हाथरस केस को लेकर सीएम योगी से बोलीं उमा भारती- हमने रामराज्य लाने का दावा किया लेकिन..
नई दिल्ली। हाथरस में दलित लड़की के साथ दरिंदगी के बाद पुलिस प्रशासन के पीड़ित परिवार के साथ रवैये को लेकर भाजपा की सीनियर नेता उमा भारती ने सवाल खड़े किए हैं। मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती ने ट्वीट कर कहा है कि हम रामराज्य का दावा कर रहे हैं लेकिन हाथरस का मामला भाजपा की छवि खराब कर रहा है। उमा भारती ने कहा है कि विपक्ष के नेता और मीडिया अगर पीड़ित परिवार से मिलना चाहते हैं तो उनको रोकना नहीं जाना चाहिए।

उमा भारती ने सीएम योगी से पूछे कड़े सवाल
उमा भारती ने ट्विटर पर लिखा है- योगी आदित्यनाथ जी आपको जानकारी होगी कि मैं कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद एम्स ऋषिकेश में भर्ती हूं। इसीलिये मैं अयोध्या मामले पर विशेष सीबीआई कोर्ट में पेश भी नहीं हो पाई। ऐसे में मैं किसी से मिल नहीं सकती लेकिन टीवी पर मैंने हाथरस की घटना के बारे में देखा। पहले तो मुझे लगा मैं ना बोलूं लेकिन जिस प्रकार से पुलिस ने गांव और पीड़ित परिवार की घेराबंदी की है उसके कितने भी तर्क हो लेकिन इससे विभिन्न आशंकाएं जन्म लेती हैं। बड़ी जल्दबाजी में पुलिस ने बिटिया की अंत्येष्टि की और अब परिवार की पुलिस ने घेराबंदी कर दी है। मेरी जानकारी में ऐसा कोई नियम नहीं है, जिसमें एसआइटी जांच में परिवार किसी से मिल ना पाए। इससे तो एसाईटी की जांच ही संदेह के दायरे में आ जाएगी ।

सीएम की छवि पर आंच पहुंची है
उमा भारती ने आगे कहा, हमने अभी राम मंदिर का शिलान्यास किया है और देश में रामराज्य लाने क़ा दावा किया है किन्तु इस घटना पर पुलिस की कार्यशैली आपकी और भाजपा की छवि पर आंच आई है। आप एक साफ छवि के शासक है। मेरा आपसे अनुरोध है कि आप मीडियाकर्मियों और राजनीतिक दलों के लोगों को पीड़ित परिवार से मिलने दीजिए। अगर मैं कोरोना पॉजिटिव ना होती तो मैं भी उस परिवार के साथ बैठती। अस्पताल से छुट्टी होने पर मैं हाथरस जरूर जाऊंगी। मैं आपसे वरिष्ठ और आपकी बड़ी बहन हूं। मेरा आग्रह है कि आप मेरे सुझाव को अमान्य मत करिएगा।

ये है पूरा मामला
हाथरस के चंदपा क्षेत्र में दलित लड़की 14 सितंबर को अपनी मां के साथ पशुओं का चारा लेने खेतों पर गई थी। खेत में चार युवकों ने उसके साथ कथित तौर पर रेप किया। लड़की के साथ बुरी तरह से मारपीट भी की गई। उसकी रीढ़ की हड्डी में चोट आई और दरिंदगी की हद करते हुए उसकी जीभ काट दी गई। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में 29 सितंबर को लड़की ने दम तोड़ दिया। आरोप है कि पहले आठ दिन तक पुलिस ने मामले में रिपोर्ट दर्ज करने और रेप की धाराओं को उसमें जोड़ने में आनाकानी की। इसके बाद जब पीड़िता की मौत को गई तो रात में पुलिस ने परिजनों की मर्जी के खिलाफ जबरन रात में लड़की का दाह संस्कार कर दिया। अब गांव को एकदम सील कर दिया गया है और कथित तौर पर परिवार को धमका कर चुप रहने के लिए कहा जा रहा है। मीडिया और नेताओं को गांव में घुसने नहीं दिया जा रहा है।
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