पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का आदेश- ऑक्सीजन खत्म होने से पहले राज्यों तक सप्लाई पहुंचाए केंद्र
चंडीगढ़, मई 7: देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर जैसे ही आई, वैसे ही ऑक्सीजन की किल्लत खड़ी हो गई। इसको लेकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में शुक्रवार को एक याचिका पर सुनवाई हुई। जिस पर कोर्ट ने कहा कि हरियाणा, पंजाब और केंद्र शासित प्रदेश (UT) चंडीगढ़ में केंद्र सरकार ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित करे। साथ ही इस पर नजर रखे कि जितनी ऑक्सीजन तीनों को आवंटित है, वो खत्म होने से पहले नई खेप पहुंच जाए।
मामले में न्यायमूर्ति राजन गुप्ता और न्यायमूर्ति करमजीत सिंह की खंडपीठ ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि तीनों राज्यों/UT ने आवंटित मात्रा में वृद्धि की मांग नहीं की है, लेकिन वो आपूर्ति में देरी से दुखी हैं। सप्लाई में देरी की वजह से राज्यों को आवंटित ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती, ऐसे में कोटे का नुकसान होता है। इसको देखते हुए केंद्र तय वक्त पर ही ऑक्सीजन पहुंचाए, ताकी ज्यादा से ज्यादा जिंदगियों को बचाया जा सके।
वहीं अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन ने कोर्ट को बताया कि ऑक्सीजन का आवंटन देश के सभी राज्यों के लिए समान रूप से किया जा रहा है और किसी भी राज्य को अनुकूल स्थिति देकर कोई भेदभाव नहीं किया गया। इस सुनवाई में एमिकस क्यूरीए नियुक्त वरिष्ठ अधिवक्ता रूपिंदर खोसला ने तीनों राज्यों/UT में ऑक्सीजन की कमी के बारे में अदालत को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि आवंटित ऑक्सीजन की आपूर्ति या तो हो ही नहीं रही, या फिर उसमें देरी की जा रही है।
वहीं पंजाब राज्य की ओर से पेश वकील ने राज्य में ऑक्सीजन के अलावा वैक्सीन की कमी का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि राज्य को 32 लाख खुराक की जरूरत थी, लेकिन ये मांग अभी तक केंद्र ने पूरी नहीं की है। चंडीगढ़ और हरियाणा के वकील ने भी ऑक्सीजन की कमी की बात कही। इस पर कोर्ट ने केंद्र को राज्यों की समस्याएं दूर करने के निर्देश दिए।