भावुक हुए एचडी देवगौड़ा, मंच पर लगे रोने, भाजपा ने बताया हर बार का ड्रामा
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नई दिल्ली। कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस के बीच आखिरकार सीटों के बंटवारे को लेकर डील फाइनल हो गई। सीटों के बंटवारे के बाद पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा उस वक्त भावुक हो गए जब उन्होंने अपने पोते प्राजवाल रेवन्ना के नाम का ऐलान किया। देवगौड़ा ने प्राजवाल के नाम ऐलान के बाद लोगों से बात करते हुए देवगौड़ा रोने लगे, जिसके बाद वहां पर खड़े प्राजवाल रेवन्ना भी भावुक हो गए और वह रोने लगे। इस पूरे घटनाक्रम पर भाजपा ने तंज कसते हुए इसे लोकसभा चुनाव का पहला ड्रामा करार दिया है।
जेडीएस के खाते में 8 सीट
बता दें कि रेवन्ना को जेडीएसृ-कांग्रेस के गठबंधन में हासन संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सीट का उम्मीदवार बनाया गया है। कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस ने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है और दोनों ही दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर सहमति बन गई है। यहां कांग्रेस 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि जेडीएस के खाते में 8 सीटें आई हैं। जेडीएस के खाते में शिमोगा, तुमकुर, हासन, मांड्या, बेंगलुरू नॉर्थ, उत्तर कन्नड, चिकमंगलूर, विजयपुरा आई हैं।
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दोनों बेटों को मिला टिकट
हासन और मांड्या की सीट को जेडीएस का गढ़ माना जाता है, यही वजह है कि पार्टी देवगौड़ा के दो पोतों प्राजवाल और निखिल कुमारस्वामी को मैदान में उतार रही है। सीटों के बंटवारे के ऐलान के बाद बुधवार को एचडी देवगौड़ा ने प्रदेश में चुनावी सभा की शुरुआत की। जिस तरह से जेडीएस ने निखिल और प्राजवाल को टिकट दिया है उसके बाद उसपर आरोप लग रहा है कि पार्टी परिवारवाद को बढ़ावा दे रही है।
सोशल मीडिया और मीडिया पर भड़के देवगौड़ा
देवगौड़ा ने कहा कि कितने सारे आरोप हमपर लगे, सुबह से मीडिया देवगौड़ा, रेवन्ना, कुमारस्वामी और उनके बेटे को लेकर बयानबाजी कर रही है। देवगौड़ा ने कहा कि निखिल को मांड्या से मैदान में उतारने का पार्टी ने फैसला लिया है। मैंने इसका ऐलान नहीं किया था। मुझे इस बात का काफी दुख है कि लोग सोशल मीडिया पर गो बैक निखिल कह रहे हैं।
लोगों से सामने बात रखूंगा
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं मांड्या जाउंगा, उन्हें जो कहना है कहने दीजिए, जिनके लिए मैंने 60 साल तक लड़ाई लड़ी, मैं सबकुछ उनके सामने रखूंगा। वहीं विपक्ष ने जेडीएस पर आरोप लगाया है कि पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किया है और चुनाव में परिवारवाद को वरीयता दी है। भाजपा ने भी जेडीएस के फैसले पर तंज कसा है। जिस तरह से देवगौड़ा मंच पर रोने लगे उसपर भाजपा का कहना है कि रोने की कला में ये लोग पारंगत हैं।
चुनाव के बाद लोग रोते हैं
कर्नाटक भाजपा के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है कि अगर रोना एक कला है, श्री देवगौड़ा और उनका परिवार इस कला में माहिर है और वह इश कला से लोगों को दशकों से बेवकूफ बनाते रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है कि हर चुनाव से पहले देवगौड़ा और उनका परिवार रोता है। लेकिन चुनाव के बाद वो लोग रोते हैं जिन्होंने उन्हे वोट दिया।
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