Congress: पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा में बना सकते हैं एक नई पार्टी
बंगलुरू। हरियाणा कांग्रेस के शीर्ष नेता व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पार्टी लाइन के खिलाफ चलकर अब उस जमात में शामिल हो गए हैं, जो मोदी सरकार के जम्मू-कश्मीर पर लिए गए फैसले का स्वागत किया है। हरियाणा में बीजेपी के पक्ष में चल रही हवा और जमीन घोटाले में हुड्डा के पांव इसकी तस्दीक करते हैं कि हुड्डा के दिमाग में अभी क्या चल रहा है।
यह तो साफ है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा डेढ़ चाल चलने वाले हैं। हालांकि इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है कि शतरंज की बिसात पर उनके घोड़े की चाल किस खाने की ओर बढ़ेगी। बावजूद इसके इतना तय माना जा रहा है कि हुड्डा का बसेरा अब कांग्रेसी डेरे से लगभग उठ चुका है। यह देखने वाली बात होगी कि हुड्डा नई पार्टी बना ते हैं अथवा चलती का नाम गाड़ी पर भी सवार हो सकते हैं।
दरअसल, कांग्रेस से नाराज चल रहे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रोहतक में आयोजित महापरिवर्तन रैली में जमकर कांग्रेस पर हमला किया। रैली में कांग्रेस पार्टी लाइन के खिलाफ बोलते हुए जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का समर्थन करते हुए कहा कि वो देश के साथ हैं। रैली में अपने संबोधन में हुड्डा ने यह कहा कि कांग्रेस पार्टी अपने रास्ते से भटक चुकी है और वो यहां सारी पाबंदियों से मुक्त होकर आए हैं।
रैली के दौरान खुद को हरियाणा मुख्यमंत्री का दावेदार बताते हुए हुड्डा जगदीश खट्टर के खिलाफ खूब आग उगला, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि वो कांग्रेस कब छोड़ रहे हैं। हालांकि उनके तीखे बयान से ऐसा अनुमान लगाना मुश्किल नहीं है कि हुड्डा के मन में क्या चल रहा है। रैली में हुड्डा ने वादा किया कि प्रदेश में उनकी सरकार बनी तो हरियाणा से अपराधियों को दो महीने में सबको अंदर कर दूंगा। किसानों को लुभाने की कोशिश करते हुए हुड्डा ने किसानों के कर्ज माफी का मुद्दा छेड़ने में देर नहीं लगाई।
बकौल हुड्डा, प्रदेश में मेरी सरकार आई तो 2 एकड़ तक के किसानों को बिजली फ्री की सुविधा दूंगा और एक बार पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू होगी। बयानों से अटकले लगाई जा रही है कि 2019 की आखिर में होने जा रही हरियाणा विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटे हुड्डा नई पार्टी बनाकर चुनाव में उतर सकते हैं।
गौरतलब है बिना कांग्रेस की अनुमति और सहमति रोहतक में महापरिवर्तन रैली करके भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपने तेवर जाहिर कर दिए हैं। माना जा रहा है कि अगर हुड्डा कांग्रेस छोड़ते हैं तो हरियाणा में कांग्रेस का वजूद भी खत्म होने के कगार पर पहुंच सकता है। इसकी तस्दीक रोहतक की रैली में मौजूद तस्वीर कर देती हैं।
महापरिवर्तन रैली में हुड्डा के बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा के अलावा पूर्व शिक्षा मंत्री और झज्जर विधायक गीता भुक्कल, महम विधायक आनंद सिंह दांगी, बेरी विधायक रघुबीर कादियान एक फ्रेम में मौजूद हैं, लेकिन सोनिया और राहुल गांधी वहां लगे गए पोस्टरों और बैनरों में भी नदारद थे। यही नहीं, हुड्डा के कांग्रेस छोड़ने की सुगबुगाहट के बावजूद महापरिवर्तन रैली में एक दर्जन मौजूदा विधायकों की मौजूदगी संकेत करती है कि हरियाणा कांग्रेस टूट की कगार पर खड़ी है।
माना जा रहा है कि महापरिवर्तन रैली के जरिए पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा एक तरफ जहां बीजेपी की खट्टर सरकार के खिलाफ संघर्ष करने वाले नेता के रूप में प्रदेश में अपनी छवि बना रहे हैं और दूसरी तरफ रैली के जरिए शक्ति प्रदर्शन करके कांग्रेस पार्टी को उनकी शर्तों पर समझौते के लिए विवश भी करना चाहते हैं, क्योंकि हुड्डा ने रोहतक की रैली में प्रदेश संगठन और ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के किसी नेता को आमंत्रित नहीं किया था। ऐसे हरियाणा कांग्रेस में टूट की संभावना और अधिक बढ़ गई है।
उल्लेखनीय है वर्ष 2005 में पार्टी नेता भजनलाल के ऊपर भूपेंद्र सिंह हुड्डा को तरजीह देकर सोनिया गांधी ने उन्हें हरियाणा के मुख्यमंत्री पद बैठाया और करीब 10 वर्ष तक हरियाणा के मुख्यमंत्री पद पर बने रहे। दोनों के रिश्ते में खटास तब आई थी, जब वर्ष 2016 में हुड्डा ने कांग्रेस के राज्यसभा कैंडिडेट आरके आनंद का समर्थन करने से मना कर दिया था। नतीजतन आरके आनंद हार गए और निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्रा जीतकर राज्यसभा पहुंच गए थे।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रोहतक रैली में भले ही अपनी नई पार्टी या मंच का ऐलान नहीं किया है, लेकिन अपनी अगली सियासी राह तय करने के लिए 25 सदस्यीय कमेटी गठिेत कर उन्होंने कांग्रेस आलाकमान के सामने अपनी मंशा साफ जाहिर कर दी है और कांग्रेस पार्टी हुड्डा के दवाब में आ गई तो हुड्डा अपनी टर्म पर हरियाणा कांग्रेस की कमान संभालने को तैयार हो जाएंगे वरना हुड्डा अगले विधानसभा चुनाव में नई पार्टी और नए चुनाव चिह्न के साथ प्रदेश चुनाव में उतर सकते हैं।
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