स्वास्थ्य मंत्रालय का बड़ा बयान- 10 दिनों में शुरू हो जाएगा कोविड-19 वैक्सीनेशन
नई दिल्ली। कोरोना वायरस(coronavirus vaccine) की दो वैक्सीन को देश में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के बाद अब सरकार जल्द की टीकाकरण ड्राइव ( Covid-19 vaccine drive) शुरू करने वाली है। स्वास्थ मंत्रालय(health ministry) ने कहा कि वैक्सीन को आपातकालीन स्वीकृति मिलने के 10 दिन के भीतर ही टीकाकरण शुरू होगा। एक टीकाकरण टीम में 5 सदस्य होंगे। डिजिटल माध्यम से ही वैक्सीन के पहले और दूसरे डोज देने के लिए तारीख दी जाएगी। डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत यूनिक हेल्थ आईडी भी बनाया जा सकेगा।
Recommended Video
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि, इमरजेंसी यूज़ अथोराइजेशन जिस दिन हुआ है उसके 10 दिन के भीतर टीकाकरण शुरू होने की पूरी तैयारी है। उन्होंने बताया कि, वैक्सीन लेने के बाद अगर उसका कोई बुरा प्रभाव होता है तो उसकी रियल टाइम रिपोर्टिंग के लिए कोविन वैक्सीन डिलीवरी मैनेजमेंट सिस्टम में प्रावधान किया गया है। वहीं कैडिला के वैक्सीन DNA आधारित वैक्सीन है। परीक्षण के दौरान देखा गया कि अच्छी एंटीबॉडी बनी है। 15 से 20 दिनो के भीतर टीकाकरण प्रारंभ होगा।
हेल्थ वर्कर और फ्रंट लाइन वर्कर को कोविन प्लेटफॉर्म(वैक्सीनेशन के लिए) पर अपना पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं होगी, उनका डाटा पहले ही रिकॉर्ड किया जा चुका है। वैक्सीनेशन के लिए सेशन बांटने की पूरी प्रकिया इलेक्ट्रॉनिकली होगी। लाभार्थी को वैक्सीनेशन हुआ ये डिजिटली रिकॉर्ड किया जाएगा और उसे अगला डोज़ लेने कब आना है इसकी जानकारी भी उसे डिजिटली मिलेगी। कोरोना वैक्सीन लेने के बाद का इसका सर्टिफिकेट डिजी लॉकर में भी रख सकेंगे।
उन्होंने कहा कि, कोविन प्लेटफॉर्म हमने भारत में बनाया है लेकिन ये विश्व के लिए है, जो भी देश इसका इस्तेमाल करना चाहेंगे भारत सरकार इसमें उनकी मदद करेगी। हेल्थ वर्कर और फ्रंट लाइन वर्कर को कोविन प्लेटफॉर्म(वैक्सीनेशन के लिए) पर अपना पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं होगी, उनका डाटा पहले ही रिकॉर्ड किया जा चुका है। देश के 5 राज्यों में ड्राई रन सफल रहा है। टीकाकरण के बाद किसी भी तरह की समस्या होने पर उसका निदान किया जाएगा।
राजेश भूषण ने कहा कि, कोविशील्ड ओर कोवैक्सीन को 2-8 डिग्री तापमान पर रखे जाने की जरूरत है। देश के 5 राज्यों में ड्राई रन सफल रहा है। टीकाकरण के बाद किसी भी तरह की समस्या होने पर उसका निदान किया जाएगा। वैक्सीन की जगहों पर तापमान मापने के यंत्र होगा। हमने ड्राई रन के लिये 125 जिलों में 286 सेशंस साइट्स तैयार की हैं। भारत के पास वैक्सीन डिलिवरी की निगरानी के लिए डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम हैं। यह पिछले 10 साल है मौजूद है। लेकिन अब कोरोना वैक्सीन के लिए इसमें कुछ और चीजें जोड़ी गई हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि, देश के 4 बड़े डिपो में निर्माता वैक्सीन पहुंचाते हैं। वहां से स्टेट वैक्सीन स्टोर तक इसे पहुंचाया जाता है, जो 37 हैं। वैक्सीन को आगे पहुंचाने की जिम्मेदारी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश की होती है। इसे साथ ही सरकार ने यह भी साफ कर दिया कि, भारत सरकार ने किसी भी तरीके से किसी भी वैक्सीन के एक्सपोर्ट को बैन नहीं किया है।
Coronavirus vaccine: कोवैक्सीन को मंजूरी पर अब मिलिंद देवड़ा ने उठाए सवाल,पीएम मोदी से की ये मांग