Haryana Board Results: चौकीदार के बेटे ने हासिल किया पहला स्थान, गोल-गप्पे बेचने वाले की बेटी आई सेकेंड
हरियाणा बोर्ड ने 10वीं कक्षा का रिजल्ट 21 मई को घोषित किया। 10वीं में जींद के कार्तिक ने पहला स्थान प्राप्त किया है, वहीं सिरसा की सोनाली ने दूसरा स्थान प्राप्त किया है। पूरे प्रदेश में पहला और दूसरा स्थान हासिल करने वाले ये दोनों ही होनहार छात्रों ने अपने जीवन में कड़ी कठिनाई का सामना किया है।
चंडीगढ़। हरियाणा बोर्ड ने 10वीं कक्षा का रिजल्ट 21 मई को घोषित किया। 10वीं में जींद के कार्तिक ने पहला स्थान प्राप्त किया है, वहीं सिरसा की सोनाली ने दूसरा स्थान प्राप्त किया है। पूरे प्रदेश में पहला और दूसरा स्थान हासिल करने वाले ये दोनों ही होनहार छात्रों ने अपने जीवन में कड़ी कठिनाई का सामना किया है। पारिवारिक परेशानी और आर्थिक हालातों का सामना करने के बावजूद इन बच्चों के हौसले नहीं टूटे और इन्होंने अपने माता-पिता का नाम पूरे प्रदेशभर में रौशन किया।
मां के सपने को बना लिया अपना सपना
जींद के रहने वाले कार्तिक सीनियर सेकेंड्री स्कूल के छात्र हैं। उनके पिता प्रेम सिंह पीडब्लूडी में चौकीदार हैं और मां का एक साल पहले ही निधन हो गया था। कार्तिक की मां चाहती थीं कि वो खूब पढ़े-लिखें और बडे़ होकर अफसर बने। मां के जाने के बाद इस सपने को कार्तिक ने अपना बना लिया और इसे हासिल करने की दिशा में काम करने लगे। इसके लिए कार्तिक ने खेल-कूद, टीवी, मोबाइल सब छोड़ दिया और दिन में रोजाना 6-7 घंटे पढ़ने लगे।
पिता की आंख से आ गए खुशी के आंसू
कार्तिक हमेशा से ही पढ़ाई में होशियार थे। उन्होंने छठीं कक्षा से 10वीं कक्षा तक की पढ़ाई स्कॉलरशिप पर की है। 10वीं में भी उन्होंने ट्यूशन नहीं लगवाए और खुद से ही सब पढ़ा। जब कोई परेशानी होती तो स्कूल में शिक्षकों से पूछ लेते। 10वीं में कार्तिक के 500 में से 498 अंक हैं। वो बड़े होकर इंडियन फॉरेन सर्विसेज (IFS) में जाना चाहते हैं। कार्तिक के पिता बेटे की कामयाबी से गदगद हैं। उनका कहना है कि बेटे ने पूरे प्रदेश में मां और परिवार का नाम रौशन किया है।
सोनाली ने भी देखे हैं मुश्किल हालात
जहां कार्तिक ने जीवन में इतनी कठिनाई का सामना किया, तो सोनाली की मुश्किलें भी कुछ कम नहीं थीं। सोनाली सिरसा के सरस्वती हाई स्कूल में पढ़ती हैं और उनके 10वीं कक्षा में 99 प्रतिशत मार्क्स आए हैं। सोनाली ने सबसे अच्छा मैथ्स और हिंदी और साइंस में परफॉर्म किया है। उनके मैथ्स में जहां 100 अंक हैं तो वहीं साइंस और हिंदी में 99 अंक हैं। सोनाली के पिता गोल गप्पे का स्टॉल लगाते हैं।
पिता ने कहा, 'अब जाकर मिली असली खुशी'
बेटी की कामयाबी पर उन्होंने कहा कि जीवन में असली खुशी तो अब जाकर मिली है। पिता भूदेव ने कहा, 'मेरी जवानी गोल-गप्पे बेचते-बेचते निकल गई। जीवन में असली खुशी अब जाकर मिली है। लग रहा कि सारी मेहनत रंग ला रही है।' अपनी कामयाबी का श्रेय सोनाली ने अपनी मां को दिया है। उन्होंने कहा कि उनकी मां का उनकी सफलता में काफी योगदान रहा है।
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