हरसिमरत कौर ने जलियांवाला बाग नरसंहार पर अमरिंदर सिंह को घेरा, सीएम ने याद दिलाया डायर कनेक्शन
नई दिल्ली: मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने शनिवार को जलियांवाला बाग नरसंहार को लेकर पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह के रूख पर निशाना साधा। उन्होंने अमरिंदर सिंह की ब्रिटेन से जलियांवाला बाग नरसंहार पर माफी की मांग और गांधी परिवार से ऑपरेशन ब्लूस्टार के लिए माफी की मांग ना करने पर आलोचना की। इसके बाद अमरिंदर सिंह ने भी उन पर जवाबी हमला बोला और उनका डायर कनेक्शन याद दिलाया।
'गांधी परिवार की ऑपरेशन ब्लू स्टार पर माफी का क्या'
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने शनिवार को ट्वीट कर अमरिंदर सिंह पर निशाना साधते हुए ऑपरेशन ब्लू स्टार पर माफी को लेकर सवाल किया। उन्होंने ट्विट में कहा कि अमरिंदर सिंह जलियांवाला बाग हत्याकांड के लिए ब्रिटिश सरकार से माफी मांग रहे हैं। ऑपरेशन ब्लू स्टार के लिए गांधीजी से माफी के बारे में क्या? इंदिरा गांधी ने पीएम रहते हुए साल 1984 में हरमंदिर साहिब परिसर (स्वर्ण मंदिर) में हथियार जमा कर रहे आतंकियों से निपटने के लिए सैन्य कार्रवाई का का आदेश दिया था। सेना के इस ऑपरेशन को ब्लू स्टार कहा जाता था
राहुल को लेकर कैप्टन से पूछा सवाल
हरसिमरत कौर बादल ने एक और ट्वीट में अमरिंदर सिंह पर कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को श्री अकाल तख्त साहिब में ले जाने पर हमला बोला। उन्होंने ट्विट किया कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह राहुल गांधी को श्री अकाल तख्त साहिब लेकर गए, लेकिन वह उनसे ये पूछने की हिम्मत नहीं जुटा पाए कि क्या वो कांग्रेस की तरफ से टैंकों और मोर्टार के जरिए सिखों के सर्वोच्च धर्मस्थल को ध्वस्त करने के पाप को स्वीकार करते हैं। वह यहीं नहीं रुकी। ये जलियांवाला बाग नरसंहार को लेकर ब्रिटिश से माफी के साथ कैसा विरोधाभास है।
अमरिंदर सिंह ने जनरल डायर कनेक्शन याद दिलाया
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने थोड़ी देर बाद हरसिमरत कौर बादल को जवाब देते हुए ट्विट में लिखा कि क्या आपने, आपके पति सुखबीर सिंह बादल ने, या उनके पिता प्रकाश सिंह बादल ने कभी तुम्हारे महान दादा सरदार सुंदर सिंह मजीठिया के लिए माफी मांगी, जिन्होंने जलियांवाला बाग नरसंहार के दिन जनरल डायर को शानदार डिनर के लिए माफी मांगी? इसके बाद साल 1926 में उनकी वफादारी और उनके कामों के लिए नाइटहुड की उपाधि दी गई।
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13 अप्रैल 1919 को हुआ जलियांवाला बाग नरसंहार
13 अप्रैल 1919 को वैसाशी के दिन सिख समुदाय के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है, उसे मनाने के लिए स्वर्ण मंदिर के पास समारोह स्थल पर एक शांतिपूर्ण भीड़ एकत्र हुई थी। तभी कर्नल रेजिनाल्ड डायर के नेतृत्व में 90 से अधिक ब्रिटिश भारतीय सेना के सैनिकों ने बिना किसी चेतावनी या आदेश के 20,000 से अधिक निहत्थे पुरुषों, महिलाओं और बच्चों पर गोलियां चला दीं। इसमें सैकडो़ लोगों की मौत हो गई। ज्यादातर लोगों की मौत भगदड़ और गोलियों से बचने के लिए कुंए में छलांग मारने की वजह से हुई। हालांकि ब्रिटिश सरकार इस नरसंहार में मरने वालों की संख्या 379 और घायलों की संख्या 1200 बताती है।
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