किसान ने जीता हाईवे पर कब्जे का केस, जेसीबी से उखाड़ दी 70 साल पुरानी सड़क
18 साल बाद किसान ने जीता हाईवे पर कब्जे का केस, जेसीबी से उखाड़ दी सड़क
चंडीगढ़। हरियाणा के यमुनानगर में एक किसान ने कोर्ट से करीब दो दशक की लड़ाई के बाद हाईवे पर कब्जे का केस जीत लिया। उसने कोर्ट में साबित किया कि हाईवे के लिए उसकी जमीन को गलत तरह से इस्तेमाल किया गया है। कोर्ट से कब्जे का आदेश मिलने के बाद किसान ने अंबाला-जगधारी हाईवे के उस हिस्से को जेसीबी चलाकर अपने खेत में मिला लिया।
प्रशासन ने किसान से मांगी दो दिन की मोहलत
कोर्ट से कब्जा का आदेश मिलने के बाद किसान ने हाइवे पर जेसीबी मशीन चलाई तो प्रशासन में भी खलबली मच गई। किसान कश्मीर सिंह ढिल्लो ने शनिवार सुबह सड़क उखाड़नी शुरू की तो अधिकारी मौके पर पहुंचे और किसान कश्मीर सिंह ढिल्लों से 2 दिन का समय मांगा। इसके बाद उन्होंने सड़क उखाड़नी बंद कर दी।
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प्रशासन ने किसी तरह दो दिन के लिए रोका
दरअसल, सीएम मनोहर लाल खट्टर रविवार को दशहरा ग्राउंड में जनसभा के बाद चंडीगढ़ के लिए इसी रोड से रवाना होना था इसलिए अधिकारियों से हाथ-पांव फूल गए और किसान को किसी तरह सड़क ना उखाड़ने के लिए मनाया।
जमीन के मालिक का कहना है कि हमारी जमीन के बीच से कच्चा रास्ता था। साल 1951 में कच्चे रास्ते पर रोड बना दिया गया, तब जमीन का अधिग्रहण नहीं हुआ था और पक्का रोड बना दिया गया। ट्रैफिक ज्यादा हुआ तो नेशनल हाईवे घोषित कर दिया। संयुक्त पंजाब के समय में पिता व चाचा सरकार व विभाग को पत्र लिखते रहे लेकिन किसी ने बात नहीं सुनी। आखिर कोर्ट में करीब दो दशक की लड़ाई के बाद उनकी जीत हुई है।
70 साल पहले बना था रोड
कैल से जगाधरी के बीच का ये रोड बिना जमीन एक्वायर किए 70 साल पहले बनाई थी। रोड हरीपुर जट्टान मोड़ से कचरा प्लांट तक करीब 9 बीघे में किसान की जमीन पर बनी है। इसको लेकर किसान ने केस लड़ा और मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा। हाईकोर्ट ने किसान के हक में फैसला सुनाया और उसे कब्जे का आदेश दिया।
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