हाथरस केस में UP पुलिस ने कहा- रेप नहीं हुआ, पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट में 'जबरदस्ती' की बात, पढ़ें डिटेल
हाथरस केस में UP पुलिस ने कहा- रेप नहीं हुआ, पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट में 'जबरदस्ती' की बात, पढ़ें डिटेल
हाथरस/अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के हाथरस गैंगरेप ( Hathras) मामले को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इसी बीच अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल (JNMCH)की मेडिको-लीगल एग्जामिनेशन रिपोर्ट ( Medico-legal examination report (MLC) सामने आई है। ये मेडिकल रिपोर्ट उत्तर प्रदेश पुलिस के उस दावे को खारिज करती है, जिसमें यूपी पुलिस ने कहा था कि हाथरस पीड़िता के साथ रेप या गैंगरेप की पुष्टी नहीं हुई है। अलीगढ़ अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक पीड़िता के साथ 'बल प्रयोग' किया गया है। पीड़िता के साथ कथित तौर पर 14 सितंबर को चार लोगों ने मिलकर गैंगरेप किया था।
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हाथरस पीड़िता की MLC रिपोर्ट में डॉक्टर ने क्या कहा?
अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल (JNMCH) में ही हाथरस पीड़िता को सबसे पहले भर्ती किया गया था। इसी अस्पताल के मेडिको-लीगल एग्जामिनेशन रिपोर्ट के मुताबिक डॉक्टरों ने लड़की के जानकारी देने पर 'वैजाइना में पेनिट्रेशन' की बात लिखी थी। यानी लड़की के साथ 'बल प्रयोग' किया गया था। हालांकि डॉक्टरों ने यह भी कहा है कि हमें स्पर्म के सैंपल नहीं मिले हैं। लेकिन डॉक्टरों ने प्रिलिमिनरी जांच में 'ताकत के इस्तेमाल' का भी जिक्र किया है।
हालांकि डॉक्टरों ने इसे अपनी फाइनल रिपोर्ट नहीं बताया है। डॉक्टरों ने कहा है कि प्रवेश और संभोग के बारे में आखिरी मत एफएसएल (FSL) रिपोर्ट के बाद ही दी जा सकती है।
डॉक्टर ने कहा- पीड़िता ने 4 लड़कों पर गैंगरेप का आरोप लगाया था
टाइम्स
ऑफ
इंडिया
के
मुताबिक
MLC
रिपोर्ट
के
पेज
23
में
लिखा
है
कि
हमने
वैजाइनल
जांच
पूरी
कर
ली
थी।
जिसमें
फोर्स
की
बात
सामने
आई
थी।
डॉक्टरों
ने
अपनी
रिपोर्ट
में
यह
भी
कहा
कि
हो
सकता
है
कि
पीड़िता
वारदात
के
वक्त
या
उसके
बाद
बेहोश
हुई
थी।
फोरेंसिक
विभाग
के
सहायक
प्रोफेसर
डॉ.
फैज
अहमद
द्वारा
हस्ताक्षरित
रिपोर्ट
में
कहा
गया
है
कि
लड़की
ने
अपने
बयान
में
चार
लड़कों
पर
यौन
उत्पीड़न
का
आरोप
लगाया
था।
पीड़िता
ने
बयान
में
कहा
था
कि
सुबह
9
बजे
जब
पीड़िता
अपने
खेत
में
काम
कर
रही
थी
तो
उसके
साथ
रेप
हुआ
था।
पीड़िता ने कहा था- आरोपियों ने जान से मारने की धमकी दी थी
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पीड़िता ने डॉक्टरों को यह भी बताया कि आरोपियों ने मुंह खोलने पर जान से मारने की धमकी दी थी, लड़की ने चार लोगों- संदीप, रामू, लव कुश और रवि को आरोपी बनाया था। जिसका जिक्र MLC रिपोर्ट में है।
पीड़िता ने अपने बयान में कहा था कि जब उसके साथ हिंसा हो रही थी तो आरोपी दुपट्टे से उसका गला घोंटने की कोशिश कर रहे थे। पीड़िता को अलीगढ़ के अस्पताल में 14 सितंबर को भर्ती करवाया गया था। उसकी रीढ़ की हड्डी टूटी हुई थी। पीड़िता ने 22 सितंबर को अपने साथ हुई घटना का जिक्र किया था। उसी दिन अस्पताल ने केस को आगरा की FSL रेफर कर दिया था।
यूपी पुलिस ने कहा था- पीड़िता का रेप नहीं हुआ
यूपी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी प्रशांत कुमार ने एक अक्टूबर को दावा किया कि हाथरस में 19 साल की दलित लड़की के साथ रेप नहीं हुआ था। अधिकारी ने अपनी बात की पुष्टी के लिए कहा था कि लड़की के सैंपल में स्पर्म नहीं पाया है। इसिलए हमें इस बात की पुष्टी भी नहीं हो पाई है कि पीड़िता के साथ रेप हुआ था।
प्रशांत कुमार ने ये बाद आगरा की एफएसएल रिपोर्ट के आधार पर कही थी। आगरा की एफएसएल रिपोर्ट में कहा गया है कि पीड़िता के साथ रेप नहीं हुआ था। वहीं सफदरजंग अस्पताल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, लड़की की मौत मारपीट की वजह से हुई है।