ऐसा अध्यक्ष चाहिए जो शरद पवार के सामने खड़ा होकर सुनिश्चित कर सके कि प्रदेश में हम गुमनामी न खो जाएं। "
'मलाईदार' विभागों पर एनसीपी का कब्जा
हालांकि, थोराट के एक करीबी ने कहा कि 44 सीटें जीतने वाली कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में पार्टी के लिए बेहतर डील हासिल की है। बता दें कि विभागों के बंटवारे के तहत एनसीपी नेता और उपमुख्यमंत्री अजित पवार को वित्त और योजना विभाग मिला है, जबकि उन्हीं की पार्टी के अनिल देशमुख राज्य के नए गृहमंत्री बनाए गए हैं। वहीं पहली बार चुनाव जीते मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे को पर्यावरण, टूरिज्म और प्रोटोकॉल जैसे विभाग दिए गए हैं। वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोराट को राजस्व और अशोक चव्हाण को बगैर पब्लिक अंटरटेंकिंग्स के पीडब्ल्यूडी विभाग दिया गया है। कुल मिलाकर ज्यादातर 'मलाईदार' विभागों पर पवार की पार्टी एनसीपी ने कब्जा किया है।
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