केंद्र के कृषि अध्यादेशों के खिलाफ सड़कों पर किसान, हरियाणा में हाईवे जाम कर प्रदर्शन
केंद्र के कृषि अध्यादेशों के खिलाफ सड़कों पर किसान, हरियाणा में हाईवे किया जाम
नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से जून में लाए गए तीन कृषि अध्यादेशों के खिलाफ किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। गुरुवार को अपना विरोध दर्ज कराने के लिए हरियाणा के कुरुक्षेत्र में किसान हाईवे पर उतरे और इन अध्यादेशों को वापस लेने की मांग सरकार से की। इस दौरान किसानों ने कुछ समय के लिए नेशनल हाईवे-44 पर जाम भी लगाया। बड़ी संख्या में तैनात पुलिस बल ने किसानों पर बल का प्रयोग करते हुए उन्हें हटा दिया। कुछ जगहों पर गाड़ियों के शीशे तोड़े जाने की भी खबर है।
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राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी ने कुरुक्षेत्र में किसानों के प्रदर्शन और उस पर पुलिस की कार्रवाई को लेकर ट्वीट कर कहा है कि हर नागरिक के द्वारा सरकार के फैसलों पर चर्चा, समर्थन और विरोध, लोकतंत्र में जायज होता है। कुरुक्षेत्र में किसान आंदोलन को कुचलने का प्रयास आग पर घी डालेगा। किसान के आक्रोश को समझने के बजाए उसकी आवाज़ अगर दबाई जाएगी, तो अविश्वास बढ़ेगा।
केंद्र सरकार जहां अपने कदम को किसानों के हक में बता रही है, वहीं किसान इससे बहुत गुस्से हैं। किसानों से जुड़े ज्यादातर संगठन इन अध्यादेशों को किसानों के खिलाफ बता रहे हैं। किसानों का कहना है कि सरकार इन अध्यादेशों के जरिये न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दिलाने की स्थापित व्यवस्था को खत्म कर रही है, जिससे किसान अपनी फसल के दाम के लिए व्यापारी के भरोसे हो जाएगा और उसका शोषण और बढ़ेगा। इसी के चलते इन तीन अध्यादेशों के खिलाफ पंजाब और हरियाणा के किसान लामबंद होते दिखाई दे रहे हैं। बीते दो महीनों में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश में किसान अलग-अलग तरीके कसे सड़क पर उतरकर अपना विरोध जता चुके हैं। किसानों में इस बात को लेकर भी गुस्सा है कि सरकार उनकी बात नहीं सुन रही है और उनके अहिंसक आंदोलन को नजरअंदाज कर रही है।
#WATCH Haryana: Farmers block National Highway 44 near Kurukshetra in protest against the three recent agriculture ordinances passed by the Union Cabinet. pic.twitter.com/oLw6lA6Ukm
— ANI (@ANI) September 10, 2020
क्या हैं ये तीन अध्यादेश
इस साल जून में केंद्रीय कैबिनेट ने किसानों को फसल का मूल्य दिलाने और मार्केटिंग व्यवस्था में बदलाव करते हुए तीन अध्यादेश पारित किए हैं। पहला- आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 में संशोधन किया है, जिसके जरिये खाद्य पदार्थों की जमाखोरी पर लगा प्रतिबंध हटा दिया गया। यानी व्यापारी कितना भी अनाज, दालें, तिलहन, खाद्य तेल वगैरह जमा कर सकते हैं।
दूसरा- कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, 2020 है, जिसमें विपणन समितियों (एपीएमसी मंडियों) के बाहर कृषि उत्पाद बेचने और खरीदने की व्यवस्था तैयार करना है।
तीसरा- मूल्य आश्वासन पर किसान (बंदोबस्ती और सुरक्षा) समझौता और कृषि सेवा अध्यादेश, 2020 है। ये कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को कानूनी वैधता प्रदान करता है ताकि बड़े बिजनेस और कंपनियां कॉन्ट्रैक्ट पर जमीन लेकर खेती कर सकें।
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