खट्टर सरकार पर भारी पड़ सकती है कमर्चारियों की नाराजगी, लुभावने वादों से अपने पक्ष में करने में जुटी कांग्रेस
नई दिल्ली- 2014 के विधानसभा चुनाव में हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों ने बीजेपी का काफी समर्थन किया था। प्रदेश के करीब 1.18 करोड़ मतदाताओं में से कुल मिलाकर 4.5 लाख के करीब सरकारी कर्मचारी इस बार के चुनाव में भी अहम भूमिका निभाने वाले हैं। माना जा रहा है कि इनमें से काफी सारे कर्मचारी पिछले 5 साल में मनोहर लाल खट्टर सरकार के कुछ फैसलों की वजह से नाराज चल रहे हैं। पिछले चुनाव के बारे में कहा जाता है कि इन सरकारी कर्मचारियों में से कई ने अनौपचारिक ग्रुप बनाकर भी भारतीय जनता पार्टी का समर्थन किया था। लेकिन, इस बार पिछले चुनाव से परिस्थितियां कुछ बदली हुई नजर आ रही हैं। ऐसे में ये तय है कि अगर इन कर्मचारियों ने बीजेपी सरकार को सबक सिखाने की ठानी तो कांग्रेस का पलड़ा भारी पड़ सकता है।
सरकारी कर्माचारियों की परेशानी
हरियाणा के गेस्ट टीचर्स का उदाहरण ही ले लीजिए। पिछले तीन वर्षों से वे करनाल की सड़कों पर नौकरी को स्थाई किए जाने और स्थाई टीचरों की तर्ज पर वेतन देने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। ये सीएम खट्टर का चुनाव क्षेत्र भी है। हरियाणा में इनकी संख्या करीब 13,000 है। इसी तरह 15,000 हरियाणा रोडवेज के कर्मचारियों का भी मामला है। ये भी स्थाई नौकरी की मांग कर रहे हैं। करीब 4,400 कंप्यूटर टीचरों की भी ऐसी ही मांग है, जिनसे 2014 में वादा भी किया गया था, लेकिन पूरा नहीं हुआ। राज्य के 4.5 लाख सरकारी कर्मचारियों में से करीब 1.5 लाख इसी तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं। नाराजगी स्वास्थ्य और बिजली विभागों के कर्मचारियों और कुछ पेंशनधारियों में भी नजर आती है।
ये भी हैं कर्मचारियों के मुद्दे
हरियाणा के पंचकूला जैसे शहर में जहां सरकारी कर्मचारियों का सबसे बड़ा ठिकाना है, वहां वे सरकारी आवासों से जुड़े मुद्दे भी उठ रहे हैं। मसलन, पंचकूला से कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन से कुछ कर्मचारियों ने मिलकर अपने संबंध में कुछ शिकायतें की हैं। जानकारी के मुताबिक इस दौरान कई कर्मचारियों ने उन्हें बताया कि सरकारी घरों की कमी के चलते वे किराए के मकानों में रह रहे है।
सरकारी कर्मचारियों के लिए कांग्रेस के वादे
कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र जिसे वह संकल्प पत्र कह रही है, भरोसा दिया है कि अनुबंध के आधार पर नियुक्त गेस्ट टीचर, कंप्यूटर ऑपरेटर और लैब अटेंडेंट की नौकरियां पक्की की जाएंगी। पार्टी ने सभी सरकारी विभागों और बोर्डों से ठेका प्रथा समाप्त करने का विश्वास दिलाया है। हरियाणा के सभी कर्मचारियों को पंजाब के कर्मचारियों के बराबर वेतन और भत्ते देने का भी वादा किया है। साथ ही 1 जनवरी, 2016 से 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने का भी वादा किया है। उसने रिटायरमेंट की उम्र केंद्रीय कर्मचारियों की तरह 58 से 60 साल करने की भी बात कही है।
पेंशनधारियों और अन्य कर्मचारियों के लिए सुविधाएं
कांग्रेस के मुताबिक वह सुनिश्चित करेगी कि पुरानी पेंशन योजना की खास विशेषताओं को नई पेंशन योजना में जल्द लागू कर दिया जाए। आंगनवाड़ी, आशा, मिडडे मील कर्मचारियों और एनएचएम श्रमिकों के वेतन और भत्ते भी सरकारी कर्मचारियों के बराबर लाने की कोशिश करेगी। सभी बीमारियों के लिए कैशलेस मेडिक्लेम की सुविधा देने की भी बात कही है। पार्टी ने ग्रुप डी में काम कर रहे ग्रेजुएट और पीजी किए युवाओं को ग्रुप सी में लाने का भी वादा किया है। ऐसे में अगर सरकारी कर्मचारियो ने 21 तारीख को कांग्रेस का रुख किया तो नतीजा चौंकाने वाला आ सकता है।
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