स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा-सरकार ने कभी पूरे देश के टीकाकरण की बात नहीं कही
नई दिल्ली। भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 31,118 नए मामले आए जबकि 41,985 मरीज ठीक हो गए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि,आज भी विश्व के बड़े देशों में भारत में प्रति दस लाख लोगों पर मामले सबसे कम हैं। अनेक ऐसे देश हैं जहां पर भारत से प्रति दस लाख लोगों पर आठ गुना तक ज़्यादा मामले हैं। उन्होंने कहा कि देश में 11 नवंबर को पॉजिटिविटी रेट 7.15% था और 1 दिसंबर को ये 6.69% हो गया है। देश में अब तक 14.13 करोड़ कोविड-19 जांच की गई हैं।
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, क्लीनिकल ट्रायल बहु केंद्रित और अनेक जगहों पर होती हैं। हर साइट पर एक इंस्टिट्यूशन इथिक्स कमेटी होती है, जो कि सरकार या मैन्युफैक्चरर से स्वतंत्र होती है। किसी बुरे प्रभाव के बाद यह कमेटी उस पर संज्ञान लेती है और ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को रिपोर्ट भेजती है। जब क्लीनिकल ट्रायल शुरू होते हैं तो लोगों से सहमति से जुड़ा फॉर्म साइन करवाया जाता है।
उन्होंने बताया कि, यही प्रक्रिया दुनियाभर में है। अगर कोई ट्रायल में शामिल होने का फैसला लेता है तो इस फॉर्म में ट्रायल के संभावित उल्टे प्रभाव के बारे में बताया जाता है। स्वास्थ्य सचिव से जब ये पूछा कि पूरे देश को टीकाकरण करने में कितना समय लगेगा? तो उन्होंने कहा कि, मैं सिर्फ यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि सरकार ने कभी भी पूरे देश में टीकाकरण की बात नहीं की है। यह महत्वपूर्ण है कि केवल तथ्यात्मक जानकारी के आधार पर हम इस तरह के वैज्ञानिक मुद्दों पर चर्चा करें।
उन्होंने कहा कि, डेटा सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड क्लीनिकल ट्रायल पर हर दिन नजर रखता है और उलटा प्रभाव पड़ने पर रिपोर्ट भेजता है। ड्रग कंट्रोलर रिपोर्ट का विश्लेषण करता है और पता लगाता है कि वैक्सीनेशन और बुरे प्रभाव के बीच कोई संबंध है या नहीं। वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपस्थित आईसीएमआर डीजी डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि, दवाई या वैक्सीन के बुरा प्रभाव पड़ता है। यह रेग्युलेटर की जिम्मेदारी है कि डाटा जुटा कर पता लगाए कि क्या इवेंट और इंटरवेंशन के बीच कोई लिंक है।
बलराम भार्गव ने कहा कि, टीकाकरण वैक्सीन की प्रभावकारिता पर निर्भर करेगा और हमारा उद्देश्य COVID 19 संचरण की श्रृंखला को तोड़ना है। यदि हम लोगों के महत्वपूर्ण द्रव्यमान का टीकाकरण करने और वायरस संचरण को तोड़ने में सक्षम होते हैं, तो हमें पूरी आबादी का टीकाकरण नहीं करना पड़ सकता है। मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि संक्रमण के नए मामलों की तुलना में ठीक होने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है और 4,35,603 मरीज उपचाराधीन हैं। देश में पिछले 24 घंटे में संक्रमण के कुल 31,118 नए मामले आए। केरल, दिल्ली, कर्नाटक, छत्तीसगगढ़ जैसे राज्यों में उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटी है जबकि उत्तराखंड, गुजरात, असम और गोवा में मरीजों की संख्या बढ़ी है। केरल में सबसे ज्यादा 6055 मरीज ठीक हो गए। दिल्ली में 5824 मरीज ठीक हो गए। मंत्रालय ने कहा कि संक्रमण के 77.79 प्रतिशत मामले 10 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश से आए।