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Maratha Reservation: मराठा आरक्षण पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

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नई दिल्ली। आज सुप्रीम कोर्ट में मराठा आरक्षण के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई होगी। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार का पक्ष रखने के लिए पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी को नियुक्त किया है। रोहतगी के साथ वकीलों की एक पूरी टीम है।

आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

इस टीम में परमजीत पटवालिया, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल आत्माराम नाडकर्णी, राज्य सरकार द्वारा सप्रीम कोर्ट में नियुक्त निशांत कटणेश्वरकर, राज्यस्तरीय लेखा समिति के अध्यक्ष ऐडवोकेट सचिन पटवर्धन, मुंबई हाई कोर्ट के ऐडवोकेट सुखदरे, एड. अक्षय शिंदे, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव शिवाजी दौंड, विधि व न्याय विभाग के सचिव (विधि विधान) राजेंद्र भागवत, सह सचिव गुरव शामिल हैं।

12 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा


मालूम हो कि देवेंद्र फडणवीस सरकार ने इसी साल जुलाई में मराठा आरक्षण संशोधन विधेयक पास किया था था, पुराने कानून में संसोधन के बाद अब महाराष्ट्र राज्य में मराठा समुदाय के लोगों को शिक्षण संस्थानों में 13 और सरकारी नौकरियों में 12 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। बीते साल पास किए बिल में 16 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान था, इसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट में में एक याचिका दायर करके राज्य में मराठाओं को 16 प्रतिशत के प्रावधान की संवैधानिकता को चुनौती दी गई थी।

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 अदालत ने 16 की जगह ने शिक्षण संस्थानों में 13 प्रतिशत आरक्षण की बात कही

अदालत ने 16 की जगह ने शिक्षण संस्थानों में 13 प्रतिशत आरक्षण की बात कही

लेकिन हाईकोर्ट ने इस पर फैसला सुनाते हुए आरक्षण को वैध बताया लेकिन इसकी सीमा घटा दी थी, अदालत ने 16 की जगह ने शिक्षण संस्थानों में 13 और सरकारी नौकरियों में 12 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के निर्देश दिए थे,जिसके बाद महाराष्‍ट्र में मराठा समुदाय को 16 फीसदी आरक्षण देने का बिल बीते साल नवंबर महीने में पास किया गया था। उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार की इस दलील को भी स्वीकार कर लिया था कि मराठा समुदाय सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा है तथा उनकी प्रगति के लिये कदम उठाना सरकार का कर्तव्य है।

मुकुल रोहतगी रखेंगे सरकार का पक्ष

मुकुल रोहतगी रखेंगे सरकार का पक्ष

राज्‍य के दोनों सदनों ने मराठा आरक्षण का बिल सर्वसम्‍मति से पास किया गया था। मराठा समुदाय को ये आरक्षण स्टेड बैकवर्ड क्लासेज कमीशन के तहत दिए जाने का प्रावधान है। महाराष्ट्र के अलग-अलग इलाकों में मराठा समुदाय ने आरक्षण की मांग को लेकर कई आंदोलन किए गए थे। लेकिन हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ एक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। याचिका में कहा गया कि संविधान पीठ द्वारा तय आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा का उल्लंघन हुआ है।

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English summary
Hearing In The Supreme Court Today On Maratha Reservation,Bombay High Court Confirms Maratha Quota, But Says 16% Not Justifiable.
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