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Haryana: जानें कौन से विधायक मनोहर कैबिनेट में होंगे शामिल, क्या नये नवेले विधायकों को बनाया जाएगा मंत्री

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बेंगलुरु। हरियाणा में अब तस्‍वीर साफ हो चुकी है। हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी और महज दस माह पुरानी जेजेपीपी पार्टी के गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। शुक्रवार शाम बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और जेजेपी चीफ दुष्यंत चौटाला के बीच हुई बैठक में नई सरकार को लेकर सहमति बनी। दुष्यंत चौटाला के साथ बैठक के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर हरियाणा की सियासत के नए गठबंधन का ऐलान कर दिया।

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शाह ने कहा कि, हरियाणा का मुख्यमंत्री बीजेपी का होगा और उपमुख्यमंत्री जेजेपी का होगा। हरियाणा में गठबंधन की सरकार में मनोहर लाल की नई फौज बनने को तैयार है। दिग्गज मंत्रियों के हारने के बाद सरकार में आए नए चेहरों की लॉटरी लगना तय है। पहली बार चुन कर आए विधायकों की किस्‍मत खुल सकती है। वहीं लगातार कई बार विधायक चुन कर आए विधायकों का मंत्री बनना तय है। दुष्यंत चौटाला की पार्टी जजपा गठबंधन में शामिल है ऐसे में जेजेपी को अहम मंत्रालय मिल सकते हैं।

अनिल विज का मंत्री बनना तय

अनिल विज का मंत्री बनना तय

राजनीति विशेषज्ञ के छह बार विधायक रहे अनिल विज का मंत्री बनना तय है। विज अंबाला छावनी से जीतते आ रहे हैं। इस बार भी मंत्रियों में सिर्फ अनिल विज और बनवारी लाल ही मंत्री के तौर पर सरकार की लाज बचाने में कामयाब हुए हैं। हालांकि सरकार में अनिल विज के साथ कदमताल करना मुश्किल होता है, क्योंकि विज का अपना अलग काम करने का अंदाज है। लेकिन बाद में मनोहर लाल ने उनके साथ भी तालमेल बिठा लिया था। शुरुआती दौर में थोड़ी मुश्किलें आई थीं। जिन्हें बाद में साध लिया गया। विज टेढ़े अफसरों को साधने में भी महिर हैं।भाजपा के जीतने वाले विधायकों में विज सबसे ज्यादा वरिष्ठ हैं। इनके बाद घनश्याम सर्राफ का नंबर आता है। हालांकि पिछली सरकार में घनश्याम सर्राफ को भाजपा ने नकार दिया था। उनसे मंत्री बाद में छीन लिया था। उनके साथ एक अन्य मंत्री को भी मंत्री पद से हटाया गया था। ऐसे में इस बार घनश्याम सर्राफ का नंबर लगेगा या नहीं यह कहना मुश्किल है, लेकिन वरिष्ठता के क्रम में इस बार मुख्यमंत्री के बाद अनिल विज को रखना सरकार की मजबूरी होगी।

 हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह को मिल सकता है मंत्री पद

हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह को मिल सकता है मंत्री पद

विज अपने क्षेत्र से निर्विवाद चुन कर आए मंत्री हैं। उनके खेल और स्वास्थ्य विभाग में काम के चलते ही विज को जनता ने पसंद किया है। खेल कोटे से चुनकर आए विधायकों में हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह की भी लॉटरी लग सकती है। जबकि नांगल चौधरी से लगातार दूसरी बार विधायक बने पूर्व आईएएस अभय सिंह यादव को भी मंत्री पद हासिल हो सकता है। अभय यादव को प्रशासनिक अनुभव है और साथ ही वे दूसरी बार चुनकर आए विधायक हैं। पंजाबी कोटे से थानेसर विधायक सुभाष सुधा और सीमा त्रिखा में से एक मंत्री बनने की लाइन में हैं। सुधा मनोहर लाल के करीबी हैं और साथ ही उन्होंने दिग्गज नेता अशोक अरोड़ा को हराया है। इस बार यह मुकाबला कांटे का था।

कंवर पाल भी बन सकते है मंत्री

कंवर पाल भी बन सकते है मंत्री

2014 की विधानसभा में अध्यक्ष पद पर रहे कंवरपाल गुर्जर की भी मंत्री बनने की तीव्र इच्छा है। पिछली सरकार में भी वे मंत्रीपद की लालसा रखे हुए थे, लेकिन उन्हें स्पीकर पद की जिम्मेदारी दे दी गई। इस बार वे जीत कर मैदान में आ गए हैं। लिहाजा सरकार को उन्हें मंत्री बनाकर यमुनानगर का का भी प्रतिनिधित्व करना होगा, क्योंकि यमुनानगर हरियाणा के उन जिलों में से हैं जहां का प्रतिनिधित्व कम होता है।

वैश्य चेहरों में से एक काे बनाया जाएगा मंत्री

विधानसभा चुनाव के बाद सुधीर सिंगला, नरेंद्र गुप्ता, डॉ. कमल गुप्ता, ज्ञान चंद गुप्ता और दीपक मंगला के नाम की चर्चा है। नरेंद्र गुप्ता विपुल गोयल की टिकट कटने के बाद जीते हैं। जबकि डॉ. कमल गुप्ता दूसरी बार विधायक बने हैं। पंचकूला से ज्ञान चंद गुप्ता भी दूसरी बार विधायक बने हैं। दीपक मंगला सीएम की पसंद के आदमी हैं। ऐसे में लॉटरी किसकी लगेगी यह कहना मुश्किल है।

जाट चेहरों में से कौन बनेगा मंत्री

हरियाणा में सुभाष बराला, कैप्टन अभिमन्यु और ओम प्रकाश धनखड़ चुनाव हार चुके हैं। ऐसे में महिपाल ढांडा, कमलेश ढांडा, जेपी दलाल और प्रवीण डागर जीते हैं। इनमें से एक चेहरे को मंत्री बनाना मजबूरी होगी क्योंकि यह पार्टी के टिकट पर जीत कर आए हैं। पार्टी ने 20 जाटों को टिकट दिए थे। जिसमें से चार जीत कर आए हैं।

पिछड़ा वर्ग से बनाया जाएगा एक मंत्री

पिछड़ा वर्ग से बनाया जाएगा एक मंत्री

पिछड़ा वर्ग से सरकार में इंद्री से रामकुमार कश्यप का नाम आगे चल रहा है। इनेलो से राज्यसभा सांसद रह चुके कश्यप को मनोहर लाल ने ही भाजपा में शामिल किया था। अब उन्हें मंत्री पद से नवाजा जा सकता है, क्योंकि वे पिछड़ा वर्ग से आते हैं। कर्ण देव कांबोज पिछली सरकार में मंत्री थे, वे भी इंद्री से थे, लिहाजा कश्यप को इंद्री का प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है।

अनुभवी को ही दी जाएगी वित्त मंत्री की जिम्मेदारी

इस बार वित्त मंत्री के लिए अनुभवी चेहरे की तलाश होगी। यह मंत्रालय चलाना आसान काम नहीं होगा। पिछली सरकार के कैप्टन अभिमन्यु ने वित्त विभाग संभाला था, लेकिन इस बार इस महकमे के लिए कौन सा चेहरा सूट करेगा। सरकार इस बात को लेकर मंथन में है। अधिकतर विधायक ऐसे हैं जो पहली बार जीते हैं, ऐसे में अनुभव की तलाश जारी है।

निर्दलीय को भी देना पड़ेगा पद

हरियाणा में इस बार निर्दलीय विधायकों को भी सरकार को साधना पड़ेगा। लिहाजा एक दो निर्दलीय को भी मंत्री पद देना पड़ेगा। सूबे से निर्दलीय विधायकों में बलराज कुंडू का नाम सबसे ऊपर है। इसके अलावा रणधीर गोलन और रणजीत सिंह के नाम की भी चर्चा है। जिसमें से कम से कम दो मंत्री बन सकते हैं। बाकी निर्दलीयों को भी सरकार को साधना होगा। लिहाजा बाकी को चेयरमैनी का ढांढस बंधाना पड़ेगा।

इसे भी पढ़े- 24 घंटे में अमित शाह ने बदले हरियाणा के समीकरण, इस 'प्लानिंग' से तोड़ दिया कांग्रेस का सपना

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English summary
Know which MLAs will be included in Manohar's cabinet, and what ministerial position will be given to the Newly Elected MLAs
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