गुजरात में गुरूर तोड़ा, मध्य प्रदेश, राजस्थान में भी भाजपा को रोकूंगा: हार्दिक
नई दिल्ली। गुजरात विधानसभा चुनाव में इस बार हार्दिक पटेल लगातार चर्चाओं में रहे। ये युवा पाटीदार नेता लगातार भाजपा को हराने की अपील जनता से करता रहा, चुनाव में हालांकि भाजपा जीत गई लेकिन उसकी सीटें जरूर कम हो गईं। हार्दिक ने भाजपा को 60 सीटें मिलने की बात कही थी लेकिन भाजपा ने 99 सीटें हासिल कर सरकार बना ली।इसके बावजूद हार्दिक निराश नहीं हैं। उन्होंने परिणामों को भाजपा के लिए खतरा बताते हुए 2019 के लोकसभा के लिए जुट जाने की बात कही है। गुजरात के नतीजों के बाद हार्दिक ने एनबीटी को दिए इंटरव्यू में कई सवालों के जवाब दिए हैं।
ग्रामीण इलाकों में भाजपा साफ हो गई है: हार्दिक
हार्दिक का कहना है कि मेरी वजह से जो कांग्रेस पिछले 25 साल से एक कमजोर विपक्ष की भूमिका में थी उसे अब मजबूती मिलेगी। यह मेरे लिए गर्व की बात है कि जिस पार्टी ने गुजरात ने 150 सीटें जीतने का दावा किया था, उसका गुरूर तोड़ने पर उन्हें गर्व है। हार्दिक ने कहा कि अधिकांश ग्रामीण इलाकों में खासकर सौराष्ट्र में बीजेपी का सफाया हो गया है। शहर में भी बीजेपी की जीत का अंतर कम हुआ है। यह दिखाता है कि हमारे आंदोलन ने उन्हें कितनी चोट पहुंचाई है लेकिन अभी हमारी तरफ से और अधिक प्रयास की जरूरत है। मैं यह बात पुख्ता यकीन से कह सकता हूं कि बीजेपी ने ईवीएम के साथ छेड़छाड़ कर 10 से 12 सीटें जीती हैं। अगर बीजेपी को इतना यकीन है तो वीवीपीएटी की गणना को अनुमति दी जानी चाहिए।
मेरी चेतावनी के बाद भाजपा ने कम की ईवीएम में सैटिंग
हार्दिक का कहना है कि मेरी चेतावनी के बाद ईवीएम टेम्परिंग बड़ी कुशलतापूर्वक किया गया और इसे 99 सीटों तक सीमित कर दिया गया। नहीं तो ईवीएम के साथ हेराफेरी करके वे 125 सीटें तक जीत सकते थे। इसको लेकर मैंने चुनाव आयोग का रुख नहीं किया क्योंकि वह मुझे व्यर्थ लगा, आयोग भी विश्वसनीय नहीं रहा। इस वजह से ही मैंने 2019 लोकसभा चुनाव ईवीएम के बजाय बैलट पेपर से कराये जाने की मांग उठाने की गुजारिश की। हार्दिक ने कहा कि मैं जल्द ही ईवीएम को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर करूंगा।
2019 में मोदी को छोड़ कोई भी बने पीएम
हार्दिक ने अगले साल मध्य प्रदेश और राजस्थान में बीजेपी के खिलाफ आंदोलन करने की बात कही है। हार्दिक ने कहा कि वो 2019 लोकसभा चुनाव तक आराम नहीं करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात में भाजपा और पीएम मोदी सांप्रदायिक भावनाएं छेड़ने के लिए खिलजी, औरंगजेब और पाकिस्तान को भाषणों में लाते रहे। गांवों में रहने वाली जनसंख्या ने इस पर ध्यान ही नहीं दिया क्योंकि उनकी जरूरत रोटी, कपड़ा और मकान है लेकिन ध्रुवीकरण ने शहरी इलाकों में काम कर दिया। हार्दिक ने कहा कि जिग्नेश और अल्पेश के साथ वो संपर्क में हैं और कोटा, बेरोजगारी, किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य और बाकी मुद्दों पर साथ लड़ेंगे। हार्दिक ने कहा कि 2019 में वो मोदी को छोड़ किसी को भी पीएम के रूप में देखने को तैयार हैं।
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