राम मंदिर के चंदे को लेकर पूर्व सीएम कुमारस्वामी का विवादित बयान, नाजियों से की RSS की तुलना
कुमारस्वामी बोले, राम मंदिर के लिए चंदा नहीं देने वाले घरों के नाम किए जा रहे चिह्नित, RSS की जर्मनी के नाजियों से की तुलना
Karnataka CM HD Kumaraswamy On Ram Temple construction: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने दावा किया है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा लेने वाले कार्यकर्ता उन लोगों का नाम लिख रहे हैं जो चंदा नहीं दे रहे हैं। एचडी कुमारस्वामी ने संघ (RSS) पर इसके लिए आरोप लगाया है। उन्होंने ये भी दावा किया है कि राम मंदिर के लिए जो चंदा नहीं दे रहे हैं, कार्यकर्ताओं उनके घर को भी अलग से चिह्नित कर रहे हैं। इतना ही नहीं एचडी कुमारस्वामी ने आरएसएस की तुलना जर्मनी के नाजियों से भी की है। कुमारस्वामी ने ट्वीट करते हुए आरएसएस पर और भी कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
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कुमारस्वामी ने कहा,''मुझे पता चला है कि राम मंदिर निर्माण के लिए जो लोग चंदा इकट्ठा कर रहे हैं, वे चंदा देने वालों और नहीं देने वाले घरों को अलग-अलग चिह्नित कर रहे हैं। मुझे नहीं पता कि वो लोग (चंदा लेने वाले) ऐसा क्यों कर रहे हैं और चंदा नहीं देने वाले घरों पर अलग से मार्किंग क्यों लगा रहे हैं। यह उसी तरह है जैसे जर्मनी में हिटलर के शासनकाल में नाजियों ने किया था और लाखों लोगों ने अपनी जानें गंवाई थी।''
कुमारस्वामी बोले, मुझे नहीं पता कि ये घटनाक्रम जो अभी भारत में हो रही हैं हमें कहां लेकर जाएगी और उसका अंत क्या होने वाला है।
I don’t know where these developments, which are being witnessed in India, take us finally.
— H D Kumaraswamy (@hd_kumaraswamy) February 15, 2021
कुमारस्वामी ने ट्वीट कर कहा, ''इतिहासकारों का कहना है कि आरएसएस ने उसी समय जन्म लिया जब जर्मनी में नाजी पार्टी की स्थापना हुई थी। मुझे इस बात की चिंता है कि अगर आरएसएस नाजियों द्वारा अपनाई गई समान नीतियों को लागू करने की कोशिश करेगा तो देश में आगे क्या होगा। देश में अब लोगों के मौलिक अधिकार छीने जा रहे हैं।''
कुमारस्वामी ने ट्वीट कर कहा, फिलहाल देश एक ऐसी स्थिति देख रहा है जहां कोई अपने विचारों को स्वतंत्र रूप से व्यक्त नहीं कर सकता है। यह एक अघोषित आपातकाल के अलावा और कुछ नहीं है।
कुमारस्वामी बोले, देश में ऐसी स्थिति बनाई गई है जहां कोई भी अपनी भावनाओं को साझा नहीं कर सकता है। मुझे नहीं पता कि अगर मीडिया आने वाले दिनों में सरकार के विचारों को लागू करता है तो क्या होगा। ऐसी स्थिति में यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि आम लोगों की की किस्मत क्या होगी? मौजूदा हालात को देखते हुए स्पष्ट है कि देश में कुछ भी हो सकता है।