चुभती गर्मी और 'लू' की चपेट में पूरा उत्तर-भारत, पारा 40 के पार, इस तरह बचाइए खुद को
नई दिल्ली। आंधी-तूफान का शिकार बने उत्तर भारत को अब 'लू' के प्रकोप ने आ घेरा है, धूल भरी आंधी के दुख से ग्रसित इन इलाकों को अब सूरज की तपिश झेलनी पड़ रही है जिसके कारण पूरा नार्थ इंडिया इस समय प्रचंड गर्मी की चपेट में है। लोगों को अब झुलसाने वाली गर्मी और 'लू' के थपेड़ों को झेलना पड़ा रहा है। महाराष्ट्र का चंदरपुर 48 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ सोमवार को देश का सबसे गर्म स्थान रहा।
पंजाब, हरियाणा, यूपी और दिल्ली में 'लू' का प्रकोप
इसके अलावा पंजाब, हरियाणा, यूपी और दिल्ली में भी 'लू' का प्रकोप बदस्तूर जारी है तो राजस्थान, बिहार और मध्य प्रदेश भी इससे अछूते नहीं हैं। सोमवार को महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा के अधिकतर स्थानों पर पारा 40 डिग्री को पार कर गया है, यही हाल दिल्लीवासियों का भी रहा, यूपी की राजधानी लखनऊ व आसपास के जिलों में भी सुबह से ही निकली तेज धूप ने मौसम का पारा चढ़ा दिया। यहां अगले 24 घंटों के दौरान तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने का अनुमान है।
पाकिस्तान में 'लू' की वजह से 65 लोगों की मौत
पाकिस्तान के कराची में भीषण गर्मी और लू से करीब 65 लोगों की मौत हो गई है। मौसम विभाग ने कराची और्र सिंध में तीन दिन तक 'लू' चलने की चेतावनी जारी की है। सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना घर से बाहर निकलने वाले लोगों को करना पड़ रहा है।
तापमान 2 डिग्री और बढ़ने का अनुमान है
मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में उत्तर भारत में आसमान पूरी तरह साफ रहेगा और एंटी-साइक्लोनिक हवाओं से तापमान 2 डिग्री और बढ़ने का अनुमान है। 1 जून के आस-पास मानसून आने के संकेत हैं, लेकिन तब तक चिलचिलाती धूप और गर्म हवाओं का ही सामना करना पड़ेगा।
'लू' लगने से मृत्यु क्यों होती है ?
हमारे शरीर का तापमान हमेशा 37° डिग्री सेल्सियस होता है, इस तापमान पर ही हमारे शरीर के सभी अंग सही तरीके से काम कर पाते है ।पसीने के रूप में पानी बाहर निकालकर शरीर 37° सेल्सियस टेम्प्रेचर मेंटेन रखता है, लगातार पसीना निकलते वक्त भी पानी पीते रहना अत्यंत जरुरी और आवश्यक है । पानी शरीर में इसके अलावा भी बहुत कार्य करता है लेकिन जब बाहर का टेम्प्रेचर 45° डिग्री के पार हो जाता है और शरीर की कूलिंग व्यवस्था ठप्प हो जाती है, रक्त गरम होने लगता है और रक्त में उपस्थित प्रोटीन में उबाल होता है, जो कि हानिकारक होता है इससे सांस लेने में दिक्कत होती है और जब ये स्थिति और तेज हो जाती है तो इंसान का शरीर जवाब दे देता है और उसकी मौत हो जाती है।
गर्मी में बीमारी होने के मुख्य कारण
- गर्मी के दिनों में खुले शरीर में चलना और भाग-दौड़ करना।
- तेज गर्मी में घर से खाली पेट यानी भूखा प्यासा बाहर जाना।
- धूप से आकर तुरंत ठंडा पानी या अन्य ठंडे पदार्थ का सेवन करना।
- तेज धूप से आकर सीधे कूलर या एसी में बैठना या उठकर धूप में जाना।
- तेज गर्मी में भी सिंथेटिक वस्त्रों का पहनना।
- तेल-मसाले वाला खाना, गरिष्ठ, तेज मसाले, बहुत गर्म खाना खाना, अधिक चाय व शराब का सेवन करना।
- गर्मी में ज्यादा भारी व बासी भोजन न करें, क्योंकि गर्मी में शरीर की जठराग्नि मंद रहती है।
- गर्मी में जब भी घर से निकले कुछ खाकर और पानी पीकर ही निकलें, खाली पेट ना निकलें।
- पानी के का सेवन 4 से 5 लीटर रोजाना करें।
- बाजारू ठंडी चीजें नहीं बल्कि घर की बनी ठंडी चीजों का सेवन करना चाहिए।
- आम का पना, खस, चंदन, गुलाब, फालसा, संतरा का सरबत ,सत्तू, दही की लस्सी, मट्ठा ,गुलकंद का सेवन करना चाहिए।
- हरि और ताजी सब्जियों का सेवन करना चाहिए।
- सफेद प्याज का सेवन तथा बाहर निकलते समय प्याज रखना चाहिए।
- सूती कपड़ों को पहनकर बाहर निकलें।
- सिर हमेशा कपड़े से बांधकर निकलें।
- आंखों को धूप से बचाने के लिए चश्मा पहनकर बाहर निकलें।
- बाहर की चीजों को खाने से परहेज करें।
बरतें सावधानियां
डॉक्टरों के मुताबिक हम प्राकृतिक चीजों को तो बदल नहीं सकते हैं लेकिन कुछ सावधानियों के जरिए हम उनसे खुद को बचा सकते हैं। इसलिए इस बारे में डॉक्टरों ने कुछ उपाय बताए हैं, जिनके जरिए हम खुद का बचाव 'लू' से कर सकते हैं।
बचने के उपाय
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