और अधूरा रह गया जांबाज रतन लाल का अपने बच्चों से किया गया यह वादा
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान अब तक सात लोगों की मौत हुई है जबकि 105 लोग घायल हैं। हिंसा में जान गंवाने वालों में दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल भी शामिल हैं। वहीं, गोकुलपुरी इलाके में हिंसा के दौरान शाहदरा के डीसीपी अमित शर्मा बुरी तरह जख्मी हो गए थे। हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की पत्नी पूनम ने टीवी पर देखा कि उनके पति की हिंसा में मौत हो गई है, इतना सुनते ही वह तुरंत बेहोश हो गईं। वहीं, रतन लाल के दिनों बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल था।
रतन लाल ने गांव में होली मनाने का किया था वादा
रतन लाल राजस्थान के सीकर जिले के फतेहपुर तिहावली के रहने वाले थे। तीन भाई-बहनों में रतन लाल सबसे बड़े थे। वे अपनी पत्नी और तीनों बच्चों के साथ बुराड़ी में रहते थे। रतन लाल ने अपने बच्चों से वादा किया था कि इस बार होली अपने गांव तिहावली में ही मनाएंगे। एक माह पहले जब एक रिश्तेदार का निधन हो गया था तो वह अपने घर गए थे। रतन लाल के पिता का पहले ही देहांत हो चुका था और मां को अबतक बेटे के निधन की जानकारी नहीं दी गई है।
मां से छिपाई गई रतन लाल की मौत की खबर
परिवार के एक सदस्य ने बताया कि एक रिश्तेदार से उनकी मृत्यु की जानकारी मिली। इसके बाद तुरंत ही घर का टीवी स्विच ऑफ कर दिया गया ताकि मां को बेटे के वक्त से पहले चले जाने की खबर ना मिल सके। घर पर आने वालों को देखकर मां को अंदाजा हो गया कि जरूर कोई बात उनके छिपाई जा रही है लेकिन किसी ने उनसे रतन लाल की मौत का जिक्र नहीं किया है।
बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल
रतन लाल के बच्चे पुलिस कमिश्नर से सवाल कर रहे थे,'हमारे पापा का क्या कसूर था?' रतन लाल के छोटे भाई दिनेश लाल बेंगलुरु में रहते हैं। दयालपुर थाने में तैनात पुलिसकर्मी हीरालाल ने बताया, 'मैंने कभी उनको किसी की एक कप चाय पीते नहीं देखा, वे हमेशा अपनी जेब से ही खर्च करते थे। उनके स्वभाव से कहीं से भी पुलिसकर्मी होने का व्यवहार नहीं झलकता था। साल 2013 में दो पिछड़ी जाति की महिलाओं के साथ बलात्कार के केस में हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल ने ही आरोपियों को दबोचने में अहम भूमिका अदा की थी।
गोकुलपुरी में पोस्टेड थे रतन लाल
रतन लाल गोकुलपुरी में पोस्टेड थे और वे जिस एसीपी को रिपोर्ट करते थे, उनकी हालत भी काफी गंभीर है। इस हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। उनकी मजबूत कद-काठी और डील-डौल की वजह से उन्हें हमेशा चुनौतीपूर्ण काम दिए जाते और वह हमेशा उनपर खरे उतरते थे। उनके भाई दिनेश लाल ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।दिनेश लाल ने कहा कि रतन लाल एक सच्चे देशभक्त थे और उन्होंने कभी नहीं देखा कि वह किसी पर चिल्लाएं हों या फिर किसी पर कभी नाराज हुए हों।