शेयर बाजार में हुआ 1000 करोड़ के घाटा, अंडरगार्मेन्ट्स कंपनी का एमडी 20 दिनों से लापता
मुंबई। अंडरगार्मेन्ट्स कंपनी आशापुरा इन्टीमेट फैशन लिमिटेड के एमडी और चेयरमैन हर्षद ठक्कर मुंबई स्थित ऑफिस से करीब 20 दिन से लापता बताए जा रहे हैं। ठक्कर को अंतिम बार 2 अक्टूबर को अपने ऑफिस में अंतिम बार देखा गया था। उनके परिवार ने 8 अक्टूबर को हर्षद के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज करायी है। मुंबई मिरर के मुताबिक, हर्षद का मोबाइल फोन, वॉलेट और पासपोर्ट उनके ऑफिस में ही मिला है। पुलिस जांच में हर्षद द्वारा गुजराती में लिखा हुआ एक नोट मिला है, जिसमें उन्होंने निवेशकों से हानि के लिए माफी मांगी है।
नुकसान के लिए कॉम्पटीटर को दोषी ठहराया
हर्षद ने नोट में लिखा कि, मुझे किसी से कुछ भी नहीं चाहिए। मुझे किसी चीज की कोई आवश्यकता नहीं है और मुझे नहीं पता कि मेरे साथ क्या होगा। मैं आपसे क्षमा मांग रहा हूँ। मैं इस बोझ के साथ नहीं जी सकता कि मैं इतने सारे लोगों के नुकसान का ज़िम्मेदार हूं। इस नोट में हर्षद ने अपनी कंपनी को हुए नुकसान के लिए कॉम्पटीटर को दोषी ठहराया है। बाजार के सूत्रों के मुताबिक, आशापुरा इंटीमेट्स कंपनी पिछले छह महीनों से मुश्किल दौर से गुजर रही थी। इस दौरान कंपनी का टोटल मार्केट कैपिटलाइजेशन करीब 1000 करोड़ रुपये से नीचे गिर गया है।
अगस्त तक सबस कुछ ठीक चल रहा था कंपनी में
कंपनी ने 10 अक्टूबर को एक बयान जारी कर अपने शेयरधारकों को एमडी के गायब होने और कंपनी की ग्रोथ के लिए सही कदम उठाने के बारे में सूचित किया था। नाम ना बताने की शर्त पर उनके कुछ व्यापार सहयोगी ने बताया कि, हर्षद की कंपनी हाल के महीने तक ठीक चल रही थी। 2017-18 में कंपनी ने 384.27 करोड़ रुपये का कारोबार किया और 62.19 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 194 फीसदी था। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भी कंपनी ने 4.60 करोड़ रुपये का लाभ कमाया था। सितंबर के आखिरी छमाही में कंपनी का शेयर अचानक 445 रुपये प्रति शेयर से गिरकर 350 रुपये पर आ गए थे।
सेल्समैन से बिजनेसमैन तक का सफर
ठक्कर ने इस संभालने की कोशिश भी की लेकिन यह नहीं संभल सका। शुक्रवार को ट्रेडिंग के दौरान आशापुरा के शेयर में भारी गिरावट हुई उसके शेयरों की कीमत 125.75 रुपए रह गई। शुक्रवार को कंपनी का मार्केट वेल्यू 317.03 करोड़ रह गई जो पिछले साल 1,434 करोड़ रुपये थी। ठक्कर 1993 में गुजरात के कच्छ से मुंबई आए थे। वह यहां अपने अंकल के लिंजरी स्टोर पर बतौर सेल्स पर्सन काम करते थे। यहां हर्षद ठक्कर ने तीन साल काम किया। इसके बाद अपना बिजनेस शुरू किया। जिसके बाद हर्षद का बिजनेस चल निकला। बाद में हर्षद ने अपनी कपनी खोली, जिसे उन्होंने 2013 में बॉम्बे स्टोक एक्सचेंज में लिस्ट कराया।
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