जेट एयरवेज संकट पर केंद्रीय उड्डयन मंत्री का बड़ा बयान, कहा- फंड जुटाना उसका आंतरिक मामला
नई दिल्ली। बंद पड़ी जेट एयरवेज को लेकर लोकसभा में किए गए सवाल पर नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने जवाब दिया है। हरदीप पुरी ने कहा कि जेट एयरवेज का पुनरुद्धा केवल इंसॉल्वेंसी दिवालियापन संहिता के तहत ही संभव है। उन्होंने कहा कि वित्तीय संसाधनों का विकास करना और बिजनेस प्लानिंग के अनुसार कुशल संचालन सुनिश्चित करना एयरलाइन की जिम्मेदारी है।
हरदीप पुरी ने कहा कि जेट एयरवेज के लिए धन जुटाने में भारत सरकार की कोई भूमिका नहीं है, क्योंकि यह एयरलाइन का आंतरिक मामला है। इसके अलावा उन्होंने विपक्ष की ओर से किए गए कई अहम सवालों का जवाब भी दिया है जिसमें बढ़ते किराए का भी मुद्दा उठाया था। हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि किसी प्राकृतिक आपदा या मानवीय कारणों से पैदा हुई आपात स्थितियों के समय टिकट की मांग बढ़ जाती है।
उन्होंने कहा कि इससे कम कीमत वाले टिकट जल्दी बिक जाते हैं और लोग अधिक कीमत की टिकट खरीदते हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादा पैसे वाले टिकट लेने से यात्रियों को ही नुकसान होगा क्योंकि ऐसा गया है कि इस स्थिति में लोग सस्ते टिकट खरीदने के बदले ज्यादा किराए पर टिकट खरीदते हैं। इस दौरान विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने पूछा कि क्या मंत्री आपदा के समय ज्यादा हवाई किराए को उचित ठहराने की कोशिश कर रहे हैं। पुरी ने कहा कि साल 1994 तक सरकार हवाई किराया नियंत्रित करती थी लेकिन उसके बाद इसे सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर दिया गया। अब कंपनियां बाजारों के आधार पर किराय तय करती है।
Civil Aviation Minister Hardeep Puri in Lok Sabha on a question on the closure of Jet Airways: Government of India has no role in raising funds for Jet Airways, as it is an internal matter of the airline. (file pic of Hardeep Puri in the earlier tweet) https://t.co/93d7mQ6wAG
— ANI (@ANI) June 27, 2019
बता दें कि नकदी संकट की वजह से जेट एयरवेज को बीते 17 अप्रैल को अपना परिचालन बंद करना पड़ा। जेट के कर्जदार पिछले 5 महीने से एयरलाइंस को बेचने की कोशिश कर रहे थे पर बेच नहीं सके। संचालन बंद होने की वजह से हजारों की संख्या में कर्मचारी घर पर बैठे हैं। कंपनी को फिर से शुरू करने के लिए कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन भी किया था।
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