हाथरस मामला: 510 कानून के छात्रों ने CJI को लिखा पत्र, दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
हाथरस मामला: 510 कानून छात्रों ने CJI को लिखा पत्र, दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
नई दिल्ली। यूपी के हाथरस में 19 साल की लड़की के साथ गैंगरेप और हत्या मामले को लेकर देश भर में गुस्सा चरम पर हैं। विपक्षी राजनीतिक पार्टियों और समाजसेवी संगठनों और आम जन द्वारा इस केस में न्याय के लिए लड़ी जा रही इस लड़ाई में कानून की पढ़ाई करने वाले छात्र भी शामिल हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को बुधवार को 510 विधि छात्रों द्वारा हाथरस मामले को संज्ञान में लेते हुए एक पत्र याचिका भेजी है।
देश भर के 510 कानून के छात्रों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र लिखा कि Hathras कथित गैंगरेप का मामले के दोषी अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की, जिसमें उनके गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के लिए पुलिस कर्मियों को दोषी ठहराया गया। CJI को छात्रों द्वारा पत्र याचिका में कहा गया है कि SC को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्भया फंड में अप्रयुक्त राशि का उपयोग महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और मृतक के शरीर पर परिवार के सदस्यों के अधिकारों पर उचित दिशानिर्देश पारित करने के लिए उचित निर्देश देने चाहिए।
बता दें देश में प्रत्येक वर्ष केन्द्र सरकार द्वारा यौन उत्पीड़न मामलों में कार्रवाई और न्याय दिलाने के लिए राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों को निर्भया फंड आवंटित किया जाता है लेकिन हाल की रिपोर्ट में इसका खुलासा हो चुका है कि प्रदेश सरकारों ने आवंटित कुल बजट के 20 प्रतिशत से भी कम हिस्से का उपयोग किया है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा लोकसभा में प्रस्तुत किये गए आँकड़ों के अनुसार, भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने निर्भया फंड के तहत आवंटित कुल बजट के 20 प्रतिशत से भी कम हिस्से का उपयोग किया है।
गौरतलब है कि 2012 में देश की राजधानी दिल्ली में मानवता को शर्मसार कर देने वाली वाली सामूहिक बलात्कार की घटना जिसे निर्भया नाम दिया गया इसके बाद महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2013 में निर्भया फंड की स्थापना की गई थी। बलात्कार पीड़ितों की सहायता करने और उनके पुनर्वास को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इस फण्ड की व्यवस्था की गई थी। तत्कालीन वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने 1000 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की थी। पिछले छह वर्षों में वित्त बजट में आवंटन के माध्यम से यह फंड 3,600 करोड़ रुपए तक पहुँच चुका है। इस फंड से महिला सशक्तीकरण से संबंधित कई योजनाओं के क्रियान्वयन की योजना थी।
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