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क्या संविधान में नहीं हैं उपप्रधानमंत्री, उपमुख्‍यमंत्री पद का उल्लेख, जानें सुप्रीम कोर्ट का आदेश

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बेंगलुरु। हरियाणा में जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के अध्यक्ष और हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के खिलाफ पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। मोहाली के एक वकील ने जनहित याचिका दायर कर दुष्यंत चौटाला को उपमुख्यमंत्री बनाने को लेकर चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि दुष्यंत को उपमुख्यमंत्री का दर्जा देना राज्य के खजाने पर वित्तीय बोझ बढ़ाना है। ये नियमों के खिलाफ है। संविधान में कहीं भी डिप्टी सीएम की व्याख्या नहीं है। माना जा रहा है कि याचिका पर जल्दी ही सुनवाई होगी। अब यह सवाल उठता हैं क्या वाकई में संविधान में उप मुख्‍यमंत्री पद का उल्लेख नही है, क्या कभी इससे पूर्व यह मुद्दा उठा हैं अगर उठा है तो कब और क्यों ? क्या समय समय पर राजनीतिक विवशताओं के लिए सत्ताधारी पार्टियों या गठबंधनों द्वारा इनकी नियुक्त की जाती रही हैं?

dushyant

पहले बता दें यह चुनौती मोहाली सेक्टर 59 निवासी हाईकोर्ट के वकील जगमोहन सिंह भट्टी की तरफ से दाखिल की गयी हैं। इस याचिका में कहा गया कि संविधान में उपमुख्यमंत्री पद का प्रावधान ही नहीं है। ऐसे में इस पद पर कोई नियुक्ति नहीं की जा सकती। याचिका में कहा गया कि दो राजनीतिक दलों ने आपसी समझ के साथ सरकार बनाते हुए इस पद पर नियुक्ति पर सहमति बना ली, जबकि संविधान में इसका कोई उल्लेख नहीं है। केंद्र या राज्य सरकार ऐसी कोई नियुक्ति नहीं कर सकती। ऐसे में इस पद पर नियुक्ति को खारिज किया जाए और इस पद पर दिए जाने वाले सभी लाभ व भत्ते दिए जाने पर उन्हें रिकवर किया जाए।

दुष्यंत के परदादा के उपप्रधानमंत्री पद को सुप्रीम कोर्ट में किया गया था चैलेंज

दुष्यंत के परदादा के उपप्रधानमंत्री पद को सुप्रीम कोर्ट में किया गया था चैलेंज

रोचक बात ये है कि दुष्‍यंत चौटाला जिनके हरियाणा के उपमुख्‍यमंत्री पद को कोर्ट में चैलेंज किया गया है उन्‍हीं के परदादा की उप प्रधानमंत्री की शपथ को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया गया था। तत्कालीन राष्ट्रपति रामास्वामी वेंकटरमण दुष्यंत चौटाला के परदादा देवीलाल को शपथ दिला रहे थे। राष्ट्रपति शपथ दिलाते वक्त मंत्री पद बोले, लेकिन देवीलाल ने उपप्रधानमंत्री पद बोला। इस पर राष्ट्रपति ने दोबारा मंत्री पद बोला, लेकिन देवीलाल फिर दोबारा से उप प्रधानमंत्री ही बोले। शपथ तो हो गई, लेकिन उनका उप प्रधानमंत्री पद पर शपथ लेना सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज हो गया, क्योंकि संविधान में यह पद नहीं है। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उप प्रधानमंत्री भले ही वे बन गए, लेकिन उनके पास वास्तविक अधिकार केंद्रीय मंत्री जैसे रहेंगे। देश के पहले उप प्रधानमंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल थे। बताया गया है कि दुष्यंत से पहले सिर्फ गुजरात में नितिन पटेल ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।

गौरतलब है कि हरियाणा की सियासत में ताऊ चौधरी देवीलाल की जबरदस्त तूती बोलती थी। देवीलाल की पार्टी ने 1987 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में 90 में से 85 सीटें जीतकर तहलका मचा दिया था। देवीलाल दो बार हरियाणा के सीएम रहे। हरियाणा के साथ-साथ पंजाब में विधायक रहे देवीलाल दो अलग-अलग सरकारों में देश के डिप्टी प्रधानमंत्री भी बने। उनकी राजनीतिक विरासत बेटे ओमप्रकाश चौटाला ने संभाली और चार बार हरियाणा के सीएम रहे।

 1990 में सुप्रीम कोर्ट ने दिया था ये आदेश

1990 में सुप्रीम कोर्ट ने दिया था ये आदेश

मीडिया को दिए साक्षात्कार में हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि ताऊ देवीलाल के मामले में जनवरी1990 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि केवल उप-प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेने मात्र से ही किसी के पास प्रधानमंत्री जैसी शक्तियां नहीं हो सकती हैं। वास्तविक तौर पर वह एक केंद्रीय मंत्री ही होता है। ठीक यही सिद्धांत प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पर भी लागू होता है।

गठबंधन की सरकार बनाने के लिए जा रही है नियुक्ति

गठबंधन की सरकार बनाने के लिए जा रही है नियुक्ति

गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा लिए जाने वाले हर निर्णयों और नीतियां बनाने संबंधी फाइल उपमुख्यमंत्री से होकर मुख्यमंत्री तक नहीं जाती बल्कि केवल उन्हीं विभागों और मुद्दों की फाइलें उपमुख्यमंत्री के पास जाती है जो विभाग उसे दिए जाते हैं। भारत के संविधान में कहीं भी राज्य में उप-मुख्यमंत्री और केंद्र में उप-प्रधानमंत्री के पद का उल्लेख नहीं है, फिर भी समय समय पर राजनीतिक विवशताओं के लिए सत्ताधारी पार्टियों या गठबंधनों द्वारा इनकी नियुक्त की जाती रही है।

उपमुख्‍यमंत्री का दर्जा कैबिनेट मिनिस्‍टर के बराबर

उपमुख्‍यमंत्री का दर्जा कैबिनेट मिनिस्‍टर के बराबर

हरियाणा विधानसभा के रिटायर्ड एडिशन सेक्रेट्री रामनारायण यादव का कहना है कि वैसे तो पद के हिसाब से उप मुख्यमंत्री का दर्जा कैबिनेट मिनिस्टर के बराबर ही होता है। मुख्यमंत्री यदि कहीं बाहर जा रहे हैं तो वे आपातकाल में कैबिनेट की मीटिंग बुलाने या अन्य कोई फैसले लेने के लिए उप मुख्यमंत्री समेत किसी भी सीनियर मंत्री को भी प्रभार देकर जा सकते हैं। उप मुख्यमंत्री के पास अधिकार और सुविधाएं कैबिनेट मिनिस्टर के बराबर ही होती है। जजपा नेता दुष्यंत चौटाला को हरियाणा के उप मुख्यमंत्री की शपथ दिलाने को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर चुनौती दे दी गई है। याचिका पर जल्दी ही सुनवाई होने की संभावना है। मोहाली सेक्टर 59 निवासी हाईकोर्ट के वकील जगमोहन सिंह भट्टी की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया कि संविधान में उपमुख्यमंत्री पद का प्रावधान ही नहीं है। ऐसे में इस पद पर कोई नियुक्ति नहीं की जा सकती।

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English summary
In Haryana,lawyer challenged the post of Dushyant Chautala Deputy Chief Minister ेseet in Court.Earlier, the post of Deputy Prime Minister of Devi Lal was challenged in the SC,know order.
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