गांवों में बढ़ रहे कोरोना मामलों को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की एसओपी, स्क्रीनिंग और आइसोशलन पर फोकस
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नई दिल्ली, मई 16: देश में कोरोना की दूसरी लहर नए मामलों के साथ बढ़ती जा रही है। रोजाना सामने आ रहे 3 लाख से ज्यादा केस सरकारों की चिंता बढ़ा रहे हैं। वहीं इस खतरनाक वायरस से होने वाली मौतों का आंकड़ा भी कम होने का नाम नहीं ले रहा। इस बीच अब यह वायरस शहरों से गांवों की ओर तबाही मचाने के लिए प्रवेश कर रहा है। ऐसे में स्थिति पर नजर रखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने शहरी, ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में कोविड-19 की रोकथाम और प्रबंधन पर एसओपी जारी की है।
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इस दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोरोना के बढ़ते गांवों और आदिवासी इलाकों में प्रसार को रोकने के लिए प्राइमरी लेवल पर हेल्थ केयर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूर करने की आवश्यकता है। मंत्रालय की ओर से जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में कोरोना वायरस के बीच उपायों के बीच ग्रामीण स्तर पर कोविड के प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के लिए निगरानी, स्क्रीनिंग, घर और समुदाय आधारित आइसोलेशन और योजना पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
आपको बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर अब शहरों के बाद गांवों में भी अपना कहर बरपा रही है। देश के अधिकतर राज्यों के गांवों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। स्थिति यह है कि लोग कोरोना के लक्षणों की जानकारी के अभाव में इसकी देखरेख नहीं कर पा रहे हैं, जिसके चलते गांवों में मौत का आंकड़ा बढ़ने लगा है। वहीं इलाज की कमी से भी कोरोना के नए मामले बेलगाम हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा के गांवों में लगातार कोरोना के नए मामलों के साथ होने वाली मौतों का भी आंकड़ा बढ़ रहा है।