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15वीं बार गई थीं अमरनाथ यात्रा पर, लेकिन इस बार जिंदगी से हार गईं

अमरनाथ यात्रा के दौरान मारे गए लोगों की दर्दनाक कहानी, 15वीं बार अमरनाथ यात्रा पर गई थी गुजरात की महिला

By Ankur
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नई दिल्ली। अमरनाथ यात्रियों पर जिस तरह से आतंकियों ने हमला बोला और उसमें सात लोगों की मौत हो गई, उसने देशभर के लोगों को गमगीन कर दिया है। इस हमले में कई ऐसे लोग हैं जो अपने परिजनों के जाने पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं और उनके साथ बिताए अंतिम पल और बातों को अब भी भूल नहीं पा रहे हैं। इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने अपनी खबर में उन तमाम लोगों को जिक्र किया है जो इस घटना के बाद इन लोगों को याद कर रहे हैं।

आखिरी समय पर कराई थी बुकिंग

आखिरी समय पर कराई थी बुकिंग

महाराष्ट्र के दहानू शहर में रहने वाली 50 वर्षीय उषा सोनकर आतंकी हमले में अपनी जान गंवा चुकी हैं, लेकिन इस आतंकी हमले से दो घंटे पहले उन्होंने अपनी बेटी को फोन करके कहा था कि उन्होंने उसके लिए स्वेटर खरीदा है। उषा की सबसे बड़ी बेटी सीमा बताती हैं कि मां यात्रा पर नहीं जाना चाहती थीं, लेकिन पापा ने आखिरी समय पर उनकी सीट बुक की थी, जब बस में पांच ही सीट बची थी, वह रोते हुए कहती हैं कि आखिर उनकी क्यों हत्या कर दी गई, वह तो सिर्फ तीर्थ यात्रा पर गई थीं, अब हमारे पिता का खयाल कौन रखेगा। उषा के पड़ोसी कहते है कि वह काफी धार्मिक थीं।

कई बार धार्मिक यात्रा पर गई थीं उषा

कई बार धार्मिक यात्रा पर गई थीं उषा

उषा के परिवार ने जब टीवी पर यह खबर देखी कि अमरनाथ यात्रियों पर हमला हुआ है, तो लोगों बस मालिक को फोन करना शुरू किया, पूरी रात परिवार न्यूज चैनल बदलता रहा कि उसे इस बाबत जानकारी मिल सके। प्रदीप ठाकुर जोकि निर्मलादेवी के बेटे हैं, उन्होंने बताया कि जब वह अपनी मां को बस पर छोड़ने गए तब भी मैंने उनसे कहा था कि वह नहीं जाएं क्योंकि कश्मीर में माहौल काफी खराब है। निर्मला और उषा एक ही बस में अमरनाथ यात्रा पर निकलीं थी।
निर्मला हर वर्ष अपने दोस्तों के साथ तीर्थयात्रा पर जाती है, हाल ही में वह उज्जैन के कुंभ मेला गई थीं, इससे पहले वह वाराणसी, मथुरा, पंधारपुर गई थीं।

पूरी तैयारी से भेजा था यात्रा पर

पूरी तैयारी से भेजा था यात्रा पर

निर्मलादेवी का बेटा प्रदीप जोकि टैक्सी ड्राइवर है का कहना है कि उसने अपनी मां की तीर्थयात्रा के लिए 16000 रुपए दिए थे और उसने तीन महीने पहले अपनी मांग की अमरनाथ यात्रा प्लानिंग की थी। निर्मलादेवी की बेटी का कहना है कि उसने मां के लिए तीन सलवार सूट, एक साड़ी व तीन स्वेटर खरीदा था। निर्मलादेवी ने प्रदीप को फोन करके बताया था कि उसकी बस पर पत्थर से हमला हुआ है। नीतू जिनका रो-रोकर बुरा हाल है का कहना है कि मां को खिड़की वाली सीट पसंद थी, मुमकिन है कि इसी वजह से उन्हें पहले गोली लगी होगी।

15 बार कर चुकी हैं अमरनाथ की यात्रा

15 बार कर चुकी हैं अमरनाथ की यात्रा

लक्ष्मीबेन जिनकी उम्र 57 वर्ष है, वह इस यात्रा पर 15 बार जा चुकी हैं, लेकिन उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि यह उनकी आखिरी यात्रा होगी। हर बार जब लक्ष्मीबेन यात्रा पर जाती थी तो वह यात्रियों के लिए खाना बनाती थी, लेकिन सोमवार को हुए हमले में उनकी मौत हो गई। उनकी मौत के बाद गुजरात के वलसाड़ के लोगों को यकीन नहीं हो रहा है कि लक्ष्मीबेन अब नहीं रहीं।

किसी को लक्ष्मीबेन मौत पर यकीन नहीं

किसी को लक्ष्मीबेन मौत पर यकीन नहीं

लक्ष्मीबेन के पोते अजय पटेल का कहना है कि मां 2 जुलाई को अमरनाथ यात्रा पर गई थी, वह 15 बार यात्रा पर जा चुकी हैं ,लिहाजा हम उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित नहीं थे। लेकिन हमने इस बात का अंदाजा नहीं था कि यह यात्रा उनकी आखिरी यात्रा होगी। वह बताते हैं कि 5 जुलाई को मेरा जन्मदिन था और मैंने दादी को फोन किया था, उन्होंने बताया था कि टूर पार्टी ने कार्यक्रम में बदलाव किय है। उन्होंने हमें बताया था कि वह अमरनाथ यात्रा के बाद वेष्णो देवी भी जाएंगे। अजय एक गाड़ी बनाने वाली दुकान में काम करते हैं। लक्ष्मीबेन के साथ उनकी पड़ोसी लालीबेन भी गई थी और वह इस हमले में घायल हो गई हैं और उनका अनंतनाग में इलाज चल रहा है।

मां बची लेकिन पिता नहीं रहे

मां बची लेकिन पिता नहीं रहे

संतोष पटेल को जब इस बात की जानकारी मिली की अमरनाथ यात्रियों पर हमला हुआ है तो अपनी मां रतिलाल पटेल की जानकारी हासिल करने के लिए अगली सुबह तक इंतजार करते रहे। लेकिन जब वह टीवी देख रहे थे और इस बात की प्रार्थना कर रहे थे कि उनकी मां सुरक्षित हों तभी उन्होंने अपनी मां को वीडियो फुटेज में देखा। अगली सुबह उन्हें पता चला कि उनकी मां हसुमति को गोली लगी हैं और वह जिंदा लेकिन उनके पिता रतिलाल पटेल का गोली लगने से निधन हो गया है।

देर रात पता चला की मां को गोली लगी है

देर रात पता चला की मां को गोली लगी है

गुजरात के नवसारी जिले की चंपा प्रजापति की भी इस हमले में मौत हो गई है। चंपा के बेटे पिनाल प्रजापति बताते हैं कि जब मैंने टीवी देखा तो मैंने अपने अंकल को संपर्क किया, जो कि मां के साथ यात्रा कर रहे थे, लेकिन मेरी उनसे बात नहीं हो सकी। देर रात मेरी उनसे बात हो सकी, उन्होंने बताया कि मेरी मां सहित कुछ लोगों को गोली लगी है। उन्होंने बताया कि कुछ ही देर बात स्थानीय पुलिस ने खबर दी कि मेरी मां सहित कुछ लोगों की इस घटना में मृत्यु हो गई है।

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English summary
Heart wrenching story of Amarnath pilgrims who died in terror attack. One of the pilgrim traveled for 15 times to Amarnath.
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