हार्ट ऑफ एशिया कॉन्फ्रेंस में निशाने पर पाकिस्तान, पढ़िए पीएम नरेंद्र मोदी ने क्या-क्या कहा?
रविवार को हार्ट ऑफ एशिया कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पीएम ने बिना नाम लिए पाकिस्तान पर निशाना साधा।
अमृतसर। रविवार को हार्ट ऑफ एशिया कॉन्फ्रेंस का आगाज हो गया। कॉन्फ्रेंस में आतंकवाद की समस्याओं से जूझ रहे अफगानिस्तान की समस्या के समाधान पर चर्चा हो रही है और निशाने पर पाकिस्तान है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना उस पर हमला बोला। उन्होंने आतंकवाद को अफगानिस्तान में शांति, सुरक्षा और समृद्धि के रास्ते में सबसे बड़ा खतरा बताते हुए बाहरी ताकतों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया।
वहीं उनसे पहले अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि एक प्रमुख तालिबान नेता ने स्वीकार किया है पाकिस्तान में वह शरण लिए हुए है।
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अफगानिस्तान की समस्या और आतंकवाद पर पीएम ने कहा
पीएम मोदी ने कहा कि अफगानिस्तान क्षेत्र और इसके नागरिकों को बाहरी खतरों से सुरक्षित करने, उसे मजबूत बनाने के लिए भारत प्रतिबद्ध है। उन्होंने अफगानिस्तान में स्थायी शांति के लिए आंतकवाद को खत्म करने की बात कही और इसके लिए सामूहिक इच्छाशक्ति से काम करने की अपील की।
पीए मोदी ने कहा कि अगर अफगानिस्तान और इस क्षेत्र में आतंकवाद की स्थिति पर हम शांत और निष्क्रिय रहेंगे तो इससे आतंकियों और उनके आकाओं को और बढ़ावा मिलेगा।
पीएम मोदी ने नाम लिए बिना पाकिस्तान पर बोला हमला
पीएम मोदी ने कहा कि अफगानिस्तान में शांति के लिए सिर्फ बातों से समर्थन देने से काम नहीं चलेगा। इसके लिए ठोस एक्शन की जरूरत है।
उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि आतंकवाद के खिलाफ ही नहीं बल्कि उसको समर्थन, शरण और वित्तीय मदद देने वालों के खिलाफ भी एक्शन लेने की जरूरत है।
पीएम मोदी ने दिया क्षेत्र में कनेक्टिविटी और सहयोग पर जोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अफगानिस्तान और भारत के बीच कनेक्टिविटी के लिए एयर ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर बनाने की बात कही।
उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले लॉन्च हुए अफगानिस्तान डैम (सलमा डैम) से भी वहां के लोगों की आर्थिक हालत सुधरेगी।
कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि भारत, अफगानिस्तान और ईरान को जोड़ने के लिए चाहबार बंदरगाह महत्वपूर्ण है। राष्ट्रपति गनी ने कहा कि अफगानिस्तान के लोगों का जीवन सुधारने के लिए भारत बिना शर्त पूरी पारदर्शिता के साथ समर्थन कर रहा है।
गनी ने कहा कि यूएन के अनुसार लगभग 30 आतंकी संगठन अफगानिस्तान में बेस बनाने के फिराक में हैं। पिछले साल अफगानिस्तान ने आतंकी घटनाओं में सबसे ज्यादा लोग मारे गए, इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से पीएम मोदी की वार्ता
रविवार को हार्ट ऑफ एशिया कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के बीच द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग को लेकर हाल में लिए गए फैसलों की प्रगति पर और सामरिक साझेदारी मजबूत करने पर वार्ता हुई।
इस बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि दोनों नेताओं ने सीमा पार आतंकवाद पर चर्चा की जिससे भारत और अफगानिस्तान बुरी तरह प्रभावित है।
आतंकवाद से लड़ने के लिए दोनों देशों के बीच साझेदारी मजबूत करने और यूएन जैसे इंटरनेशनल फोरम में साथ काम करने पर सहमति बनी।
दोनों देशों के बीच चल रहे द्विपक्षीय सहयोग में 1 बिलियन डॉलर (लगभग 7000 करोड़ रुपए) और जोड़ने पर सहमति बनी है जिसमें कनेक्टिविटी के लिए एयर ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर बनाने की योजना भी शामिल है।
कॉन्फ्रेंस में भाग लेने पहुंचे डिप्लोमेट्स का पीएम ने किया स्वागत
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि शनिवार को कॉन्फ्रेंस में भाग लेने अमृतसर पहुंचे डिप्लोमेट्स का स्वागत करते हुए पीएम ने कहा कि अफगानिस्तान और हमारे क्षेत्र में स्थायित्व, सुरक्षा और विकास के आतंकवाद और हिंसा को खत्म करना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान जिन समस्याओं से आज जूझ रहा है, उससे इसको निकालना क्षेत्र के देशों की सामूहिक जिम्मेदारी है। अफगानिस्तान की मदद के लिए सबको साथ मिलकर काम करना होगा।
अफगानिस्तान की समस्याओं पर कॉन्फ्रेंस में चर्चा
2011 में हार्ट ऑफ एशिया कॉन्फ्रेंस को इस्तांबुल में लॉन्च किया गया था। अमृतसर में इसका छठा सम्मेलन हो रहा है। इस कॉन्फ्रेंस में अफगानिस्तान की समस्याओं पर खासतौर पर चर्चा हो रही है।
कॉन्फ्रेंस में भाग लेने के लिए 14 देशों के वरिष्ठ अधिकारी और 17 समर्थक देशों के प्रतिनिधि अमृतसर पहुंचे हैं।
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