Hathras की वो काली रात जब पुलिस ने घुप अंधेरे में चोरी से कर दिया था अंतिम संस्कार
नई दिल्ली। Hathras Case:यूपी में हाथरस गैंगरेप(Hathras Gang Rape) केस के तीन महीने बाद शुक्रवार को मामले की जांच कर रही सीबीआई (CBI) टीम ने चारों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी। सीबीआई ने 22 सितंबर को दिए गए पीड़िता के आखिरी बयान को आधार बनाया है। चारों आरोपियों संदीप, लवकुश, रवि और रामू पर गांव की एक दलित लड़की की रेप और हत्या का आरोप है। यह मामला उस समय जोर पकड़ गया था, जब रात के अंधेरे में यूपी पुलिस ने परिवार की इच्छा के विरुद्ध जाकर पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया था।

14 सितंबर का वो काला दिन
बीते 14 सितंबर को जब पीड़िता अपने खेत में जानवरों के लिए घास काटने गई थी। पीड़िता के भाई ने इसके बाद शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी बहन को संदीप नाम के एक युवक ने जान से मारने की कोशिश की है। उसकी चीख-पुकार सुनकर जब मां वहां पहुंची तो आरोपी वहां से फरार हो गया। उसके बाद पुलिस ने उसके भाई के शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर संदीप को गिरफ्तार कर लिया। युवती के भाई ने कहा कि, पहली एफआईआर मेरे और मेरी मां के बयान के आधार पर दर्ज की गई थी। मेरी बहन बयान देने की हालत में नहीं थी। वह बेहोश थी। तब तक हमें यह भी नहीं पता था कि उसके साथ सामूहिक बलात्कार हुआ है। अलीगढ़ के जेएनएमसी अस्पताल के ICU के अंदर 15 तारीख को उसे होश आया, लेकिन वह किसी भी हाल में अपना बयान देने की हालत में नहीं थी। पीड़िता के भाई के अनुसार पुलिस 20 तारीख को अस्पताल आई लेकिन बहन उस दिन भी अपना बयान नहीं दे सकी।

पीड़िता के भाई ने बताई हैवानियत की कहानी
पीड़िता के भाई ने बताया कि, उसकी हालत खराब थी। मेरी बहन ने 22 तारीख को अपना बयान दिया। इसके बाद दूसरी एफआईआर दर्ज की गई। आरोपियों के उपर सामूहिक बलात्कार और हत्या की कोशिश की धाराएं लगाई गईं। मैंने उसकी हालत देखी। उसकी गर्दन टूट गई थी। उसकी जीभ कट गई थी। पूरी तरह से नहीं बल्कि कटी हुई थी। उसने मुझे बताया कि उसकी जीभ दांतों के बीच आकर कट गई। इसके उलट पुलिस ने अलग बयान दर्ज किए।

6 दिन बाद लड़की की दिल्ली के अस्पताल में मौत
तत्कालीन एसपी एसपी विक्रांत वीर ने दावा किया कि, हाथरस या अलीगढ़ के किसी भी डॉक्टर द्वारा लड़की का यौन उत्पीड़न किए जाने की पुष्टि नहीं की गई है। लड़की के प्राइवेट पार्ट पर घर्षण के कोई संकेत या निशान नहीं हैं। मीडिया में इस मामले के उछलने के बाद लड़की को अलीगढ़ के अस्पताल से 28 सितंबर को दिल्ली सफरदजंग अस्पताल शिफ्ट कर दिया गया। 6 दिन बाद लड़की की दिल्ली के अस्पताल में मौत हो गई।

पुलिस ने रात के अंधेरे में पीड़िता का किया अंतिम संस्कार
लड़की की मौत के बाद पीड़िता के परिवार से साथ पुलिसिया उत्पीड़न शुरू हुआ। हाथरस पुलिस ने रातोंरात दिल्ली से युवती का शव लेकर गांव पहुंची। परिवार के मना करने के बावजूद पुलिस ने हिंदू रीतिरिवाद के विरुद्ध रात के दो बजे अंतिम संस्कार कर दिया। पुलिस ने पीड़िता के शव को जलाने के लिए पेट्रोल का इस्तेमाल किया। इस दौरान के कई वीडियो सामने आए। जिसमें पुलिस ने पीड़िता की मां को उसकी बेटी को अंतिम बार देखने तक नहीं दिया। इस घटना के बाद पूरे देश में बवाल मच गया।

लड़की की मौत के बाद देशभर में प्रदर्शन
लड़की की मौत के बाद देशभर में प्रदर्शन हुआ था। इस दौरान यूपी पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर दावा किया था कि पीड़िता के साथ गैंगरेप नहीं हुआ। यूपी पुलिस के इस बयान के बाद हाई कोर्ट ने यूपी पुलिस को फटकार भी लगाई थी। विवाद बढ़ता देख इस मामले में योगी सरकार ने एसआईटी भी बनाई थी। हालांकि परिवार द्वारा सीबीआई जांच की मांग किए जाने के बाद इस मामले को सीबीआई की टीम को सौंप दिया गया। लगभग तीन महीने की जांच पड़ताल के बाद आज सीबीआई ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी।
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