1 करोड़ की नौकरी छोड़ हरियाणा चुनाव में उतरीं नौक्षम चौधरी, बीजेपी ने इस सीट से दिया है टिकट
नई दिल्ली। हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर 21 अक्टूबर को वोटिंग होगी। वोटिंग से पहले, सभी राजनीतिक दल अपने-अपने दांव आजमा रहे हैं। इस विधानसभा चुनाव में दिग्गज खिलाड़ियों से लेकर लेक्चरर, विदेश में नौकरी करने वाले और टीवी स्टार तक अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इसे राजनीति का क्रेज ही कहिए कि एक करोड़ रुपए की नौकरी छोड़कर नौक्षम चौधरी हरियाणा के सबसे पिछड़े इलाके में से एक पुन्हाना विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरी हैं। नौक्षम का कहना है कि वह विदेश से अपने जिले के विकास के लिए भारत लौटी हैं।
नौक्षम चौधरी पुन्हाना सीट से लड़ रही हैं चुनाव
नौक्षम को बीजेपी ने पुन्हाना विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। मिरांडा हाउस कॉलेज में छात्र संघ नेता रहीं नौक्षम चौधरी ने अगस्त में ही बीजेपी की सदस्यता ली थी। वह राजनीति में आकर अपने जिले का विकास करना चाहती हैं। नौक्षम की मां आईएएस अफसर और पिता जज हैं। हरियाणा चुनाव में पुन्हाना सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाली 28 साल की नौक्षम की चर्चा आज हर कोई कर रहा है।
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अगस्त में ली थी बीजेपी की सदस्यता
नौक्षम के बारे में बताया जा रहा है कि वे 10 भाषाओं को बोलने में सक्षम हैं। उन्होंने ट्रिपल एमए किया है। मिरांडा कॉलेज के बाद वह तीन साल तक विदेश में रहीं। नौक्षम का कहना है कि वह मेवात की बेटी हैं और यहां के लोगों के लिए कुछ करना चाहती हैं। वे पीएम मोदी की लोकप्रियता से भी काफी प्रभावित हैं। हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर की जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान कम समय में अच्छी-खासी भीड़ जुटाकर चर्चा में आईं नौक्षम ने अपने गांव पैमाखेड़ा में बीजेपी की सदस्यता ली थी।
लंदन में एक करोड़ की नौकरी का ऑफर ठुकराया
पुन्हाना सीट से चुनाव लड़ने वाली नौक्षम कहती हैं कि वो लंदन में एक कंपनी ज्वाइन करने वाली थी और उनको पब्लिक रिलेशन की एक रुपए की सैलरी वाली जॉब का ऑफर मिला था। लेकिन जब वह अगस्त में अपने गांव लौटीं तो उन्हें लगा कि यहां के लोगों के लिए कुछ करना चाहिए। नौक्षम के मुताबिक, उन्हें लगा कि विदेश में वह आराम की जिंदगी बिता रही हैं और गांव के लोग यहां सुविधाओं के अभाव में जी रहे हैं। इसके बाद उन्होंने राजनीति में आने का फैसला किया और बीजेपी का दामन थामा।
हरियाणा में 21 अक्टूबर को है वोटिंग
हरियाणा विधानसभा चुनाव में नौक्षम की तरह ही बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे अरुण बीसला पेटीएम से इंजीनियर की नौकरी छोड़कर आए हैं। उनके दादा चौधरी सुमेर सिंह विधायक रह चुके हैं। हरियाणा में 21 अक्टूबर को मतदान होना है जबकि 24 अक्टूबर को चुनावों के नतीजे आएंगे। मनोहरलाल खट्टर के नेतृत्व में बीजेपी सत्ता में दोबारा वापसी की कोशिश में जुटी है, जबकि कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल भाजपा को सत्ता से बाहर करने की कोशिश में हैं।