क्या लद्दाख का बदला लेने के लिए चीन ने अरुणाचल प्रदेश से किया है 5 भारतीयों को 'अगवा'?
नई दिल्ली- अरुणाचल प्रदेश में पिछले शुक्रवार से 5 युवक लापता हैं। स्थानीय लोगों और परिवार वालों को शक है कि उन्हें चीन की सेना अगवा करके ले गई है। भारतीय सेना की ओर से हॉटलाइन संदेश भेजे तीन दिन हो चुके हैं, लेकिन ड्रैगन चुप्पी साध चुका है। उसके प्रवक्ता आए, लेकिन भारतीय सेना की ओर से पूछे गए सवालों का उनके पास कोई जवाब नहीं था। उलटे वह अरुणाचल प्रदेश पर एक बार फिर से अपना दावा जता गए। गौरतलब है कि चीन अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत का हिस्सा बताकर दावा करता है और इसबार उसे लगता है कि लद्दाख में तिब्बतियों की वजह से ही उसकी बुरी तरह हार हुई है। पैंगोंग लेक की घटना का असर ये हुआ है कि चीन की सरकार से लेकर पीएलए के जवान तक हिले हुए हैं। उन्हें लगता है कि तिब्बतियों की वजह से ही उन्हें ये दिन देखने पड़ रहे हैं। यही वजह है कि अरुणाचल प्रदेश में पांचों युवकों के अपहरण के बाद से चीन की ओर से जो हरकतें देखने को मिल रही हैं, उससे लगता है कि यह मामला लद्दाख में उसकी हुई फजीहत से भी जुड़ा हो सकता है।
29-30 अगस्त की घटना से बौखलाया हुआ है चीन
29-30 अगस्त की रात पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे की चोटियों पर भारतीय सेना ने जिस तरह से पीएलए के नापाक इरादों को नाकाम किया और इलाके के सभी अहम चोटियों पर अपनी स्थिति काफी मजबूत कर ली, उससे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बहुत ही ज्यादा बौखलाहट की खबरें आ चुकी हैं। सोमवार को चीन की सेना की ओर से पैंगोंग त्सो इलाके में जो फायरिंग करके उकसावे वाली कार्रवाई को अंजाम दिया गया है, वह भी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के आलाकमान की नाराजगी थोड़ा कम करने की भी एक कोशिश मानी जा सकती है। पीएलए ने भारतीय सेना पर ही एलएसी पार करने और चीन के पेट्रोलिंग गार्ड पर फायरिंग करने का आरोप लगा दिया। जबकि, भारत ने साफ कर दिया है कि पीएलए ने ही घुसपैठ की कोशिश की थी और उसी ने डराने के मकसद से हवाई फायरिंग की। मतलब ये कि एलएसी के पास पिछले महीने के आखिर में भारतीय सेना ने जिस शौर्य का परिचय दिया है, चीन उसे पचा नहीं पा रहा है और वह भारत से हर हाल में बदला लेने के लिए छटपटा रहा है।
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'तिब्बती फोर्स' से पिटने के चलते चीन में छटपटाहट
चीन की इतनी ज्यादा बौखलाहट की वजह ये है कि ऐसा कहा जा रहा है कि 29-30 अगस्त को पीएलए के खिलाफ एक्शन में स्पेशल फ्रंटियर टास्क फोर्स के वीरों ने हिस्सा लिया था। ऐसा पहली बार हुआ है कि आमतौर पर बेहद गोपनीय रहने वाली इस स्पेशल फोर्स के बारे में खुलकर चर्चाएं हुई हैं। हालांकि, इस स्पेशलाइज्ड फोर्स ने 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध और कारगिल की जंग में भी अपने पराक्रम का परिचय दिया था। लेकिन, भारत सरकार के स्तर पर इस फोर्स के बारे में कभी कोई ज्यादा जानकारी सामने नहीं लाई गई। एस्टैबलिशमेंट 22 या विकास रेजमेंट के नाम से भी जाने जानी वाली इस फोर्स का गठन 1962 में जब हुआ था, तब उसमें मुख्य रूप से तिब्बती शरणार्थियों को जगह दी गई थी। बस, यही बात है कि इसका नाम सुनते ही चीनी शासकों के पैर के नीचे की जमीन खिसकने लगती है और इसबार तो भारत इस फोर्स के जवानों की जांबाजी को दबाकर रखने की भी कोशिश नहीं कर रहा है।
अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन का ताजा बयान
भारतीय सेना ने रविवार को ही अरुणाचल प्रदेश में मैकमोहन रेखा के उसपार मौजूद अपने पीएलए समकक्षों को हॉटलाइन संदेश भेजकर बताया था कि 5 भारतीय नागरिक लापता हो गए हैं, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि उन्हें पीएलए ने अगवा किया है। लेकिन, सोमवार को जब चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाओ लिजियन सामने आए और उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसका कोई भी सीधा उत्तर नहीं दिया। उलटे उन्होंने ये कहा कि, "चीन की सरकार ने कभी भी 'तथाकथित अरुणाचल प्रदेश' को मान्यता नहीं दी है। आप जो कह रहे हैं, उसकी जानकारी मुझे नहीं है।" दरअसल, उनका दावा है कि अरुणाचल प्रदेश दक्षिणी तिब्बत यानी चीन का हिस्सा है। मतलब, 5 भारतीयों के अपहरण के बारे में उन्होंने इशारों में यह बताने की कोशिश की है कि वह 'अपने ही नागरिकों (चीन के नागरिकों)' का अपहरण नहीं कर सकता।' चीन ने जिस तरह से लद्दाख तनाव के वक्त अरुणाचल प्रदेश पर अपना घिसा पिटा पुराना राग अलापा है और पांचों भारतीयों के कथित अपहरण की घटना पर चुप्पी साधने की कोशिश की है, उससे जाहिर होता है कि स्पेशल फ्रंटियर फोर्स (तिब्बती फोर्स) से मिली मात का बदला लेने के लिए उसने सामान्य भारतीय नागरिकों को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया है।
अरुणाचल प्रदेश से 5 युवक लापता हैं
दरअसल, अरुणाचल प्रदेश के नाचो इलाके से शुक्रवार से 5 युवक लापता हैं। परिवार वालों और स्थानीय लोगों ने पुलिस को सोशल मीडिया के जरिए शक जताया है कि पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी ने उन्हें अगवा कर लिया है। रविवार को अरुणाचल पश्चिमी से भाजपा सांसद और केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट करके बताया कि, 'चाइनीज पीएलए की ओर से मेदाम्बा राइ/ मेयाबा राइ सीमा इलाके से 5 अरुणाचलियों के अपहरण के सिलसिले में मिली सूचना को लेकर भारतीय सेना अरुणाचल प्रदेश में सीमा केंद्र से पीएलए एस्टेब्लिशमेंट के समकक्ष को हॉटलाइन संदेश भेज चुकी है।' लेकिन, चीन ना तो अपहरण की बात कबूल कर रहा है या ना ही अबतक इससे सीधे इनकार ही करने को तैयार हो रहा है। उसने सिर्फ एकबार फिर से अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा जता दिया है। इससे जाहिर होता है कि लद्दाख में अगर तिब्बतियों से गठित एक स्पेशल फोर्स ने उसे धूल चटाई है तो उसने अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत का हिस्सा बताकर विवाद बढ़ाना शुरू कर दिया है।
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