कौन हैं हरप्रीत सिंह, जिन्होंने इंडियन एयरलाइंस की पहली महिला CEO बनकर रचा इतिहास
नई दिल्ली। भारतीय विमानन क्षेत्र के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब किसी महिला को सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय विमान सेवा कंपनी इंडियन एयरलाइंस की सीईओ (CEO) नियुक्त किया गया है। एअर इंडिया की वर्तमान एक्सक्यूटिव डायरेक्टर (उड़ान सुरक्षा) हरप्रीत ए डी सिंह (Harpreet AD Singh) अब इंडियन एयरलाइंस की नई सीईओ होंगी। वहीं वरिष्ठ कमांडरों में से एक कैप्टन निवेदिता भसीन को एआई (AI) की नई एक्सक्यूटिव डायरेक्टर बनाया गया है।
अगले आदेश तक इंडियन एयरलाइंस की सीईओ रहेंगी हरप्रीत
मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक एआई के सीएमडी राजीव बंसल ने शुक्रवार को एक आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि हरप्रीत ए डी सिंह अगले आदेश तक एलायंस एयर के सीईओ पद का कार्यभार संभालेंगी। बता दें कि हरप्रीत ए डी सिंह ने ऐसा करके भारतीय विमानन क्षेत्र में इतिहास रच दिया है। इसके अलावा ड्रीमलाइनर बोइंग 787 चला रही कैप्टन निवेदिता भसीन के अनुभव को देखते हुए उन्हें एआई एक्सक्यूटिव डायरेक्टर के साथ-साथ कई अन्य विभागों का प्रमुखों बनाया गया है।
कौन हैं हरप्रीत सिंह?
हरप्रीत ए डी सिंह साल 1988 में एयर इंडिया द्वारा चयनित हुई थीं, हालांकि स्वास्थ्य समस्याओं के चलते वह कभी विमान नहीं उड़ा सकीं। इस दौरान वह उड़ान सुरक्षा के क्षेत्र में काफी सक्रिय रहीं और सिंह ने भारतीय महिला पायलट एसोसिएशन का नेतृत्व भी किया है। हरप्रीत, भसीन और अन्य वरिष्ठ महिला कमांडरों को नई महिला पायलेट अपना रोल मॉडल मानती हैं। आपको बता दें कि 1988 में महिला पायलटों की नियुक्ति करने वाली एयर इंडिया देश की पहली भारतीय एयरलाइन थी।
सरकारी कंपनी ही रहेगा एलायंस एयर
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एलायंस एयर अभी के लिए एक सार्वजनिक उपक्रम बना रहेगा क्योंकि एयर इंडिया-एआई एक्सप्रेस-एआईएसएटीएस गठबंधन के साथ इसे बेचा नहीं जा रहा है। अगर महाराजा को खरीदार मिलता है और उसका निजीकरण होता है तो एअर इंडिया की पुराने बोइंग 747 को एलायंस एयर में स्थानांतरित किया जाएगा। बता दें कि बोइंग 747 के बास वर्तमान में टर्बोप्रॉप का एक बेड़ा है।
पायलट के तौर पर रिजेक्ट हो गई थीं हरप्रीत
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हरप्रीत सिंह पायलट बनने के लिए एयर इंडिया में चयनित हो गई थीं लेकिन उनके पहले ही मेडिकल टेस्ट के कारण उन्हें अनफिट घोषित कर दिया गया था। इसके बाद वह यूएसए चली गईं और वहां फ्लाइट इंस्ट्रक्टर बन गईं। इसके बाद भारत लौटीं और एयर इंडिया में शामिल हो गईं। उड़ान सुरक्षा के प्रमुख के रूप में उनका कार्य यह सुनिश्चित करना था कि पायलट सभी सुरक्षा मानदंडों का पालन करें।
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