हाथरस गैंगरेप: पीड़ित परिवार के नार्को टेस्ट पर रोक लगाने के लिए इलाहाबाद HC में याचिका
लखनऊ। यूपी सरकार ने हाथरस मामले में जिले के एसपी सहित पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। एसपी विक्रांत वीर सिंह, क्षेत्राधिकारी (सीओ) राम शब्द, इंस्पेक्टर दिनेश कुमार वर्मा, सब इंस्पेक्टर जगवीर सिंह और हेड मोहर्रिर महेश पाल को निलंबित कर दिया गया है। शामली के एसपी विनीत जायसवाल को हाथरस का एसपी बनाया गया है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने निर्देश दिया कि दोनों पक्षों (पीड़ित और आरोपी) और मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों का नार्को टेस्ट करवाया जाए। इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।
अब पीड़िता के परिवार के नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट पर रोक लगाने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल कर दी गई है। यह याचिका किसी और ने नहीं बिल्क मुंबई के सोशल एक्टिविस्ट साकेत गोखले ने दायर की है। आपको बता दें कि साकेत गोखले ने बीते 5 अगस्त को अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा संपन्न हुए राम मंदिर भूमि पूजन पर रोक लगाने के लिए भी कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
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अपनी याचिका में साकेत गोखले ने कहा था कि जब बकरीद पर सामूहिक नमाज की इजाजत नहीं दी गई तो राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम को इजाजत कैसे दी जा सकती है। गोखले ने कहा था कि राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम में लोग जुटेंगे जिससे कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा है। हालांकि, कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
आपको बता दें कि बीते 14 नवंबर को उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक 19 वर्षीय दलित युवती के साथ दरिंदगी हुई थी, जिसका आरोप गांव के ही चार युवकों पर लगा है। चारों आरोपी इस समय जेल में हैं। पीड़िता ने बीते दिनों दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। उसके बाद से योगी सरकार विपक्षी पार्टियों के निशाने पर है।
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