Hathras case:क्यों नहीं रुक रही हैं रेप की घटनाएं, मार्कंडेय काटजू ने ये बताया
नई दिल्ली- अपने बयानों के लिए अक्सर विवादों में रहने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने हाथरस गैंग रेप की घटना को लेकर बिल्कुल ही अलग दलील दी है। उन्होंने इस जघन्य अपराध की निंदा तो की है, लेकिन कहा है कि इसका असल कारण बेरोजगारी है। उन्होंने यह भी कहा है कि देश में जब तक बेरोजगारी दूर नहीं होगी ऐसी घटनाओं को रोका नहीं जा सकता। बता दें कि इस घटना को लेकर पूरे देश में उबाल है और राज्य की योगी सरकार ने आरोपियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए एसआईटी गठित की है, जो सात दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी।
हाथरस कांड के आरोपियों को सख्त सजा देने की मांग
जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने यूपी के हाथरस में एक दलित युवती के साथ हुए गैंग रेप और बर्बर बर्ताव की निंदा की है और अपराधियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग भी की है। लेकिन, इसके साथ उन्होंने यह भी कहा है कि इससे जुड़ा एक और नजरिया है, जिसपर विचार करने की जरूरत है। वह कहते हैं, 'पुरुषों में सेक्स की प्राकृतिक रूप से तीव्र इच्छा होती है। कभी-कभी कहा जाता है कि खाना खाने के बाद सेक्स दूसरी आवश्यकता है।' इसके बाद काटजू ने भारतीय सामाजिक परिस्थितियों और पारंपरिक सोच का हवाला देकर यह बताने की कोशिश की है कि आखिर रेप जैसी घटनाएं क्यों नहीं रुक पा रही हैं।
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क्यों नहीं रुक रही रेप की घटनाएं, काटजू ने ये बताया
जस्टिस काटजू का कहना है कि पारंपरिक सोच वाले भारतीय समाज में सेक्स के लिए शादी जरूरी है। उन्होंने ट्विटर के जरिए इसी स्थिति पर चिंता जताई है। उनके मुताबिक, 'भारत जैसे परंपरावादी समाज में सामान्यतौर पर शादी के बाद ही कोई सेक्स कर सकता है। लेकिन, यहां बहुत ज्यादा बेरोजगारी है और यह बढ़ती ही जा रही है। इसके चलते बड़ी तादाद में युवा शादी नहीं कर सकते (बेरोजगारों से लड़कियां शादी करने के लिए तैयार नहीं होतीं।)। यही वजह है कि सेक्स की सामान्य जरूरत वाली उम्र में पहुंचकर भी बड़े पैमाने पर युवा पुरुष सेक्स से वंचित रह जाते हैं।'
बेरोजगारी दूर होने से ही घटेंगी ऐसी घटनाएं-काटजू
उनका कहना है कि विभाजन के वक्त अविभाजित भारत की आबादी करीब 42 करोड़ थी और आज अकेले भारत की जनसंख्या लगभग 135 करोड़ हो चुकी है। जबकि, इसकी तुलना में रोजगार नहीं बढ़े हैं। वो कहते हैं, 'असलियत तो ये है कि ऐसा माना जा रहा है कि अकेले 2020 के जून में 12 करोड़ भारतीय बेरोजगार हो गए हैं। तो क्या रेप की घटनाएं बढ़ेंगी नहीं ?' उनका कहना है कि वह रेप को जायज नहीं ठहरा रहे हैं, बल्कि इसकी निंदा करते हैं, 'लेकिन, देश में जो हालात मौजूद हैं इसका बढ़ना तय है। ' उनका कहना है कि अगर वाकई ऐसी घटनाएं कम करना चाहते हैं तो देश में ऐसी सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था तैयार होनी चाहिए, जहां बिल्कुल ही नहीं या बहुत ही कम बेरोजगारी हो।
हाथरस की घटना पर बवाल
बता दें कि दिल्ली से करीब 200 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के एक गांव में 14 सितंबर को चार आरोपियों ने एक युवती के साथ ना सिर्फ गैंगरेप किया, बल्कि उसके शरीर के साथ बर्बरता की सारी हदें पार कर दीं। उसका जीभ को छलनी कर दिया गया और रीढ़ में गंभीर चोट की वजह से वह लकवाग्रस्त हो गई थी। पहले उसका इलाज अलीगढ़ में चला, लेकिन फिर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लगाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। इस केस में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। उन सब पर गैंगरेप और हत्या का केस दर्ज किया गया है।