हसन रूहानी ने भारत आकर डोनाल्ड ट्रंप को क्यों कहा कि आपको 'पछताना पड़ेगा'
नई दिल्ली। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी इन दिनों भारत यात्रा पर और इस दौरान उन्होंने दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। हसन रूहानी ने शनिवार को कहा कि ईरान अंतिम सांस तक परमाणु समझौते की शर्तों का पालन करेगा जो कि उसने दुनिया के प्रमुख ताकतवर देशों के साथ किया था। इस बीच रूहानी ने भारत में अमेरिकी राष्ट्रपति को भी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर दोनों देशों के बीच परमाणु समझौता रद्द होता है तो अमेरिका को पछताना पड़ेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल ईरान के साथ हुई न्यूक्लियर डील पर पुनर्विचार करने के लिए वापस कांग्रेस में भेज दिया था। अमेरिकी सरकार का आरोप है कि ईरान पहले से हथियारों का गलत ढंग से उपयोग कर रहा है। डोनाल्ड ट्रंप के इस कदम के बाद से ही अमेरिका और ईरान के बीच एक बार रिश्तों में बर्फ जम गई है। ईरान के राष्ट्रपति ने कहा, 'एक मुल्क के रूप में हमने हमेशा से ही समझौता का पालन किया है। हमने कभी भी इसका उल्लंघन (न्यूक्लियर समझौते) नहीं करेगें और हम बने रहेंगे। यह तो अल्लाह का आदेश है। अगर हम कोई समझौता करते हैं तो हम अपनी आखिरी सांस तक उसका पालन करेंगे।'
हसन रूहानी ने नई दिल्ली से सवाल करते हुए पूछा कि भारत की आबादी 1.3 बिलियन होने के बावजूद भी UNSC के पावर क्लब शामिल क्यों नहीं। रूहानी ने कहा जिनके पास भी एटोमिक बम है, उनके पास वीटो पावर है तब भारत के पास यह पावर क्यों नहीं। बता दें कि UNSC में वीटो का अधिकार सिर्फ अमेरिका, रूस, चीन, यूके और फ्रांस के पास है।
रूहानी ने भारत दौरे पर अफगानिस्तान में आतंकवाद को खत्म करने के लिए नई दिल्ली का साथ देने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि दोनों देश मिलकर अफगानिस्तान के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे। ईरानी राष्ट्रपति को राष्ट्रपति भवन में गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया।